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Friday, January 3, 2025, 11:49 am

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डाक विभाग सेंट्रल डिलीवरी सिस्टम लागू करेगा, एक ही जगह से होगी डाक वितरित, मर्ज होंगे पोस्ट ऑफिस

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– कर्मचारियों की कमी का तोड़…प्रधान डाकघर से पोस्टमैनों को ले जानी होगी डाक सामग्री, कर्मचारी विराेध में उतरे, 23 सितंबर से 3 महीने के लिए पायलट प्रोजेक्ट हो चुका शुरू

सोहनलाल वैष्णव. बोरुन्दा (जोधपुर)

भारतीय डाक विभाग अब सेंट्रल डिलीवरी सिस्टम (सीडीएस) लागू करने की तैयारी में है। यह लागू होते ही डाकघरों को मर्ज किया जाएगा। कर्मचारी इस योजना के खिलाफ हो गए हैं। कर्मचारियों का कहना है कि डाक विभाग पहले इसे पंजाब में लागू कर चुका है। वहां डाक व्यवस्था चरमरा गई थी। अब वापस पुराने सिस्टम की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में इसे राजस्थान में लागू करने का कोई महत्व नहीं है।

जानकारी के अनुसार शहरों में डाकघरों की संख्या एक से अधिक है वहां की सभी शाखाओं को चरणबद्ध तरीके से विलय कर सेंट्रलाइज किया जाएगा। इसमें कर्मचारियों की संख्या भी कम की जाएगी, जबकि काम उतना रहेगा या बढ़ेगा। वर्तमान में प्रदेश में डाकघर के डाकघरों में पोस्टमैन के कुल 2026 पद स्वीकृत हैं। विभाग द्वारा इनमें से केवल 1142 पदों पर विभागीय पोस्टमैन एवं कुछ डाकघरों में व्यवस्था के रुप में कुछ पदों पर सेवानिवृत्त पोस्टमैन एवं सीडीएस के द्वारा खानापूर्ति की जा रही है। रिक्त पदों से जूझ रहे राजस्थान में इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

विभाग ने सीडीएस योजना को लागू करने के लिए सभी डाकघरों के डाकपालों को सर्कुलर जारी कर दिया है। शुरुआत में जोधपुर में इसे प्रयोगिक तौर 23 सितंबर 2024 से 3 माह के लिए लागू किया गया। सर्कुलर के तहत योजना शुरू करने से पहले कर्मचारियों को ट्रेनिंग दिलवाने सहित अन्य कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। उधर, लंबे समय से रिक्त पदों की समस्या से जूझ रहे पोस्टमैनों को ये आदेश मिलने से रोष व्याप्त है। उनका कहना है पहले से ही आधे पद रिक्त हैं, जिसके कारण अतिरिक्त कार्य करना पड़ रहा है। ऐसे में यदि संख्या इससे भी कम हो जाएगी तो आमजन को डाक विभाग की सुविधाएं समय पर मिलना मुश्किल आएगी।

अधिकांश मंडल विरोध में, बीट संख्या में नहीं किया बदलाव

गत 13 सितंबर को पोस्ट मास्टर जनरल (राजस्थान) की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न मंडलों से प्राप्त बीट रेशनलाइजेशन की रिपोर्ट पर समीक्षा की गई। जिसमें सामने आया कि जोधपुर संभाग के अधिकांश मंडलों ने अपनी रिपोर्ट में पोस्टमैन की संख्या को यथावत रखा है। इसके बाद सहायक निदेशक कार्यालय पोस्टमास्टर जनरल पश्चिम राजस्थान ने रिपोर्ट भेजने वाले इन सभी मंडलों को पत्र लिखकर उनके द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में बीट संख्या यथावत रखने को मंडलों की औपचारिकता कार्यवाही माना। इन सभी मंडलों को अगस्त 2024 के आंकड़े के अनुसार बीट रेशनलाइजेशन कर 17 सितंबर तक पुन: निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था।

सरप्लस पदों को शहर के नजदीकी डाकघरों में होंगे समायोजित बीट रेशनलाइजेशन के तहत पोस्टमैन के लिए औसतन रोजाना 60 अकाउंटेबल आर्टिकल तथा जीडीएस के लिए 40 अकाउंटेबल आर्टिकल के अनुसार समीक्षा की जाएगी। जिसके तहत सरप्लस हुए पदों में से एलआर की व्यवस्था करते हुए शेष रहे सरप्लस पदों को उसी शहर के नजदीकी वितरण डाकघरों में या अन्य विभागीय लक्ष्यों की पूर्ति में समायोिजत किया जाएगा।

जोधपुर में रोजाना 16 हजार से ज्यादा डाक

जोधपुर में कुल 112 पोस्टमैन कार्यरत हैं। यहां रोजाना करीब 16 हजार डाक को विभिन्न घरों तक पहुंचाना पड़ता है। ऐसे में प्रति पोस्टमैन रोजाना की 142 डाक सर्कुलेट करनी ही पड़ेगी। ऐसा नहीं किए जाने पर पेंडेंसी बढ़ जाती है। लोगों तक तय समय में डाक की सप्लाई नहीं हो पाती।

यूं समझें डाक विभाग की सेंट्रल डिलीवरी सिस्टम का गणित

{ वर्तमान में जोधपुर शहर में कुल 168 पोस्टमैन के पद स्वीकृत हैं। जिसमें से 112 पदों पर पोस्टमैन कार्य कर रहे हैं, शेष 56 पद रिक्त हैं। {सेंट्रल डिलीवरी सिस्टम के तहत पहले चरण में कचहरी (22 पोस्टमैन), रेजिडेंसी रोड (16 पोस्टमैन) और प्रधान डाकघर (34 पोस्टमैन) के कुल 72 पोस्टमैन की बीटों को तोड़कर संख्या 40 करने का सकुर्लर जारी किया गया है।
{ दूसरे चरण में नंदनवन कुम बी कोठी और शास्त्रीनगर के ऑफिस के पोस्टमैन की बीटों को तोड़ा जाएगा। ( इसका सर्कुलर जारी नहीं हुआ है)
{ इसके बाद तीसरे चरण में पहले दोनों चरणों के कार्यालयों का विलय कर एक सेंट्रलाइज ऑफिस तैयार किया जाएगा, जहां से सारी व्यवस्थाएं संचालित होगी।

राजस्व घटेगा, साथ में ग्राहक परेशान होंगे 
डाकघर वितरण केंद्रों को मर्ज करने से डाक विभाग के राजस्व में कमी आएगी। साथ ही ग्राहकों को डाक सामग्री लेने में दिक्कतें आएंगी। शहर जनसंख्या और क्षेत्रफल की दृष्टि से बढ़ रहे हैं। यहां पोस्टमैन बढ़ाने की बजाय घटा रहे हैं। पंजाब में यह व्यवस्था फेल हाे चुकी है।
– मदनदास वैष्णव, संरक्षक, डाकघर बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति, जोधपुर।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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