राणा पूंजा सोलंकी स्मृति व्याख्यान रविवार को
शिव वर्मा. जोधपुर
मारवाड़ राजपूत सभा की ओर से राणा पूंजा सोलंकी की पहचान एवं इतिहास विकृतिकरण के प्रयासों के विरोध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। मारवाड़ राजपूत सभा के महासचिव केवी सिंह चांदरख ने बताया कि मेवाड़ के पानरवा ठिाने से संबंधित महान योद्धा सोलंकी राजपूत राणा पूंजा सोलंकी की पहचान एवं इतिहास को लेकर भ्रामक प्रचार करते हुए कुछ संस्थाओं व संगठनों द्वारा जयंती का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें उन्हें भील जाति से संबंधित बताया जा रहा है। ऐसे विवादास्पद आयोजनों के विरोध में मारवाड़ राजपूत सभा द्वारा जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इस प्रकार के कार्यक्रम रोकने तथा आयोजकों को पाबंद करने हेतु आवश्यक प्रशासनिक कार्रवाई की मांग की गई।
मारवाड़ राजपूत सभा अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा ने बताया कि मातृभूमि की रक्षार्थ आजीवन विदेशी आक्रांताओं से लड़ने वाले महाराणा प्रताप की सेना में सहयोगी रहे समस्त आदिवासी एवं भील सहयोग वंदनीय है एवं उनका सम्मान किया जाना चाहिए। लेकिन महापुरुषों एवं योद्धाओं की जातीय पहचान एवं इतिहास के विकृतिकरण के प्रयासों को रोका जाना चाहिए। अन्यथा सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका रहती है एवं उन महापुरुषों के परिवारों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है।
खांगटा ने बताया कि जोधपुर जिले के ग्रामीण अंचल में कुछ संगठनों द्वारा राणा पूंजा को भील समाज से बताकर उनकी जयंती के अवसर पर इतिहास विकृतिकरण का प्रयास किया जा रहा है। जो कि अनुचित एवं निंदनीय है। ज्ञापन के दौरान मारवाड़ राजपूत सभा के महासचिव केवी सिंह चांदरख, श्री गजसिंह शिक्षण संस्थान ओसियां के अध्यक्ष गोपाल सिंह भलासरिया, कार्यकारिणी सदस्य सवाईसिंह गोलियामगरा, चंद्रवीर सिंह बड़ला, लोकेंद्रसिंह शक्तावत, लक्ष्मणसिंह देवलिया, सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
कल शाम 6 बजे होगा व्याख्यान
राणा पूंजा सोलंकी की स्मृति में रविवार को शाम 5 बजे पावटा बी रोड स्थित मारवाड़ राजपूत सभा भवन में व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। मारवाड़ राजपूत सभा महासचिव केवी सिंह चांदरख ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राणा पूंजा सोलंकी की जयंती के अवसर पर इतिहासविदों एवं इतिहास शोधार्थियों के सान्निध्य में राणा पूंजा सोलंकी स्मृति व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें राणा पूंजा सोलंकी के व्यक्तित्व एवं उनके कृतित्व पर एवं महाराणा प्रताप के समकालीन इतिहास में राणा पूंजा के योगदान पर प्रकाश डाला जाएगा।
