भरत जोशी. जोधपुर
स्वामी ईश्वरानंद गिरि महाराज द्वारा दईजर लाछा बासनी में स्थापित संवित धाम आश्रम में 11 अक्टूबर को अपराह्न 1 बजे से चंडी हवन होगा, जिसमें नागकेशर, मेहंदी, सिंदूर, अभ्रक, कमल गट्टा, मक्खन, हरा साग सहित सर्व औषधियों से आहुतियां दी जाएंगी। अपराह्न 4.30 बजे चंडी हवन की पूर्णाहुती होगी। संत सरोवर सोमाश्रम, माउंट आबू के अधिष्ठाता स्वामी नारायण गिरि महाराज के सान्निध्य में नौ कुंडीय हवन होगा। महेश हर्ष, शेखर थानवी, कमलेश पनिया, शैलेश व्यास और तरुण व्यास के साथ सभी साधक सामूहिक दुर्गा सप्तसती का पाठ करेंगे। 11 अक्टूबर को संवित धाम का वार्षिकोत्सव भी है। प्रातः 11 बजे भगवती गिरि राजेश्वरी का वैदिक मंत्रों से विस्तार से पूजन और अभिषेक होगा। गिरि राजेश्वरी का वर्ष में एक बार ही शारदीय नवरात्रि की अष्टमी पर अभिषेक होता है।
संवित साधनायन संस्थान के कोषाध्यक्ष श्यामकिशोर बोहरा और सह कोषाध्यक्ष रामराज पुरोहित ने बताया कि संवित धाम में विराजित भगवती गिरि राजेश्वरी की आराधना व पूजन संपूर्ण नवरात्रि में चल रहा है। प्रतिदिन प्रातः सामूहिक रूप से सभी साधक दुर्गा सप्तशती का पाठ कर रहे हैं। दुर्गाअष्टमी पर 11 अक्टूबर को नौ कुंडीय चंडी हवन का शुभारंभ गणपति पूजन व पीठादी पूजन से होगा। बाद में गणपति, सर्व देवता, स्थापित देवता, षोडश मातृका, सप्त मातृका, आगार आहुति, श्रीसुक्त से लक्ष्मीजी की आहुति और श्री दुर्गासप्तसति से चंडी आहुतियां दी जायेगी। घृत, शाक्ल्या, सर्व औषधि के साथ साथ हरी सब्जी, नागकेशर, कमल कंठ, सिंदूर, मक्खन, और मेहंदी से भी आहुतियां दी जायेगी। पूर्णाहुति के बाद सायं 5 बजे से सार्वजनिक धर्म सभा होगी जिसमे स्वामी नारायण गिरि महाराज का प्रवचन भी होगा।