गजेंद्रसिंह राज पुरोहित. जोधपुर ग्रामीण
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर ने एक दशक की उपलब्धियों और शैक्षणिक उत्कृष्टता का सम्मान करते हुए 10वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सहित प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इन सम्मानित अतिथियों में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, ऑल इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राम माधव भी शामिल हुए।
कुल मिलाकर 1084 डिग्रियां प्रदान की गई। जो छात्रों व शिक्षकों दोनों की कड़ी मेहनत व समर्पण का परिणाम है। इस दीक्षांत समारोह में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जेव अभियांत्रिकी, रसायन अभियांत्रिकी, सिविल अभियांत्रिकी, कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी, विद्युत अभियांत्रिकी, यांत्रिक अभियांत्रिकी एवं धातुकर्म अभियांत्रिकी में विशेषज्ञता के साथ 425 बीटैक स्नातकों को डिग्री प्रदान की। इसके अतिरिक्त 76 छात्र रसायन विज्ञान, संज्ञानात्मक विज्ञान, डिजिटली मानविकी, गणित और भौतिकी जैसे क्षेत्रों में एमएससी की डिग्री प्राप्त कर रहे हैं। जिनमें से 17 स्नातक एकीकृत एमएससी, एमटेक कार्यक्रम पूरा कर रहे हैं। 370 एमटेक स्नातक आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, संवर्धित और आभासी वास्तविकता, साइबर भौतिक प्रणाली, पर्यावरण अभियांत्रकी, रोबोटिक और स्मार्ट सहित विविध क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस समारोह में 77 एमबीए और एमबीए टेक्नोलॉजी स्नातकों, फर्स्ट एमटेक, पीएचडी, दोहरी उपाधि वाले स्नातक, 7 चिकित्सा प्रौद्योगिकी में मास्टर स्नातकों और 24 पीएचडी स्नातकों को भी सम्मानित किया गया।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर के निर्देशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने संस्थान की पिछले 10 वर्षों की यात्रा पर प्रकाश डालते हुए व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की। प्रो. अग्रवाल ने कहा- हमारा संस्थान न केवल विकसित हुआ है, बल्कि स्वयं को ज्ञान व शोध के केंद्र के रूप में ढाला है। इस वर्ष स्नातक वर्ग को बढ़ावा देने के लिए हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो समाज में सार्थक योगदान देगा। निर्देशक ने सभी स्नातकों को बधाई दी और ईमानदारी, नवाचार और सामाजिक योगदान के मूल्यों को बनाए रखने की उनकी जिम्मेदारी पर जोर दिया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ज्ञान और प्रोत्साहक के शब्दों के साथ सभा को संबोधित किया। गुणवतापूर्वक शिक्षा पर विचार करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर जैसे संस्थान ऐसे मस्तिकों का पोषण कर रहे हैं जो आने वर्षों में भारत की प्रगति को आगे बढ़ाएंगे। ऐसे प्रतिभाशाली विद्याद्याथिर्यों को स्नातक होते हुए देखना सौभाग्य की बात है तो निसंदेह विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावशाली योगदान देंगे।