राखी पुरोहित. जोधपुर
क्रिया भवन में ज्ञान पंचमी का पर्व श्रद्धा से मनाया। प्रथम बार हाथों से बने ज्ञान उपकरणों का श्रद्धालुओं ने लाभ उठाया । ज्ञान की स्वर लहरियों से क्रिया भवन गूंज उठा । प्राचीन ग्रंथ आगम शास्त्र सूत्रों की भव्य सजावट की गई। संघ प्रवक्ता धनराज विनायकिया ने बताया कि मुनि जगतपूज्यविजय आदि साधु साध्वीवृंद के सान्निय में आराधना, साधना, ज्ञान का महापर्व ज्ञान पंचमी को लेकर ज्ञान साहित्य आगम सूत्रों की सजावट की गई।
कागज, कलम, स्याही अकिक पत्थर स्लेट पाटी ठमणी आदि विभिन्न कई ज्ञान के उपकरणों का लाभ लिया व श्रद्धालुओं ने ज्ञान पंचमी तप तमे करो रे प्राणी जिम जाणे निर्मल ज्ञान रे …पहिले ज्ञान ने पछी क्रिया ना कोई ज्ञान समान रे…नंदी सूत्र मां ज्ञान वखानु ज्ञान पांच प्रकार रे मति श्रुत अवधी ने मन पर्यव केवल ज्ञान की करें आराधना आदि महिमा गुणगान किया गया। संयोजक अमृतराज गोलियां ने बताया ज्ञान की महिमा पर बोलते हुए मुनि जगतपूज्यविजय ने कहा कि ज्ञान के बिना मनुष्य पशु तुल्य है। उन्होंने सामयिक व परमात्मा पूजा का महत्व बताते हुए कहा कि दोनों का भी बहुत बड़ा महत्व है। ज्ञान की वृद्धि से ही आत्मा का उद्धार होता है। हमें ज्ञान की उपेक्षा कभी नहीं करनी चाहिए।