राखी पुरोहित. बीकानेर
राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति के लिए समर्पित प्रवासी राजस्थानी प्रतिभाओं को प्रति वर्ष राजस्थानी पुरोधा महान इटालियन विद्वान डॉ. लुईजि पिओ टैस्सीटोरी की स्मृति में प्रज्ञालय संस्थान एवं श्रीमती कमला देवी-लक्ष्मीनारायण रंगा ट्रस्ट द्वारा टैस्सीटोरी प्रज्ञा-सम्मान अर्पित किया जाता है। राजस्थानी के वरिष्ठ साहित्यकार एवं आयोजक संस्था के कमल रंगा ने बताया कि उक्त प्रतिष्ठित सम्मान हेतु खासतौर से देश की महत्वपूर्ण सांस्कृतिक धरा बंगाल से राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति के लिए प्रतिभाओं का चयन, कोलकाता में संस्था के संयोजक वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी हिंगलाजदान रतनू एवं सहसंयोजक समाजसेवी राजकुमार व्यास ‘काकू’ द्वारा किया जाता है।
रंगा ने बताया कि चयन कमेटी के संयोजक एवं सहसंयोजक रतनू एवं व्यास के चयन उपरांत वर्ष 2024 के लिए प्रवासी राजस्थानी प्रतिभाओं में भाषा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम करने वाले राजस्थानी मान्यता के गहरे समर्थक एवं देश के प्रतिष्ठित समाजसेवी विप्र फाउण्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील ओझा को डॉ. टैस्सीटोरी भाषा प्रज्ञा-सम्मान अर्पित होगा। रंगा ने बताया कि साहित्य के क्षेत्र में कई दशकों से साहित्य संपादन एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में समर्पित व्यक्तित्व संजय बिन्नाणी को साहित्य के क्षेत्र में वर्ष 2024 का ‘डॉ. टैस्सीटोरी साहित्य प्रज्ञा-सम्मान’ अर्पित किया जाएगा। इसी क्रम में संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य एवं सेवाएं देने वाली प्रवासी महिला संस्कृतिकर्मी श्रीमती प्रमिला शाह को वर्ष 2024 का ‘डॉ. टैस्सीटोरी संस्कृति प्रज्ञा-सम्मान’ अर्पित होगा।
संस्था के कोलकाता प्रतिनिधि एवं संस्कृतिकर्मी रमेश जाजड़ा ‘टिक्की’ ने बताया कि डॉ. टैस्सीटोरी भाषा साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में प्रवासी राजस्थानी प्रतिभाओं का सम्मान करने की समृद्ध परंपरा की बंगाल और खासतौर से कोलकाता में काफी सकारात्मक चर्चा है। जाजड़ा ने आगे बताया कि तीनों प्रवासी राजस्थानी प्रतिभाओं का सम्मान समारोह कोलकाता के संयोजक एवं सहसंयोजक रतनू एवं व्यास की देखरेख में होगा।