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श्री पीपलेश्वर महादेव मंदिर में दिव्य अन्नकूट मनोरथ 15 नवंबर को

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अन्नकूट पर्व मनाने से मनुष्य को लंबी आयु तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है साथ ही दारिद्रय का नाश होकर मनुष्य जीवनपर्यंत सुखी और समृद्ध रहता है : महंत श्रीधरगिरी महाराज

पंकज जांगिड़. जोधपुर

रातानाड़ा, ओल्ड कैंपस के सामने स्थित श्री पीपलेश्वर महादेव मंदिर में कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के पावन अवसर पर ब्रह्मलीन श्री महंत शिव चेतनगिरिजी महाराज के दिव्याशीष से एवं मंदिर के महंत व संस्थापक श्रीधरगिरिजी महाराज के सानिध्य में 15 नवंबर को मंदिर समिति सदस्यों व भक्तों के श्रद्धाभाव से दिव्य अन्नकूट मनोरथ का आयोजन होगा।

महंत श्रीधरगिरी महाराज ने बताया कि शुक्रवार को दोपहर 3 बजे से अन्नकूट दर्शन, भजन-कीर्तन के साथ संध्या आरती और रात्रि 10 बजे पूर्णारती होगी। प्रसादी वितरण मंदिर परिसर में 16 नवम्बर, शनिवार को की जाएगी। सभी भक्त प्रसाद ग्रहण हेतु मंदिर ही पधारे। महंत श्रीधरगिरी महाराज ने अन्नकूट महोत्सव मनाने का महत्व बताते हुए कहा कि अन्नकूट पर्व मनाने से मनुष्य को लंबी आयु तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही दारिद्रय का नाश होकर मनुष्य जीवनपर्यंत सुखी और समृद्ध रहता है। इसलिए हर मनुष्य को इस दिन प्रसन्न रहकर भगवान श्रीकृष्ण के प्रिय अन्नकूट उत्सव को भक्तिपूर्वक तथा आनंदपूर्वक मनाना चाहिए और आयोजन में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।

महाराज ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार जब कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएँ उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा। अन्नकूट कई तरह के अन्न और सब्जियों के समूह को कहा जाता है. इस दिन अपनी सामर्थ्य के अनुसार 21, 51, 101 और 108 सब्ज़ियों को मिलाकर एक तरह की मिक्स सब्ज़ी बनाई जाती है, इसके साथ ही तरह-तरह के अन्न से तैयार पकवान और मिठाइयों से भी भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाने की परम्परा हैं।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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