Explore

Search

Monday, January 20, 2025, 1:41 am

Monday, January 20, 2025, 1:41 am

LATEST NEWS
Lifestyle

मनीषी डाॅ. हिम्मत सिंह सिन्हा के धर्म, दर्शन, शिक्षा और संस्कृति के ज्ञान की यात्रा आने वाले 3 वर्षों में 12 देशों में जाएगी : केवी व्यास

Share This Post

राखी पुरोहित. जोधपुर 

लोटस ब्लूम पब्लिकेशन और अंतर प्रांतीय कुमार साहित्य परिषद के तत्वाधान में डाॅ. सिन्हा के जन्मदिवस 1 दिसम्बर के उपलक्ष्य में कार्यक्रम 14 दिसम्बर को जोधपुर में डागा स्मृति भवन में मनाया गया।

लोटस ब्लूम पब्लिकेश के सीईओ केबी व्यास ने बताया कि डाॅ. हिम्मत सिंह सिन्हा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के दर्शन शास्त्र विभाग में विभागाध्यक्ष थे और अभी हाल ही में 2023 में 94 वर्ष के होकर वे ब्रह्मलीन हुए। अपनी अंतिम सांस तक वे निरंतर दर्शन और शिक्षा के प्रति समर्पित रहे । फ़ारसी और उर्दू में अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें हरियाणा सरकार का “फ़क्र-ए-हरियाणा” का सम्मान भी प्राप्त हो चुका है, जिसमें पाँच लाख रू नकद, एक बेहतरीन पश्मीना शॉल और एक मोमेंटो और एक प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त हुआ था।

जोधपुर में 14 दिसम्बर के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए कुरुक्षेत्र से डाॅ. ऋषि गोयल आए थे जो कि निदेशक हैं टीचर्स ट्रेनिंग प्रोग्राम, कुरुक्षेत्र में और 1989 से डाॅ. सिन्हा साहब के साथ रहे हैं। इनके अलावा विकास शर्मा जो कि डाॅ. सिन्हा के यू ट्यूब चैनल The Quest के प्रस्तोता हैं तथा प्रेम नारायण शुक्ला जिन्होंने डाॅ. सिन्हा साहब को अपने साथ 40 वर्षों से रखा, भी आए थे।
डाॅ. सिन्हा के दो पुत्रियाँ भी थी जिनका विवाह उन्होंने सम्पन्न परिवार में किया लेकिन स्वयं उनके अपने पास दो जोड़ी धोती- कुर्ता और एक जोड़ी सेंडिल थे। यही उनकी चल – अचल सम्पति थी। उन्होंने अपना सारा पैसा अपने शिष्यों की बेटियों तथा अपनी दोहितियों के विवाह हेतु उनके अकाउंट में डाल दिए थे। वे एक मनीषी थे जिनका संपर्क बड़े बड़े साधु संतों से था और कुरुक्षेत्र में वे लोग उनके साथ भी रहते थे । उन्हें हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, उर्दू तथा फ़ारसी का ज्ञान भी था तथा उन्होंने 22 पुस्तकें भी लिखी थी जिसमें “ कम्यूनिज्म और गीता” तथा तर्कशास्त्र पर “ज्ञान की आकारिका” पुस्तकें भी थीं। उनका ज्ञान अथाह था जो यू ट्यूब के चैनल The Quest में प्रदर्शित है । उनके ज्ञान की यह यात्रा उनके 100 वें वर्ष के उपलक्ष्य तक 12 देशों की यात्रा करेगी, जिनमें मिडिल ईस्ट, यूरोप, अमेरिका, कोरिया, सिंगापुर और आस्ट्रेलिया भी शामिल हैं, और उस यात्रा का पहला पड़ाव जोधपुर था।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


Share This Post

Leave a Comment