वैज्ञानिक ट्रायल्स के निरीक्षण के दौरान बोले कुलपति- शोध के छात्र वैज्ञानिक परीक्षणों में किसानों को भी करें शामिल
गजेन्द्र सिंह राज पुरोहित. जोधपुर ग्रामीण
कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने कहा कि अनुसंधान के लिए फसलों के वैज्ञानिक परीक्षण का चयन करते समय कृषि वैज्ञानिक ध्यान रखें कि लागत कम हो और फसल वैरायटी किसानों के लिए अधिक फायदेमंद हो। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक रूटीन शोध से हटकर किसानों के लिए कृषि क्षेत्र में इन्नोवेटिव शोध करें। कुलपति डॉ अरुण कुमार, कृषि महाविद्यालय, जोधपुर के शोधार्थियों एवं स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों की ओर से तैयार किए गए विभिन्न फसलों के “वैज्ञानिक शोध क्षेत्रों” का भ्रमण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बेहतरीन शोध व शोधार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है कि विश्वविद्यालय के अंतर्गत अनुसंधान केंद्र एवं कृषि महाविद्यालय सामंजस्य के साथ मिलकर काम करें। वैज्ञानिक शोधों में सलाहकार की भूमिका निभायें। उन्होंने रिसर्च के छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि अपने वैज्ञानिक परीक्षणों में आसपास के गांवों के किसानों को भी शामिल करें। यह दोनों के लिए ही काफी फायदेमंद रहेगा।
इस दौरान अतिथियों के रूप में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर से पूर्व डीन व प्रोफेसर डॉ सीपी सचान एवं डॉ डी आर सिंह भी मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने शोधार्थियों से उनके वैज्ञानिक रिसर्च से संबंधित विभिन्न सवाल किए साथ ही महत्वपूर्ण सलाह भी दी। इस दौरान शोधार्थियों के सुपरवाइजर भी मौके पर मौजूद रहे।
किसानों के लिए लगावें स्पष्ट शब्दावली युक्त सूचना पट्ट
महाविद्यालय में भ्रमण के दौरान गेहूं, लहसुन, प्याज , टमाटर, मिर्च, मैथी, जीरा, चिया सीड, केमोलिन टी, ब्रोकली, फूल गोभी सहित अन्य फसलों के परीक्षणों का निरीक्षण किया गया। कुलपति डॉ कुमार ने सलाह देते हुए कहा कि माइक्रोबायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी, प्लांट पैथोलॉजी, सॉइल साइंस, बायोकेमेस्ट्री सहित कीट विज्ञान के अलग-अलग ब्लॉक बनाए जाए। उन्होंने कहा कि शोध के छात्रों के साथ-साथ वैज्ञानिक भी उनके ट्रायल्स का नियमित जायजा लेते रहे। उन्होंने सुझाव दिया कि शोध क्षेत्रों में सहज व स्पष्ट शब्दावली युक्त सूचना पट्टी भी लगाये ताकि किसानों को भ्रमण करवाते समय आसानी हो। उन्होंने किसान मेले के आयोजन के समय वैज्ञानिक परीक्षणों पर बेहतरीन काम करने की सलाह वैज्ञानिकों को दी। इस दौरान स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बिकानेर से डॉ पीके यादव व डॉ सुजीत यादव भी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान कृषि विश्वविद्यालय के सभी डीन, डायरेक्टर्स व अधिकारी गण सहित विद्यार्थी भी मौजूद रहे।
