भरत जोशी. जोधपुर
जोधपुर रेलवे वर्कशॉप कर्मचारी, प्रेसिडेंट रोवर व स्काउट में राष्ट्रपति से पुरस्कृत, रेलवे में सांस्कृतिक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित और देश विदेश में आयोजित रामलीला में पिछले 24 वर्षों से भगवान श्रीराम की भूमिका निभाने वाले विजेश बोराणा का मात्र 42 वर्ष की आयु में हृदयाघात से दुखद देहावसान हो गया। विजेश अपने परिवार के साथ कश्मीर घूमने गए थे। कल दोपहर कश्मीर के सोनमर्ग में बर्फ की पहाड़ी पर चढ़ते हुए उन्हें घबराहट महसूस हुई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मंगलवार को सुबह उनका अंतिम संस्कार किया गया ।
विजेश बोराणा उच्च स्तरीय कलाकार थे और प्रभु श्रीराम की भूमिका को साक्षात चरित्रार्थ करते थे। वर्ष 2000 से लगातार 24 वर्षों तक दिल्ली, ग्रेटर नोएडा एवं जोधपुर में आयोजित होने वाली रामलीला में उन्होंने प्रभु श्रीराम की भूमिका निभाई। दिल्ली एनसीआर में होने वाली सभी रामलीला में भगवान श्रीराम के रोल के लिए 11 बार सर्वश्रेष्ठ कलाकार का तथा लाइफटाईम अचीवमेंट अवार्ड भी मिला। अंतरराष्ट्रीय रामलीला निर्देशक गोस्वामी सुशील महाराज से अभिनय की शिक्षा प्राप्त की। इसके अलावा वेस्ट इंडीज, लंदन और मॉरिशस में आयोजित रामलीला में भी भगवान श्रीराम की भूमिका निभाई।
विजेश बोराणा ने अंतर रेलवे सांस्कृतिक प्रतियोगिता लोक नृत्य में नृतक की भूमिका में 9 बार विजेता व एक बार ओवरऑल शील्ड प्राप्त की । नृत्य के साथ नाटको में भी सहायक कलाकार की भूमिका निभाते थे। इन्होंने मानव रहित समपार फाटक पर होने वाली दुर्घटनाओं को समाप्त करने के लिए 300 से अधिक नुक्कड़ नाटक में भाग लेकर आम नागरिकों को जागृत किया।
