…बजट से आस तो लगा सकते हैं, मगर जिन्होंने बजट पारित किया खुद उन्हें उसके प्रावधानों पर भरोसा नहीं है।
…बजट की सबसे बड़ी कमजोरी यह उभर कर सामने आई है कि इसमें आय के साधनों पर खास फोकस नहीं किया गया है। पैसा खर्च होता तो दिख रहा है मगर पैसा आएगा कैसे इसका जिक्र नहीं है।
…8 मार्च को महिला दिवस के उपलक्ष पर चार महिलाओं को ई-रिक्शा देने की भी घोषणा की गई है। इसकी संख्या बढ़ाई जाती तो उचित होता।
विशेष टिप्पणी : डीके पुरोहित, बजट की रिपोर्टिंग व फोटो : शिव वर्मा
नगर निगम दक्षिण ने 843.70 करोड़ का बजट पारित कर दिया है। इस बजट को पूरी तरह चुनाव बजट बताया जा रहा है। वैसे भी चुनाव सिर पर है। कभी भी प्रशासक की नियुक्ति हो सकती है। चुनाव भी जल्दी होंगे और उसके बाद ऊंट किस करवट बैठता है कोई नहीं जानता। माना तो यही जा रहा है कि नगर निगम की संख्या भी एक की जा रही है। और करीब करीब यह तय ही माना जा रहा है कि नगर निगम एक हो जाएगा। फिर किसका बोर्ड बनता है और जो अभी बजट पारित किया गया है उसके प्रावधान कब पूरे होते हैं कोई नहीं जानता?…यानी इस बजट से आस तो लगा सकते हैं, मगर जिन्होंने बजट पारित किया खुद उन्हें उसके प्रावधानों पर भरोसा नहीं है।
बजट में जो प्रमुख घोषणा की गई है वो है पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के नाम पर खेल स्टेडियम बनाना। निश्चित रूप से यह अच्छी घोषणा है। इससे खेल गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा। शहर में खेल का माहौल सुदृढ़ होगा। खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। लेकिन इसके लिए कितने रुपयों की जरूरत होगी? इसका खुलासा नहीं किया गया है। बताया गया है कि दस करोड़ से शुरुआत करेंगे। मगर सबसे बड़ा सवाल है रुपया आएगा कहां से? हम पूरे बजट के प्रावधानों का सिलसिलेवार विश्लेषण करेंगे। आगे जैसे जैसे बजट के प्रावधानों पर गौर करेंगे तो बजट की सबसे बड़ी कमजोरी यह उभर कर सामने आई है कि इसमें आय के साधनों पर खास फोकस नहीं किया गया है। कुछ दो तीन पॉइंट सामने आए हैं और कुछ ही देर में बजट ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। ऐसा लग रहा है कि सभी जल्दी में थे। पूरे बजट का निचौड़ कहें तो पैसा खर्च होता तो दिख रहा है मगर पैसा आएगा कैसे इसका जिक्र नहीं है। निश्चित रूप से महापौर तो बजट बनाने वाली है नहीं। जिन प्रशासनिक अधिकारियों का दिमाग चला है उन्होंने शहरवासियों को गुमराह करने की कोशिश की है। शहर में इन बजट के प्रावधानों को कब पूरा किया जाएगा। इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। क्योंकि जल्दी ही चुनाव की घोषणा हो जाएगी और इससे पहले प्रशासक की नियुक्ति हो जाएगी। फिर कौनसे काम करवाने हैं और कहां काम करवाने है उसके लिए प्रशासक की मनमर्जी पर निर्भर रहना पड़ेगा। और सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि नगर निगम अगर एक कर दिया जाता है और चुनाव होते हैं और कौनसी पार्टी का बोर्ड बनता है उसके बाद इन घोषणाओं को कब तक पूरा किया जाता है, पूरी होगी भी या नहीं, या ये घोषणाएं लटकाई जाती रहेगी, ऐसे कई सवाल और संशस है जिस पर पर्दा उठना बाकी है।
इस बजट का एक बड़ा प्रावधान है और वह है कि सभी पार्षदों को 50-50 लाख रुपए वार्ड में विकास के लिए दिए जाएंगे। इसके लिए भी निगम की तंगहाली को देखते हुए यही कहा जाएगा कि पैसा कहां से आएगा? पैसों के बंदोबश्त पर बताया नहीं गया है। पार्षद खुश हो रहे हैं कि उन्हें 50 लाख मिलेंगे और वार्ड का विकास होगा। मगर चुनाव की घोषणा होने के बाद क्या होगा? 50 लाख कब तक खर्च कर देंगे। खर्च करने की बात तो तब है जब पैसे मिलेंगे? इसकी प्रक्रिया कब शुरू होगी। कब उसका क्रियान्वयन होगा? ऐसे कई सवाल है जिस पर ध्यान देना होगा। अभी तो शहरवासियों को अंधकार में ही रहना होगा। क्योंकि उम्मीद मत कीजिए कि तुरंत पार्षदों को 50 लाख रुपए मिल जाएंगे और कल से ही विकास कार्य शुरू हो जाएंगे। उद्यान और सामुदायिक भवनों को स्वयंसेवी संस्थाओं और शैक्षणिक संस्थाओं को गोद देने की घोषणा की गई है। यह अच्छी घोषणा है। इससे शहर के सामुदायिक भवनों और उद्यानों की कायापलट हो सकती है। लेकिन बात पैसों पर आकर अटक जाएगी। जब तक शैक्षणिक संस्थाओं और स्वयंसेवी संस्थाओं को बजट उपलब्ध नहीं करवाया जाएगा, वे अपने स्तर पर कितना कर सकेंगे। हालांकि यह अच्छा प्रावधान है। इस पर अगर गंभीरता से कार्य किया गया तो आगे जाकर इसके अच्छे परिणाम सामने आ सकते हैं। मगर जैसा कि चुनावी साल है और बाद में इन योजनाओं का क्या हस्र होना है कोई नहीं जानता। 8 मार्च को महिला दिवस के उपलक्ष पर चार महिलाओं को ई-रिक्शा देने की भी घोषणा की गई है। इसकी संख्या बढ़ाई जाती तो उचित होता। हालांकि शहर की महिलाएं अभी ई रिक्शा कम ही चला रही है। लेकिन अच्छा होता इसकी संख्या बढ़ाई जाती। मुख्य सफाई निरीक्षकों को भी ई बाइक उपलब्ध करवाने से पर्यावरण में सुधार होगा। महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट का प्रावधान अच्छा प्रयास है।
बजट सौगातों पर एक नजर : अटल बिहारी वाजपेयी खेल स्टेडियम बनेगा
महापौर दक्षिण वनिता सेठ ने अपने अंतिम बजट में शहर को कई बड़ी सौगात दी है। इनमें प्रमुख रूप से प्रत्येक वार्ड में पार्षद निधि से 50 लाख रुपए के विकास कार्य करवाने। माचिया सफारी पार्क के पास स्थित 30 बीघा जमीन पर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से खेल स्टेडियम बनाने, नगर निगम दक्षिण क्षेत्राधिकार के अंतर्गत पांच सीएनजी गैस पॉइंट स्थापित करने, उद्यान एवं सामुदायिक भवन को विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं एवं शैक्षणिक संस्थाओं को गोद देने की घोषणा की गई।
महापौर दक्षिण ने घोषणा की कि चिड़ियानाथ जी पार्क में लाइट की टनल स्थापित की जाएगी और बिजली के बचत के लिए सोलर प्लांट लगाया जाएगा। उन्होंने नगर निगम दक्षिण की ओर से उम्मेद स्टेडियम में 10 लाइन लगवाने की भी घोषणा की। महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए 8 मार्च को महिला दिवस के उपलक्ष पर चार महिलाओं को ई-रिक्शा देने की भी घोषणा की गई। महापौर दक्षिण वनिता सेठ ने शहर में 40 सरस बूथ महिलाओं का आवंटित करने, पर्यटन स्थलों एवं भीड़भाड़ वाले स्थान पर महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट बनाने, पर्यावरण को हरित करने के उद्देश्य से सभी मुख्य सफाई निरीक्षकों को ई-बाइक उपलब्ध करवाने की घोषणा की।
नगर निगम दक्षिण महापौर वनिता सेठ की अध्यक्षता में बुधवार को नगर निगम सभागार में बजट बोर्ड बैठक आयोजित हुई। महापौर दक्षिण वनिता सेठ ने सदन में 843.70 करोड रुपए का बजट रखा, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इस बार बजट में शहर के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई है। बैठक में विधायक सूरसागर देवेंद्र जोशी, विधायक जोधपुर शहर अतुल भंसाली, नेता प्रतिपक्ष गणपत सिंह चौहान, आयुक्त दक्षिण सिद्धार्थ पालानीचामी सहित पार्षदगण, अधिकारीगण मौजूद रहे।
बोर्ड बैठक की शुरुआत में बजट अभिभाषण पढ़ते हुए महापौर दक्षिण वनिता सेठ ने कहा कि करीब सवा 4 साल पहले पहली बार राज्य सरकार ने जोधपुर में दो नगर निगम बनाए थे। पिछले सवा 4 साल के कार्यकाल में नगर निगम दक्षिण बोर्ड के सभी सदस्य, अधिकारी, कर्मचारियों के कुशल प्रबंधन से न केवल आय में वृद्धि हुई, बल्कि शहर के विकास कार्यों को भी गति दी गई। उन्होंने कहा कि हमारे बोर्ड की पहली प्राथमिकता सभी वार्डों में समान रूप से विकास कार्य करवाना रही और बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के सभी वार्डों में समान रूप से विकास कार्य करवाए गए। साथ ही केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए भी नगर निगम बोर्ड सतत रूप से प्रयत्नशील हैं।
निगम बोर्ड ने इस बार किए कई नवाचार
महापौर दक्षिण वनिता सेठ ने कहा कि नगर निगम दक्षिण बोर्ड ने इस बार कई नवाचार किया, जिसमें प्रमुख रूप से गांधी मैदान में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के दृष्टिकोण से पहली बार महिला उद्यमिता मेला लगाकर महिला उद्यमियों को नि:शुल्क स्टॉल आवंटित की गई और तीन दिन तक महिलाओं उद्यमियों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। गांधी मैदान में पहली बार मकर संक्रांति के अवसर पर पतंगबाजी का कार्यक्रम आयोजित हुआ, वहीं दीपावली के अवसर पर नगर निगम जोधपुर दक्षिण की ओर से फायर शो का भी आयोजन किया गया। भारतीय नववर्ष के अवसर पर नगर निगम की ओर से भजन संध्या, कन्या पूजन एवं विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।
अमृत 2.0 में शहर के सीवरेज सिस्टम को किया जा रहा है सशक्त
महापौर दक्षिण वनिता सेठ ने बताया कि अमृत 2.0 के तहत नगर निगम दक्षिण क्षेत्र में करीब 200 किलोमीटर नई सीवरेज लाइन डालने एवं पुरानी सीवरेज लाइन बदलने का कार्य किया जा रहा है। अब तक 115 किलोमीटर नई सीवरेज लाइन डालने का कार्य हो चुका है, साथ ही 3350 घरों में नए सीवरेज कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सालावास में 50 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के उन्नयन का कार्य प्रगति पर है। चौपासनी गांव के दुर्गम स्थलों पर भी सीवरेज लाइन डालने का 50% का कार्य पूरा हो चुका है। नगर निगम दक्षिण के विभिन्न वार्डों में 1000 रोड लाइट लगाई जा रही है, वहीं 45 सेमी हाई मास्क लाइट लगाई गई है। उन्होंने कहा कि विद्युत शाखा की ओर से 48 घंटे में शिकायत का समाधान किया जा रहा है।
सड़क नामकरण के प्रस्ताव भी किए गए पास
महापौर दक्षिण वनिता सेठ ने बैठक में पूर्व विधायक स्वर्गीय सूर्यकांता व्यास, पूर्व विधायक स्वर्गीय मोहन मेघवाल, पूर्व पार्षद स्वर्गीय रमा ओझा, गुरु जंभेश्वर मार्ग, रिटायर्ड आईपीएस स्वर्गीय बीआर ग्वाला के नाम से सड़क नामकरण के प्रस्ताव भी रखा जिन्हें बहुमत से पारित किया गया।
