जोधपुर से डीके पुरोहित की विशेष रिपोर्ट
इस समय मेरे सामने चार तथ्य हैं-
तथ्य 1: भाजपा सरकार की घोषणा
एक यह कि जब ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने गुरुवार को एयरपोर्ट पर पत्रकारों से कहा कि इस बार बजट में 150 यूनिट निशुल्क बिजली की घोषणा की गई है। इसमें उन्हीं उपभोक्ताओं को छूट मिलेगी जिनके घरों में सोलर कनेक्शन इंस्टॉल किया जाएगा। इसके लिए राजस्थान सरकार की ओर से प्रधानमंत्री सूर्य योजना की ओर से प्रधानमंत्री सूर्य योजना के तहत उपभोक्ताओं को जोड़ा जाएगा। हीरालाल नागर के बयान के बाद अब उन अटकलों पर मुहर लग गई है, जिसमें यह कहा जा रहा था कि गहलोत सरकार द्वारा शुरू की गई घरेलू उपभोक्ताओं को फ्री बिजली यूनिट की योजना को अब बंद कर दिया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने अपने बयान में साफ किया कि लाभ उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगा जो प्रधानमंत्री सूर्य योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं।
तथ्य 2 : पूर्ववर्ती सरकार की योजना
पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने एक निश्चित यूनिट तक फ्री बिजली पहले से कर रखी है और अभी उन उपभोक्ताओं को इसका लाभ मिल रहा है जो गहलोत सरकार के रोजगार कैंपों में रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। यानी की अभी भी लाखों परिवारों को निश्चित सीमा तक फ्री बिजली मिल रही है और इसका लाभ एक व्यापक वर्ग को मिल रहा है।
तथ्य 3 : हर साल बिजली संकट और अक्षय ऊर्जा स्रोत
राजस्थान ही नहीं देश में बिजली का संकट है। राजस्थान में अब गर्मी में बिजली संकट का असर देखा जाएगा। कभी बरसात पर्याप्त नहीं होगी तो कभी कोयला पर्याप्त नहीं होगा। परिस्थितियां ऐसी होगी कि डिस्कॉम को बिजली बाहर से खरीदनी पड़ेगी और महंगे दामों से खरीदनी पड़ेगी। यही नहीं बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए महंगा कोयला खरीदना पड़ेगा। ये सब परिस्थितियां हर साल सामने आती है और इससे राजस्थान का आम आदमी ही नहीं व्यापारी वर्ग और अस्पतालों, कॉलेजों और शिक्षण संस्थाओं से लेकर हर ओर बिजली के संकट से परेशानी होती है।
तथ्य-4 : गौतम अदाणी की कंपनी और राष्ट्रवाद
अब अगर सोलर प्लेट लगाने से बिजली 150 यूनिट फ्री मिलेगी तो किसे फायदा होगा? निसंदेह गौतम अदाणी की कंपनी को। पर क्या इस तथ्य को हम पॉजिटिवली नहीं ले सकते? इसे राष्ट्रवाद की भावना से जोड़कर देखा जा सकता है।…
कैसे- आओ मंथन करते हैं-
सूरज और हवा से बिजली उत्पादन क्रांतिकारी बदलाव के संकेत
अभी बात हवा की नहीं केवल सूरज की। क्योंकि बात सूरज की हो रही है। तो सूरज अक्षय ऊर्जा का स्रोत है। इससे उत्पादित बिजली शुद्ध और प्रकृति के अनुरूप है। किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता। यह भी सत्य है कि सूरज आने वाले अरबों वर्ष तक खत्म नहीं होने वाला अक्षय ऊर्जा का स्रोत है। पूरी दुनिया में इस समय बदलाव चल रहा है। परंपरागत साधनों से हटकर पूरी दुनिया सोलर ऊर्जा की ओर बढ़ रही है। अब अगर कांग्रेस और अन्य पार्टियां रोना रोती है कि गौतम अदाणी की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए ही पीएम सूर्यघर योजना लॉन्च की गई और अब राजस्थान में भी सोलर प्लेट लगाने पर बिजली फ्री मिलेगी। यह तथ्य अपनी जगह कायम है। पर बात इतनी सी नहीं है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूर दृश्टा हैं। वे भविष्य को पहले ही पढ़ लेते हैं। राजस्थान में कांग्रेस की रेवड़ी बांटो योजना को जनता पहले ही अस्वीकार कर चुकी है और कांग्रेस अब हाशिए पर आ भी गई है। कांग्रेस वाले जितना भी शोर मचा लें इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कांग्रेस राज में भी बिजली का राजस्थान में कई मौकों पर गंभीर संकट आया और उससे पूरी व्यवस्थाएं प्रभावित हुईं। तो ऐसे में अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान के मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री सोलर प्लेट लगाने वाले परिवारों को ही 150 यूनिट बिजली फ्री देने की योजना बना रहे हैं तो इसमें गलत कुछ भी नहीं है। अभी तो यह योजना चोरी छुपे है और लोग इस योजना को समझ ही नहीं पाए हैं। जब पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगा कि अब सोलर प्लेट लगाने पर ही 150 यूनिट बिजली फ्री का लाभ मिलने लगेगा तो राजस्थान में हंगामा मच जाएगा। हो सकता है कांग्रेस आंदोलन भी करे। लोग भी आश्चर्य करें। मगर अब लोगों को समझना होगा कि सौर ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा है। सूरज से बिजली उत्पादन कर हम आत्मनिर्भर हो सकते हैं। सूरज से उत्पादित बिजली ऑलरेडी सस्ती है और जब सरकार की ओर से 150 यूनिट बिजली फ्री मिलने लगेगी तो दोहरा लाभ मिलेगा। पहले से ही सोलर प्लेट लगाने पर बिजली की लागत कम आती है और कई तरह की छूटें मिल रही हैं। यानी सोलर प्लेट लगाना हर आम आदमी के लिए फायदे का सौदा है। हां यह हो सकता है कि इसकी जटिल प्रक्रिया को थोड़ा सरल बनाया जाए और सरकार इस दिशा में क्या कर सकती है, सरकार को सोचना चाहिए। संकट यह नहीं है कि सोलर प्लेट क्यों लगाएं? संकट यह है कि कांग्रेस नहीं चाहती कि गौतम अदाणी की कंपनी को फायदा हो। अगर गौतम अदाणी की कंपनी को फायदा हो भी रहा है तो पैसा देश में ही आ रहा है। हमारे लिए अच्छी बात यह है कि मल्टीनेशनल कंपनियों को हम हमारा पैसे नहीं दे रहे। देश के लोगों का पैसा देश की कंपनी में ही जा रहा है। जब हम इस तथ्य को समझेंगे तो गौतम अदाणी का सवाल गौण हो जाएगा।
बात अदाणी को फायदा पहुंचाने तक नहीं, देश को बिजली में आत्मनिर्भर बनाना भी है
गौतम अदाणी की कंपनी को एक माध्यम है। हो सकता है कल कोई और कंपनी यह काम शुरू कर दे और करती भी हैं। पर यह कहना कि केवल गौतम अदाणी की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए मोदी और राजस्थान सरकार ने योजनाएं शुरू की है, गलत है। गौतम अदाणी की कंपनी देश में बदलाव के लिए जुटी है। सौर ऊर्जा को घर-घर में प्रचलित करने का आंदोलन गौतम अदाणी की कंपनी ने ही शुरू किया है। जो संपन्न वर्ग है और आर्थिक रूप से थोड़ा सशक्त हैं वे अब सोलर ऊर्जा का महत्व समझने लगे हैं और अपने घरों की छतों पर सोलर प्लेटें लगाने लगे हैं। जोधपुर ही नहीं राजस्थान में ही नहीं, पूरे देश में यह बात साफ हो गई है कि सौर ऊर्जा सस्ती पड़ती है और आत्मनिर्भरता के लिए क्रांतिकारी पहल है। इसके लिए अदाणी की कंपनी बधाई की पात्र है। मीडिया में पूर्व में रिपोर्ट्स में कहा गया था कि, ‘कंपनी ने बार्कलेज और डॉयचे बैंक से 39.4 करोड़ डॉलर जुटाए हैं. बताया गया कि सौर पैनल विनिर्माण से जुड़ी अडानी सोलर का गठन 2015 में किया गया था. जिसके अगले ही साल 2016 में विनिर्माण शुरू कर दिया गया। 6 साल से भी कम समय में इसकी क्षमता तीन गुना से भी अधिक हो गई। ग्रुप की मौजूदा सौर विनिर्माण क्षमता बढ़ाने का प्रोजेक्ट चल रहा है। दरअसल प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना, भारत सरकार की एक योजना है. इस योजना के तहत, आवासीय घरों को सोलर पैनल लगवाने के लिए सब्सिडी दी जाती है। इस योजना का मकसद, देश में सौर छत क्षमता बढ़ाना और घरों को अपनी बिजली खुद पैदा करने में सक्षम बनाना है। इस योजना के तहत, घरों को सोलर पैनल लगवाने के लिए सब्सिडी दी जाती है। यह सब्सिडी, सोलर पैनल की लागत का 40% तक हो सकती है। इस योजना का मकसद, देश में सौर छत क्षमता बढ़ाना और घरों को अपनी बिजली खुद पैदा करने में सक्षम बनाना है। इस योजना के तहत, 1 करोड़ घरों को फ़ायदा होने की उम्मीद है। अगर राजस्थान में सोलर प्लेट योजना सफल होती है तो यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा। इस योजना से सरकार को सालाना बिजली के खर्च में 75,000 करोड़ रुपये की बचत होने की उम्मीद है। राजस्थान में यह आंकड़ा अलग से निकालना पड़ेगा। कुल मिलकार रुपए की बचत होना तय है।
सौर ऊर्जा को जीवन में आत्मसात करने की जरूरत
अब समय आ गया है कि ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों की ओर ध्यान दिया जाए। राजस्थान में कई जगह पवन पंखे लगे हुए हैं। बिजली उत्पादन की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण बदलाव है। ऐसे ही बदलाव के लिए हमें तैयार रहना चाहिए। अगर राजस्थान में सरकार छतों पर सोलर प्लेटें लगाने की योजना बना रही है तो उसके पीछे बड़ा विजन है। बड़ी सोच है। मगर विपक्ष उस सोच को ध्यान में रखने की बजाय अपनी योजना बंद करने का हो हल्ला मचा सकता है। विपक्ष का काम मीन-मेख निकालना होता है। उन्हें अपना धर्म निभाने दो और सरकारों को अपनी योजनाएं बनाते रहने दो। जनता काे जो उचित लगेगा वो जनता करेगी। जनता सरकार की मंशा भी जानती है और जनता अपना हित भी जानती है।
