ओमशिवपुरी नाट्य समारोह की चौथी अभिव्यक्ति ने दर्शकों को भाव विभोर किया
राखी पुरोहित. जोधपुर
जीवन एक पल में पूरा जिया जा सकता है या फिर पूरा जीवन बेमतलब भी हो सकता है। इन विचारों की अभिव्यक्ति करता नाटक मिराज एक कैन्सर पीड़िता के दौराने इलाज आपबीती बयां करने की कहानी है। अपने इलाज के दौरान पचास से अधिक बार वह कीमोथेरेपी से गुजरी पीड़िता मंच पर ज़ि़न्दादिली का सन्देश देते हुए बयां करती है कि इलाज के लिये दी जा रही थेरेपी के बाद भी ज़िन्दगी उसके अस्थायी स्वरूप, उसकी नज़ाकत, लोगों और उनके सामाजिक मूल्यों के सन्दर्भ को बढा चढ़ाकर बताए जाने वाले गुणों को ठेंगा दिखाती रही। आनन्द भरी ज़िन्दगी को उसने अपने लिये चुना। ख़ुशनुमा ज़िन्दगी जीते और कैंसर से लड़ते हुए अन्ततः वह अपनी लड़ाई हार जाती है। नाटक मिराज अनन्या मुखर्जी की ’कैन्सर डायरी ठहरती सांसों के सिरहाने से ज़िन्दगी जब मौज ले रही थी’ का नाट्य रूपान्तर है। लेखिका ने अपनी रचना में कैंसर से जुड़े अपने अनुभवों और कैंसर का मुक़ाबला करने के तरीक़ों के बारे में बताया है।
अकादमी सचिव लक्ष्मीनारायण बैरवा ने बताया कि जयनारायण व्यास स्मृति भवन टाउन हॉल में राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर के तत्वावधान में इकत्तीसवें ओम शिवपुरी नाट्य समारोह की चौथी सांझ गुरूवार को पटना की राग रेपेटरी से राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से प्रशिक्षित रणधीर कुमार के निर्देशन में अनन्या मुखर्जी रचित नाटक मिराज का प्रभावी मंचन किया गया। नाटक की एकल प्रस्तुति में एन. एस. डी. स्नातक दीक्षा तिवारी ने अपनी अभिनय क्षमता की गहरी छाप दर्शकों के दिलो दिमाग़ पर छोड़ी वहीं प्रबोध व सुनील का बनाया सैट दर्शकों में चर्चित रहा। मंच परे साउण्ड पर राजीव कुमार, डिजाइनर विशाल रामचन्द्र मेहले, सह निर्देशक राजीव कुमार तथा स्टेज व्यवस्था सुनील कुमार राम, आदिल रशीद, भूपेन्द्र कुमार व अनाली शर्मा की रही, संचालन एम. एस. ज़ई ने किया। शुक्रवार 20 अक्टूबर को मुशर्रफ़ आलम ज़ौक़ी रचित जयपुर के दौलत वैद निर्देशित नाटक बेहद नफ़रतों के दिनों में, का मंचन किया जाएगा।