अजब बात है…
करके वा’दा न आए अजब बात है
झूटी क़समें वो खाए अजब बात है
ज़िंदगी में कभी सच जो बोला नहीं
सच का मतलब बताए अजब बात है
ये जहां, वो जहां, होंगे बर्बाद सब
मां का दिल तू दुखाए अजब बात है
मेरे दिल में जो रहता है मेरा सनम
दिल मेरा वो जलाए अजब बात है
खा चुका है जहां में जो धोके बहुत
फिर भी धोका वो खाए अजब बात है
जब लगे बोलने, चुप तु होता नहीं
सबको चुप तू कराए अजब बात है
जिस को ताल और सुर का नहीं है पता
महफ़िलों में वो गाए, अजब बात है
आदमी होके भी आज का आदमी
आदमी को सताए अजब बात है
बदले में ग़म के मैंने ख़ुशी जिसको दी
मेरा अहसां भुलाए अजब बात है
जिसने ‘क़ासिम’ कभी हाल पूछा नहीं
दिल से दिल वो मिलाए अजब बात है
क़ासिम बीकानेरी