नंदलाल व्यास. आरटीआई कार्यकर्ता जोधपुर की रिपोर्ट
महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 5 जोधपुर महानगर द्वारा कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के तत्कालीन कुलपति बलराज सिंह चौधरी तत्कालीन कुल सचिव ईश्वर सिंह, कुलपति के ड्राइवर भंवराराम चौधरी और कुलपति के पीए सुनील आसोपा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 342, 504 और 120 बी के तहत प्रसंज्ञान लिया गया है ।
क्या है मामला
आरटीआई कार्यकर्ता नंदलाल व्यास द्वारा पुलिस थाना मंडोर में एक fir संख्या 157/ 2017 दर्ज करवाई गई थी जिसमें उक्त सभी आरोपियों पर बंधक बनाने और लोक शांति भंग करने हेतु उकसाने के आरोप लगाए गए थे। राज्य सरकार के आदेश पर प्रकरण की जांच सीआईडी सीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजानंद वर्मा द्वारा की गई उन्होंने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोप प्रमाणित माने और उक्त आरोपियों के खिलाफ चार्ज सीट पेश करने की अनुशंसा की परंतु पुलिस अधिकारियों की मिली भगती से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महावीर सिंह द्वारा तथ्य को नजरअंदाज कर मामले को जूठा साबित कर आदम वाकू झूठ की fr प्रस्तुत की गई ।
जबकि सीआईडी सीबी के अनुसंधान अधिकारी श्री गजानंद वर्मा ने श्री भोपाल सिंह लखावत एसीपी मंडोर और श्री अनंत कुमार एडीसीपी पूर्व को भी दूषित अनुसंधान का दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की अनुशंसा की थी परंतु पुलिस के उच्च अधिकारियों द्वारा मिलीभगति से कोई कार्यवाही दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ नहीं की गई। श्री नंदलाल व्यास द्वारा नाराजगी याचिका प्रस्तुत कर चुनौती दी गई महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 5 ने सीसीटीवी फुटेज फुटेज भी देखी, जिससे नंदलाल व्यास द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि यथावत पाई गई । इस प्रकार जानबूझकर अदम वकू झूठ की fr प्रस्तुत होने पर चुनौती दी गई । उपलब्ध साक्ष्यो के आधार पर महानगर मजिस्ट्रेट संख्या पांच द्वारा नाराजगी प्रार्थना पत्र स्वीकार किया जाकर आरोपियों के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया जाकर जरिये जमानती वारंट के तलब किया गया है।
