-यूपी पुलिस ने शिकायत करने वाली महिला के परिजनों को ही धमका दिया, दबंग लोगों के खिलाफ कार्रवाइ करने की बजाय यूपी सरकार के योगी आदित्यराज की पुलिस की बेशर्मी आयी सामने
डीके पुरोहित. जोधपुर (राजस्थान)
जब यूपी पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं की गई तो जोधपुर राजस्थान से ये न्यूज बनानी पड़ी। एक तरफ उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यराज दावा करते हैं कि उनके राज में पुलिस बेबस और मजबूर लोगों की मदद करती है, मगर पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से एक परिवार दहशत और परेशानी में है, मगर यूपी पुलिस ने अपना असली रंग दिखा दिया है। जिस मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव की गुंडागर्दी से परेशान होकर यूपी की आम जनता ने भाजपा और योगी आदित्यराज में विश्वास जताया, आज उसी योगी आदित्य राज की पुलिस ने मजबूर लोगों से मुंह फेर लिया है।
मामला पारिवारिक है। एक पुश्तैनी जमीन के विवाद में गांव शंकरपुर पोस्ट ऑफिस सूर्यगढ़, पुलिस स्टेशन खोहन्दुर जिला प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश में रहने वाले ओमप्रकाश धूरिया की पत्नी राज देवी ने यूपी सरकार के जनसुनवाई पोर्टल पर अपना परिवाद संख्या 20017324004794 दर्ज करवाया। 12 मार्च 2024 को इसे मामला कोर्ट में विचाराधीन बताते हुए निस्तारित लिख दिया गया है, जबकि मामले का निस्तारण किया ही नहीं गया। जनसुनवाई पोर्टल में प्रार्थी ने जो शिकायत की थी उस पर सक्षम अधिकारी ने नोट लगाया कि प्रार्थी को टीन शेड निर्माण करवाते समय सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए। जबकि पुलिस की ओर से सुरक्षा उपलब्ध करवाना तो दूर प्रार्थी के परिवार को धमकियां दी गई। आसपास के दबंग लोगों को बुलाकर मजबूर महिला पर दबाव बनाया गया। मामला पारिवारिक भूमि के बंटवारे से संबंधित है। बताया जा रहा है कि एक पक्ष बंटवारे में हिस्से में आई जमीन से अधिक भूमि हथियाना चाहता है। जब इस संबंध में पुलिस अधीक्षक, कलेक्टर, एसडीएम और अन्य सक्षम अधिकारियों को शिकायत की गई और जनसुवाई पोर्टल पर परिवाद दर्ज करवाया गया तो फाइल घूमती रही और कोई परिणाम नहीं निकला। कितने शर्म की बात है कि यूपी की मीडिया की बजाय इस मामले की न्यूज राजस्थान के जोधपुर से बन रही है। अगर वाकई आम आदमी के साथ इस तरह की परेशानी आ रही है तो योगी आदित्यराज को अपनी कार्यशैली और बड़े-बड़े दावों के बारे में सोच लेना चाहिए। राइजिंग भास्कर डॉट कॉम योगी आदित्यराज से मांग करता है कि इस प्रकरण में तुरंत एक्शन ले और एक मजबूर परिवार की मदद करे। अगर सरकार ऐसा नहीं कर सकती तो उसे हिंदुत्व और मजबूर लोगों के साथ सुशासन के दावे छोड़ देने चाहिए।