-श्री जागृति संस्थान की ओर से भीमराज सैन की पुस्तक बेटी एक वरदान पर हुई परिचर्चा और काव्य गोष्ठी
पंकज जांगिड़. जोधपुर
श्री जागृति संस्थान की ओर से नेहरू पार्क स्थित डॉ. मदन सावित्री डागा भवन में साहित्यकार व श्री जागृति संस्थान के संरक्षक भीमराज सैन की पुस्तक बेटी एक वरदान पर परिचर्चा और काव्य गोष्ठी आयोजित की गई।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि झोपड़ी वाले बालाजी मंदिर के उपासक शंकरलाल महाराज ने कहा कि बेटियां सृष्टि की अनुपम रचना है। इन्हें पढ़ाएं और सशक्त बनाएं। बेटियों को बोझ ना समझा जाए और बेटों की तरह प्यार लुटाएं। पाल गांव के सरपंच भल्लाराम सारण ने बतौर विशिष्ट अतिथि पुस्तक को संवेदनाओं से भरपूर बताया और कहा कि बगैर बेटियों के घर में रौनक नहीं होती। बेटियां ही घर को स्वर्ग बनाती है। वरिष्ठ साहित्यकार लीला कृपलानी ने कहा कि बेटियां बड़ी होकर पीहर के साथ ससुराल की शोभा बढ़ाती हैं। वे ही घर को संभालती है। आज के दौर में बेटियां किसी से कम नहीं हैं। वे पढ़ाने से लेकर हवाई जहाज उड़ाने और अंतरिक्ष तक पहुंच चुकी है। बेटियों को कम नहीं आंकना चाहिए। साहित्यकार कैलाश कौशल ने कहा कि लेखक ने बेटी एक वरदान पुस्तक में बेटियों से ही घर-परिवार की रौनक बताते हुए बेटियों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया है। अंजना चौधरी ने बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने की आवश्यकता बताई।
इस मौके पर भीमराज सेन ने अपनी लिखित पुस्तक बेटी एक वरदान पर सूक्ष्मता से प्रकाश डाला और कहा यह पुस्तक समाज को एक नई प्रेरणा और संदेश देगी
काव्य गोष्ठी में खूब जमा रंग
इस मौके पर आयोजित काव्य गोष्ठी में खूब रंग जमा। सरपंच भलाराम सारण पाल, शंकरलाल महाराज उपासक झोपड़ी वाले बालाजी, अविनाश पलाड़ा, लीला कृपलानी, कैलाश कौशल, अंजना चौधरी, राजेश भैरवानी, नीलम व्यास स्वयंसिद्धा, राखी पुरोहित, हर्षद भाटी, अशोक चितारा, श्याम गुप्ता, अनिल अनवर, राजन वैष्णव, राजेश भार्गव, ओमप्रकाश वर्मा, चन्द्रशेखर, रविंद्र माथुर, शमीम खान, वीणा अचतानी आदि कई लोगों ने अपनी उपस्थिति दी एवं रचनाएं प्रस्तुत की। संस्था के सचिव हर्षद भाटी ने आगंतुकों का स्वागत किया और प्रतिवेदन पढ़ा। संस्था के अध्यक्ष राजेश भैरवानी ने आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन नीलम व्यास स्वयंसिद्धा ने किया। संस्थान की ओर से राजेन्द्र शाह ने भीमराज सैन का स्वागत मोमेंटो व शाल ओढ़ाकर किया।
