संत डॉ. रामप्रसाद महाराज ने अयोध्या में रामकथा के दौरान रामजन्म प्रसंग का भाव-भरा वर्णन किया
शिव वर्मा. जोधपुर
पेड़-पौधे झूम रहे थे। दिशाएं मदहोश थी। पशु-पक्षी गा रहे थे। प्रकृति नर्तन कर रही थी। नदियों नई राग सुना रही थी। धरती का पोर-पोर हर्षित था। पूरे ब्रह्मांड में नई ऊर्जा का संचरण हो रहा था…हो भी क्यों ना, अयोध्या में भगवान श्रीराम का जन्म जो हुआ था। अयोध्या में रामकथा सुनाते हुए संत डॉ. रामप्रसाद महाराज ने रामजन्म प्रसंग का सांगोपांग वर्णन किया।
संत ने कहा कि राम जन्म सामान्य व्यक्ति का जन्म नहीं था। भगवान विष्णु ने अपना दामन फैलाया था। अयोध्या में चारों ओर बधाइयां बांटी जा रही थी। राजा दशरथ हर्षित थे। माता कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी खुशी से नर्तन कर रहीं थीं। नगरवासी खुशी से झूम रहे थे। अवध में खुशी के गीत गाए जा रहे थे। राम जन्म के साथ ही विधि ने कई प्रसंगों को मूर्त रूप देने का निर्णय कर दिया था। राम जन्म अलौकिक घटना थी।
राम जन्म के साथ ही भविष्य की घटनाएं तय हो गई थी
संत रामप्रसाद महाराज ने कहा कि राम जन्म के साथ ही विधि का विधान निर्धारित हो गया था। सबकुछ सामान्य चल रहा था। मगर भविष्य के गर्त में जो छुपा था उसे केवल वक्त ही पहचान रहा था। राजा दशरथ ने नगरवासियों को भोजन करवाया। गरीबों को दान दिया। हर कोई खुश था। राम जन्म पर राम की महिमा गाई जा रही थी। संत ने कहा कि जब जब ईश्वरीय शक्ति जन्म लेती है तब-तब विधि उनसे महान कार्य करवाने को आतुर रहती है। राम जन्म अयोध्या का भाग्य लिखने वाली थी। अयोध्या का नया अध्याय शुरू हो चुका था।
नन्हे राम की शोभा का वर्णन अतुलनीय था
संत ने कहा कि नन्हें राम का वर्णन अतुलनीय था। राम अत्यंत ही सुंदर लग रहे थे। उनके चेहरे पर रघुवंशी तेज था। बालक राम अत्यंत ही तेजस्वी थे। उनके ललाट पर तिलक राम की महिमा को विस्तार दे रहा था। ऐसे ही बालक राम का तुलसीदास ने बड़े ही रोचक अंदाज में वर्णन किया था। राम नाम की महिमा सुनाते हुए संत रामप्रसाद महाराज ने कहा कि राम शब्द मोक्षदायी है। राम नाम में ही शक्तियां छिपी हुई है। ब्रह्मांड की सारी शक्तियां इस शब्द में समाहित है। जीवन के आरंभ में और अंत में राम नाम की महिमा छुपी हुई है।
भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे
अयोध्या में संत डॉ. रामप्रसाद महाराज ने कथा के दौरान रामप्रसंग से संबंधित कई भजन सुनाए। भजनों की गूंज के साथ ही श्रद्धालु झूम उठे। रामकथा आयोजन में देश-विदेश से सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए हैं। जोधपुर से भी बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे हैं। संत ने राम जन्म का वर्णन करते हुए भजनों से राम जन्म की महिमा का वर्णन किया। इस दौरान कई भक्त नृत्य करने लगे।