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फसलों के साथ साथ बागवानी खेती भी आय का एक अच्छा संसाधन : डा. मीणा

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कृषि-उद्यान आयुक्तालय टीम कृषि क्षेत्र के किसानों से हुए रूबरू

सोहनलाल वैष्णव. बोरुंदा (जोधपुर)

गुरुवार को कृषि-उद्यान आयुक्तालय जयपुर के उच्च अधिकारियों की टीम किसानों से रुबरु होकर खेती में नवाचार का पद्धति का लिया जायजा।
उद्यान आयुक्तालय जयपुर अतिरिक्त निदेशक उद्यान डा.के.सी.मीणा ने जिले के कृषि क्षेत्र में बागवानी, सुक्ष्म सिचांई, पोलीहाऊस, फार्म पौण्ड, कम लागत के प्याज भण्डारण, खेत की तारबंदी, नेपियर घास इत्यादि कृषि-उद्यानिकी गतिविधियों का निरीक्षण किया मौके पर किसानों से खेती में नवाचार अपनाने पर विस्तृत चर्चा की। गर्मियों में नेपियर घास हरे चारा का अच्छा विकल्प हो सकता है। फसलों के साथ-साथ बागवानी खेती भी खेती आय का एक संसाधन है।
डा.मीणा ने कृषि अधिकारियों से कहा कि खेती में नवाचार का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने से खेती का लाभ होगा।खरीफ कृषि आदान व्यवस्था समय पर सुनिश्चित हो। उच्च गुणवत्ता के कृषि आदान किसानों को मिलना सुनिश्चित हो।
अतिरिक्त निदेशक कृषि विस्तार खंड जोधपुर डा.जी.आर. मटोरिया ने कहा कि खरीफ कपास में गुलाबी सुंडी एवं सफेद लट नियंत्रण के प्रबधंन हेतु किसानों में जागरूकता के साथ खेती में नवाचार का अधिक से अधिक किसानों तक उन्नत तकनीक की जानकारी पहूंचाना सुनिश्चित होना चाहिये। स्थानीय किसान सेवा का निरीक्षण कर क्षेत्र में कीट-व्याधि की समस्या होने पर निदान के उपाय किसानों को साझा करने का स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिया।उपनिदेशक उद्यान जोधपुर डा.जीवनराम भाकर ने जोधपुर जिले में उद्यानिकी कार्य की विभिन्न गतिविधियों की प्रगति अवगत करवाते हुए कहा कि मिट्टी व सिचांई जल की जांच के अनुसार फसल के साथ-साथ खेती में फलदार खेती का विस्तार का लाभ होगा।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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