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Saturday, January 18, 2025, 1:35 pm

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भजनलाल शर्मा इस्तीफा मत दो…संघर्ष जारी रखो…लोकतंत्र में आलोचना तो होगी, पर इसे ताकत बनाओ

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एक्स पर ट्रेडिंग चल रहा है भजनलाल शर्मा इस्तीफा दो…अचानक क्या हो गया मेरे राजस्थान को? जिस व्यक्ति ने अच्छे भाव और अच्छे विचारों से शासन को अभी अभी संभाला ही है, उसके प्रति इतना अत्याचार क्यों…हो सकता है उनमें अनुभव की कमी हो, मगर उनके निर्णय कहीं गलत नहीं है, उनके कदम सच्चाई की राह पर डगमगा नहीं रहे, ऐसे में भजनलाल शर्मा को अपना संघर्ष जारी रखना चाहिए…

डीके पुरोहित. जोधपुर

एक्स पर ट्रेडिंग चल रहा है भजनलाल शर्मा इस्तीफा दो। पर हमारा मानना है कि अल्पसमय में भजनलाल शर्मा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी नई राह गढ़ी है। वे पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों के तरह शातिर नहीं है। अनुभव की कमी हो सकती है। मगर इनकी नीयत में कहीं खोट नहीं है। राइजिंग भास्कर ने कई मौकों पर सीएम भजनलाल शर्मा की खिलाफत की है। मगर हम मन से कभी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के खिलाफ नहीं रहे। क्योंकि एक व्यक्ति जो आम आदमी, आम कार्यकर्ता से इस पद तक पहुंचा है, उसके पीछे नरेंद्र मोदी ने कितना बड़ा जुआ खेला है, कितनी बड़ा रिस्क लिया है, वे ही जानते हैं। हम खिलाफत इसलिए करते हैं ताकि उनके तन बदन में आग लग जाए और वे आग बबूला हो जाए। हमारी आदत रही है कि हम मुद्दों काे प्रमुखता से उठाते हैं। न केवल उठाते हैं, उन्हें कई बार व्यक्तिगत अटैक कर देते हैं। मगर एक सरकार के रूप में शासन चलाना आसान नहीं है। वो भी तब जब सारी कायनात आपके खिलाफ हो।

भजनलाल शर्मा ऐसे समय में मुख्यमंत्री बने जब अशोक गहलोत ने सारा खजाना फ्री की योजनाओं में लुटा दिया। उनकी योजनाओं के आभा मंडल के बावजूद सरकार के रूप में जनता में भरोसा जताना आसान नहीं था। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तो वैसे भी भजनलाल शर्मा को पसंद करने वाले कहां हैं? मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगर भजनलाल शर्मा को चुना है, तो उनका मान रखना ही होगा। उन्होंने इस चयन के लिए कितनों को नाराज किया। कितने कयासों को झुठलाया। कितनी बड़ी बगावत हो सकती थी, उसके बावजूद लोकतंत्र की भावना को जिंदा रखा। उन संभावनाओं को नहीं मरने दिया, जिसमें एक कार्यकर्ता भी राजस्थान के मुख्यमंत्री के पद तक पहुंच सकता है। हम इस बाद को अच्छी तरह समझते हैं। मगर इसके बावजूद हमने जनहित के मुद्दों पर कई बार सीएम की खिंचाई की। यह इसलिए ताकि सरकार अपने काम के प्रति और सजग हो सके। ठाकुर सुहाती बातें तो सब करते हैं, मगर वक्त पर हम ऐसे सीएम का साथ नहीं छोड़ सकते जो मन से जनता के लिए संघर्ष कर रहा है। हमें इस बात से कोई मतलब नहीं कि सीएम जोधपुर का रहने वाला है या नहीं, मगर हम यह जरूर चाहते हैं कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पूरे राजस्थान के हित में निर्णय लें। जो प्रेम अशोक गहलोत को जोधपुर से रहा है, वह प्रेम भजनलाल शर्मा भी बनाए रखें। लेकिन हम इतने स्वार्थी भी नहीं है, जो राजस्थान के हित में है, वे निर्णय उन्हें लेने ही चाहिए।

खासकर पेपर लीक मामले पर जो सत्ता परिवर्तन हुआ उस मुद्दे पर सरकार को अपना स्टैंड कायम रखना चाहिए और इस दिशा में और कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। लोकतंत्र में आलोचनाएं तो होनी ही चाहिए। जो सरकार आलोचनाओं से घबरा जाती है या आलोचना को सुनकर आक्रोशित या आपे से बाहर हो जाती है वह जनहित में भी उचित नहीं है। हिन्दुस्तान ने हमें ऐसा लोकतंत्र दिया है, जिसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बहुत बड़ा अधिकार दिया है। हमें इस बात की खुशी है कि भजनाल शर्मा आलोचना को स्वस्थ लोकतंत्र का हिस्सा मानते हैं। आज जब सारी कायनात कह रही है कि मुख्यमंत्री इस्तीफा दो तो हम मुख्यमंत्री के साथ हैँ और कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री जी संघर्ष करो…वक्त को बदलने का जो मादा रखता है, वही सफल लीडर होता है। आपको मोदीजी ने चुना है। उन मोदीजी ने जिन्होंने इस देश और  दुनिया को नई दिशा दी है। आप भी भजनलाल जी राजस्थान को नई दिशा दो। अभी गर्मी बहुत चल रही है। हीट वेव से मौतें हो रही है। सरकार को बड़ा दिल रखकर मौतें स्वीकार करनी चाहिए। क्या फर्क पड़ता है अगर सच्चाई को स्वीकार कर ली जाए। सच्चाई को स्वीकार करने से लोग नाराज नहीं होंगे, बल्कि उन्हें अच्छा लगेगा। नेताओं की भाषा बोलना और वाक चातुर्य से अच्छा है साफ मन का होना। सरकार में कोई साफ मन का होता नहीं है। बगैर धूर्त हुए सरकार चलती नहीं है। मगर जन हित के मुद्दों पर अगर कोई नेता जनता से गद्दारी करता है तो उसे इतिहास भी माफ नहीं कर सकता। कई बार हम राजनीतिक चालों को देश हित में स्वीकार कर सकते हैं। मोदीजी की लाख कमियों को बावजूद हम उन्हें इसलिए प्यार करते हैं क्योंकि उनसे बड़ा देशभक्त कोई नहीं है। वे देश के लिए कितनी ही कठोर चाले चलें हमें कोई शिकायत नहीं है। हम तो चाहते हैं कि जो देश 200 साल अंग्रेजों का गुलाम रहा वो अपने सारे पाप धोकर विश्व में नई ताकत बनें। ऐसी ताकत जो दुनिया को दिखा दे कि भारत के सामने आंख उठाकर देखना कैसा होता है। यह काम केवल वो ही व्यक्ति कर सकता है जो कृष्ण की तरह संपूर्ण व्यक्ति हो। और यह भाव हम केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमारे न केवल आदर्श हैं बल्कि हम चाहते हैं कि जब तक उनका स्वास्थ्य ठीक रहता है वे भी देश का नेतृत्व करें। जहां तक राजस्थान की बात है प्रधानमंत्री मोदीजी ने भजनलाल शर्मा जी को जिम्मेदारी सौंपी है। हम सबको उन्हें मन से स्वीकार करना चाहिए। इसलिए नहीं कि उन्हें मोदीजी ने चुना है, बल्कि इसलिए कि यह लोकतंत्र में आम आदमी की जीत है।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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