बाल साहित्य वितरण करना पुस्तक संस्कृति को बल देता है : किरण पंचारिया
राइजिंग भास्कर डॉट कॉम. बीकानेर
राजस्थानी, हिन्दी देश के ख्यातनाम साहित्यकार, रंगकर्मी, चिंतक, आलोचक, अनुवादक, सम्पादक एवं शिक्षाविद् कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा की 93वीं जयंती के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय समारोह का आगाज आज प्रातः राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक एल.बी.डी. विद्यालय की बालिकाओं को शाला प्राचार्य किरण पंचारिया एवं वरिष्ठ अध्यापक अविनाश व्यास के सानिध्य में बाल साहित्य का निःशुल्क वितरण कर किया गया। इस अवसर पर प्रज्ञालय के आशीष रंगा एवं शिक्षाविद् हेमलता व्यास एवं पूनम स्वामी का सानिध्य रहा।
प्रज्ञालय के कमल रंगा ने बताया कि बालिकाओं को पुस्तक वितरण करवाने के अवसर पर प्राचार्य किरण पंचारिया ने कहा कि संस्था द्वारा बालिकाओं को अध्ययन हेतु निःशुल्क बाल साहित्य वितरण ही कीर्तिशेष रंगा को सच्ची श्रृद्धांजलि तो है ही साथ ही संस्था की इस क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण सकारात्मक पहल भी है। जिसके लिए संस्था साधुवाद की पात्र हैं। इस अवसर पर बोलते हुए शाला के वरिष्ठ अध्यापक अविनाश व्यास ने कहा कि निश्चित तौर पर रंगा जी की स्मृति में यह कार्यक्रम पुस्तक संस्कृति एवं पठन प्रवृत्ति को सम्बल देने का सार्थक प्रयास है। इसके लिए उनके परिजन प्रशंसा के पात्र हैं।
प्रज्ञालय के आशीष रंगा ने बताया कि कीर्तिशेष रंगा जी की स्मृति में आजादी री अलख, विज्ञान आस-पास, राजस्थानी बाल कहानियां एवं मुगती बाल साहित्य की 161 पुस्तकों को बालिकाओं में स्नेहपूर्वक वितरण किया गया, जिसे बहुत ही उत्साह के साथ बालिकाओं ने ग्रहण किया। वरिष्ठ शिक्षाविद् राजेश रंगा ने बताया कि लक्ष्मीनारायण रंगा की जयंती समारोह के प्रथम दिवस के दूसरे सत्र में कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा की हिन्दी, राजस्थानी की 160 विभिन्न विधाओं की पुस्तकों एवं अप्रकाशित साहित्य की प्रदर्शनी का उद्घाटन लक्ष्मीनारायण रंगा सृजन सदन में एक नवाचार के तहत बालक ही भविष्य है की अवधारणा के चलते बालिका कृतिका रंगा, हर्षिता रंगा एवं ध्वनि रंगा ने किया।
उद्घाटन करते हुए बालिका कृतिका रंगा ने कहा कि मैं बाल साहित्य पढती हूं हर बालक-बालिका को बाल साहित्य पढना चाहिए, साथ ही मैं एवं मेरे सहपाठी पुस्तक प्रदर्शनी देखकर आनन्दित हुए। इस अवसर पर हमें पुस्तक एवं पठन के महत्व के बारे में बताया गया। कार्यक्रम प्रभारी कवि गिरिराज पारीक ने बताया कि रंगा जी की पुस्तकों एवं अप्रकाशित साहित्य के उद्घाटन के अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार कमल रंगा, भवानी सिंह, राजेश रंगा, हरिनारायण आचार्य, बलदेव व्यास, अशोक शर्मा, नवनीत व्यास, तोलाराम सारण, सुनील व्यास सहित सैकड़ों बालक बालिकाओं की गरिमामय साक्षी रही। जयंती समारोह के अवसर पर राजेश रंगा ने बताया कि कीर्तिशेष लक्ष्मीनारायण रंगा जयंती समारोह के दूसरे दिन कल पौधारोपण, कैंसर पीड़ित भाई बहनों को स्वस्थ एवं सादा भोजन करवाना, गायों को गुड़ व हरा चारा खिलाने का आयोजन किया जाएगा साथ ही दो दिवसीय पुस्तक प्रदर्शनी का समापन भी होगा।