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दीपावली स्नेह मिलन में सामयिक रचनाओं ने समां बांधा

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राखी पुरोहित. जोधपुर

दीपावली स्नेह मिलन के उपलक्ष में नवोदय सबरंग साहित्य परिषद के बैनर तले काव्य-गोष्ठी संपन्न हुई, जिसमें नगर के लगभग दर्जन भर रसिक कवियों, शायरों एवं गायकों ने उत्साह से भाग लिया। गोष्ठी के प्रारंभ में एन के मेहता की अध्यक्षता में संस्था के पूर्व सदस्य स्व. शहजाद अली को श्रद्धांजलि दी गई।

गोष्ठी का आगाज एन के मेहता ने ग़ज़ल -”तू तो सरे जहान है, तेरा फसाना क्या कहते हैं” से किया। इसके बाद नंदकिशोर भाटी ने पुरकशिश आवाज में गीत-“याद न जाए बीते दिनों की”, डॉ. महेंद्र जैन ने- “मेरा प्यार मुझे लौटा दो”, राजेन्द्र खींवसरा ने-” है सबसे मधुर ये गीत” और इसी कड़ी में वीरेंद्र पुरी ने दर्दभरा नगमा-” क्या से क्या हो गया बेवफा तेरे प्यार में” सुनाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। अशफाक अहमद फौजदार ने कविता -” एक जगह पे कहां रुकते हैं सांप”, तो रजा मोह. ने मार्मिक ग़ज़ल- “आग भड़केगी तो धुंआ भी निकलेगा”, श्याम गुप्ता ‘शान्त’ ने दो कविताएं -“खोटा सिक्का” व “दिन बनाम रात” सुना‌ईं। उदीयमान कवयित्री दीपिका गहलोत ने दिल को छूने वाली कविता-“जी लेने दो मुझे थोड़ा मर लेने दो” सुनाकर गोष्ठी को ऊंचाई बख्शी!
श्रीमती अनुराधा अडवाणी के सुरुचिपूर्ण आतिथ्य में उक्त कार्यक्रम दो घंटे से अधिक चला। मेजबान एनके मेहता ने उपस्थित सभी कवि एवं कलाकारों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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