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जीवन को बुरा वो कहते हैं जो फूलों की बजाय कांटों को देखते हैं : सज्जनराम महाराज

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राखी पुरोहित. जोधपुर 

कुंभ मेला प्रयोजनार्थ अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ रामस्नेही संप्रदाय प्रधान पीठ रेण आचार्य सज्जनराम महाराज के पावन सान्निध्य में संगीतमय भागवत महापुराण कथा के पंचम दिवस पर व्यास पीठ से युवाचार्य बस्तीराम महाराज ने कहा कि मानव जीवन अनमोल एवं दुर्लभ है। जीवन की दुर्लभता जिस दिन किसी की समझ में आ जाएगी, उस दिन कोई भी मनुष्य इसका दुरुपयोग नहीं कर पाएगा। मानव जीवन प्रभु द्वारा प्रदत्त एक अनमोल उपहार है। जीवन में बुराई आवश्यक हो सकती है, लेकिन जीवन बुरा कदापि नहीं हो सकता। जीवन एक अवसर है श्रेष्ठ बनने का, श्रेष्ठ करने का एवं श्रेष्ठ को पाने का।

कथा प्रसंग के अंतर्गत मोती चौक रामद्वारा महंत रामरतन महाराज आयुर्वेदाचार्य ने संत मंडली सहित पधार कर सत्संग सेवा एवं निष्काम कर्म की बात बताई। रेन पीठाधीश्वर सज्जनराम ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए बताया कि जीवन वह फूल है जिसमें कांटे तो बहुत है, लेकिन सौंदर्य भी कोई कम नहीं है। जीवन को बुरा केवल उन लोगों द्वारा कहा जाता है जिनकी नजर फूलों की बजाय कांटों पर लगी होती है। जीवन में सब कुछ पाया जा सकता है, लेकिन सब कुछ देने पर भी जीवन को नहीं पाया जा सकता। जीवन को बुरा कहने की अपेक्षा जीवन की बुराई मिटाने का प्रयास करो यही विवेकी मनुष्य का लक्षण है। कथा के दौरान गुलाब सागर रामद्वारा के संत श्रवणराम महाराज ने भी दान पुण्य सेवा का महत्व बताया। कथा के आयोजक रामसनेही सत्संग समिति अध्यक्ष जगदीश बजाज ने आए हुए सभी संत महात्माओं का स्वागत किया एवं बताया कि कथा प्रसंग में शुक्रवार को गोवर्धन पूजा का कार्यक्रम रहेगा।

 

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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