पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोंपण कार्य महत्वपूर्ण
सोहनलाल वैष्णव. बोरुंदा (जोधपुर)
कृषि-उद्यानिकी अधिकारियों द्धारा कृषि क्षेत्र का निरीक्षण के दौरान खेतीं में सुक्ष्म सिचांई एवं बागवानी खेतीं की उन्नत कृषि उद्यानिकी तकनीकी की जानकारी मौके पर किसानों को दी। सहायक कृषि अधिकारी रफीक अहमद कुरैशी ने कहा कि खेतीं में सिचांई जल का कुशलतम उपयोग के लिए आधुनिक संयत्रों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है जैसे बुंद बुंद सिचांई पद्धति, फव्वारा व मिनि फव्वारा। सुक्ष्म सिचांई आधुनिक संयत्रों का उपयोग खेतीं में सिचांई जल का कुशलतम उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है। सुक्ष्म सिचांई के तहत अधिक से अधिक फव्वारा, मिनी फव्वारा, ड्रीप इरीगेशन सिस्टम अपनाने की तकनीकी किसानों में साझा की। बागवानी खेतीं में अनार, नीबूं, बेर इत्यादि नवीन बगीचा स्थापित को लेकर उद्यानिकी की उन्नत तकनीकी की विस्तृत चर्चा किसानों से की। बागवानी खेतीं भी फसल के साथ साथ खेतीं आय का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। वर्तमान समय पौधरोपण का उपयुक्त समय है।पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पौधरोपण की भी पहल हो। इसके साथ ही खरीफ उन्नत बीज, बीजोंपचार पद्धति, किंचन गार्डन को लेकर उपयोगी जानकारी किसानों को साझा की।
