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Saturday, July 27, 2024, 6:07 am

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जोधपुर, फलोदी, बालेसर, ओसियां, शेरगढ़ और आसपास के 300 से अधिक  गांव अतिक्रमण की जद में

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-पिछले तीस साल में 300 से अधिक गांवों में 65 प्रतिशत भूमि अतिक्रमण का शिकार हो गई है, अतिक्रमणकारियों ने खानों पर कब्जा कर लिया, वन भूमि नहीं छोड़ी, तालाब की आगौर पर कब्जा कर लिया, चरागाह भूमि तक चर डाली। ओरण भूमि तक हथिया ली। सरकारी नुमाइंदों, मास्टरों, ग्राम सेवकों, पटवारियों, ग्राम विकास अधिकारियों, रिटायर कर्मचारियों और सेना के अफसरों तक ने जमीनें हथिया ली है। व्यापारी और उद्योगपतियों ने जमीनें हथिया ली। बड़े बड़े खान मालिकों ने जमीनों पर कब्जा कर लिया। अब भजनलाल सरकार तो क्या कोई सरकार इन अतिक्रमणों को नहीं हटा सकती। सरकार की सात पुश्तें जोर लगा दे तो तो भी अब ये अतिक्रमण हट नहीं सकते।

-भजनलाल सरकार ने आदेश जारी किए हैं कि ग्राम पंचायतों से सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी मिलकर अतिक्रमण हटाए नहीं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब ये हवा हवाई आदेश दिल बहलाने को गालिब ख्याल अच्छा है से अधिक कुछ नहीं है। क्योंकि पिछले तीस सालों में भूमाफिया 65 प्रतिशत से अधिक भूमि पर आलिशान भवन बना चुके हैं। जिसकों जैसा दांव मिला अतिक्रमण करके पक्के घर बना लिए हैं। अब सरकार तो सरकार, सरकार के बाप में भी औकात नहीं है, इन अतिक्रमणों को हटाने की। इसलिए भजनलाल सरकार हो या कोई और सरकार आ जाए ये अतिक्रमण कभी हटने वाले नहीं है।

डीके पुरोहित की जोधपुर से विशेष रिपोर्ट

तीन सौ से अधिक गांवों-कस्बों पर एक नजर जो अतिक्रमण की जद में है :

अंजनीसर, अखाधना, अजासर, अजेरी, अनोप नगर, अरंडिया, असोलाई, आंद्रा नाडा, आंबेडकर नगर, आऊ, आमला, आसेजी नगर, औंदसर, कालू, खरा, खीचन, गंया नगर, गज्जा, गडना, गणेश नगर, गणेशपुर, गांधी नगर, गुरहा, गोडली, गोडाना, गोपा, गोविंद नगर, गोसाईपुरा, घंटियाली, घटोर, घमनेर, चताला नगर, चंद्रनगर, चंपावत नगर, चंपासर, चरणाइ्र, चाखू, चाडी, चिरी, चीमाना, चीला नाडी, चीलासर, चुतर नगर, चैनपुरा, जांबा, डाबर गांव, डाबू डायल नगर, ढढू, ढेलाणा, दुमाडेरी, दुर्गानी, दूदा नगर, देआली नगर, देणोक, देव नगरी, देवी नगर, धोकल नगर, धोलिया, पीलवा, फतेह नगर, सांचा, बंधेरी, बगड़ा, बगडावत नगर, बगतावड़ नगर, बग्गा, बघौरा, बजरंग नगर, बनेसिंह पुरा, बया नगर, बरजासर, बरी सीर, बांसवाड़ा नगर, बामणू, बामणू खुर्द, बारसिंहों का गांव, बालासर, बावड़ी कलां, बावड़ी कलां, बावड़ी खुर्द, बावड़ी बरसिंहा, बिल्होजी नगर, बीगासर, बीठडी, बूगडी, बेंगटी कलां, बोम्बापुरा, बोहरानाडा, भगवान नगर, भजन नगर, भाखरिया, भादू नगर, भीमजी का गांव, भींयासर, भोज नगर, भोजा नगर, भोजासर, भोमनगर, मटोल चक, हंसा देश, हनुमान नगर, हनुमान सागर, अंजीनसर, अखाधना, अजासर, अजेरी, अनोप नगर, अमरनगर, अमरपुरा, अरंडिया, असोलाई, आंबेडकर नगर, आऊ, आगोलाई, आनंदपुरा, आमला, आशापुरा, आसरलाई, आसेजी नगर, इंदो की ढाणी, उजलिया, उम्मेदसर, सांचा, औंदसर, कनोडिया पुरोहितान, कुरी, भोपालगढ़, कुशलावा, केतू कलां, केतू मदा, केतू हामा, केलवा कलां, केलवा खुर्द, कोटरा, कालू, खाबड़ा कलां, खाबड़ा खुर्द, खरा, खारिया खंगार, खारिया मीठापुर, खारी कलां, खारीबेरी, खिंडाकौर, खीचन, खेतासर, गंया नगर, गज्जा, गडना, गणेश नगर, गांधी नगर, गिलाकौर, गुरहा, गोडलीं, गोडाना, गोदेलाई, गोपा, गोपालसर, गोपासरिया, गोविंद नगर, गोसाईपुरा, घटोर, घमनेर, घेवड़ा, चताला नगर, चंद्रनगर, चंपावत नगर, चंपासर, चरणाइ्र, चांदरख, चाखू, चाडी, चांदराई, चामू, चिरी, चीमाना, चीला नाडी, चुतर नगर, चैनपुरा, जाखण, जांबा, जालोडा, जेलू, जैतियावास, झंवर, ठाडिया, डाबडी, डाबर गांव, डाबू डायल नगर, डिगाडी, डैरियाख् ढढू, ढांढणिया सासन, ढांढणीया सासन, ढेलाणा, तनावडा, तापू, थोब, दुगर, दुमाडेरी, दुर्गानी, दूदा नगर, देआली नगर, देचू, देड़ा, देव नगरी, देवातु, देवी नगर, धधरवाला, धनरी कलां, धुंधाड़ा, धुनरिया, धोकल नगर, धोलासर, धोलिया, नाथडाऊ, निंबो का बास, नींबला, नेवरा, नेवरा रोड, नौसर, परसाला, पलासनी, पळी, पांचला खुर्द, पिचियाक, पीलवा, पूनासर, पूनासर खुर्द, फतेह नगर, सांवा, बंधेरी, बकासर, बगडावतनगर, बग्गा, बघौरा, बजरंग नगर, बडला बासनी, बनेसिंह पुरा, बया नगर, बरजासर, बजरंग नगर, बरी सीर, बस्तवा, बांसवाडा नगर, बाप, बापिणी खुर्द, बामणू, बामणू खुर्द, बारनाऊ, बारसिंहों का गांव, बारू, बालरवा, बालासर, बालेसर, सांचा, बालेसर दुर्गावतां, बालेसर सत्ता, बावड़ली, बावड़ी कलां, बावड़ी खुर्द, बावड़ी बरसिंहा, बिंजवाडिया, बिजारिया की बावड़ी, बिराई, बिल्होजी नगर, बीगासर, बीठडी, बूगडी, बेंगटी कलां, बेदू, बेदों का बेरा, बेरडों का बास, बेलवा रणजी, बोम्बापुरा, बोहरानाडा,  भगवान नगर, भजन नगर, भटलाई पुरोहितान, भरी नगर, भांडा, भाखरिया, भाखरों की ढाणी, भादू नगर, भाळू राजवां, भावड़, भीकमकौर, भीम सागर, भीमजी का गांव, भीमसागर, भीयासर, भोज नगर, भोजा नगर, भोजासर, भोम नगर, मगरा, मटोल चक,  मतोडा, मथानिया,  मोगरा कलां, रायमलवाडा, आशापुरा, इंदों की ढाणी, उजलिया, उम्मेदसर,  सांचा, केलवा कलां, कोटरा, खाबड़ा कलां, खारी कलां, खिंडाकौर, खेतासर, गगाडी़, गोपासरिया, चांदरख, जाखण, जेलू, जैतियावास, डाबडी, डिगाडी, तापू, थोब, धनरी कलां, धुंधाड़ा, धुनरिया, नींबला, नेवरा, नेवरा रोड, नौसर, परसाला, पळी, पांचला खुर्द, पूनासर, पूनासर खुद्र, बडला बासनी, बाना का बास, बापिणी, बापिणी खुद्र, बारां कलां, बारां खुर्द, बालरवा, बिंजवाडिया, बिंजारिया की बावड़ी, बेदू, बेदों का बेरा, बेरडों का बास, भरी नगर,  भांडा, भाख्रों की ढाणी, भावड़, भीमसागर, भीमसागर, भेड, मगरा, मतोडा, रायमलवाडा, रिणीया, शिव नगर, संतोडा कलां, संतोडा खुर्द, सामराऊ, सिरमंडी, हटूंडी, हड़मान नगर, हड़मान सागर, हरलायां, हाणियां, आगोलाई, ऊटांबर, कनोडिया पुरोहितान, कुई इंदा, केतू कलां, केतू मदा, केतू हामा, खारी बेरी, खुडियाला, गिलाकौर, गादेलाई, गोपालसर, चामू, जीयाबेरी, ठाडिया, डैरिया, दुगर, देडा, देवातु, नाथडाऊ, निंबों का बास, बस्तवा, बारनाऊ, बालेसर, बालेसर दुर्गावतां, बालेसर सत्ता, बावडली, बिराई, बेलवा रणजी, भटलाई पुरोहितान, भालू राजवा, लोडता, शिवसर, सुखमंडला, सेखाला, अमर नगर, अमरपुरा, आनंदपुरा, आसरलाई, आसनगर, देचू, बकासर, सेतरावा, सोलंकिया तला..।

उपरोक्त तस्वीर डरावनी है, सच खतरनाक है, सरकार पचा नहीं पाएगी

ये तो एक बानगी है। इससे कई अधिक गांवों ढाणियों में अतिक्रमण हो गए हैं। कई गांव और ढाणी तो ऐसे हैं जिनके लोगों ने नाम तक बदल दिए हैं। कौनसे खसरे में आज से तीस साल पहले क्या था, अब किसी को नहीं पता है। तीस सालों में पक्के आवास हो गए हैं। तालाब नष्ट हो गए हैं। कुएं ढह गए हैं। बावड़ियों पर कब्जे हो गए हैं। चरागाह भूमि और ओरण भूमि पर अतिक्रमण हो गए हैं। यही नहीं वन विभाग की भूमि भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है। अदालतें आदेश निकालती रही। जज कार्रवाई करते रहे। कुछ होना जाना नहीं है। कलेक्टर, जेडीए, नगर निगम और जिला परिषदें और ग्राम पंचायतें कमेटियां बना लेंगी। कोर्ट न्याय मित्र बिठा देंगे। हाई पॉवर कमेटियां बनेंगी। आदेश पर आदेश जारी होंगे। मगर नतीजा कुछ भी नहीं निकलने वाला। लोकतंत्र में जिस तरह आवारा पशु चारा चरते रहते हैं, वैसे ही खुले सांड की तरह अतिक्रमणकारी जमीनें हड़पते रहेंगे और हड़प चुके हैं। इनका कुछ भी होने जाने वाला नहीं है। लोकतंत्र में सरकारों ने जनता को बेवकूफ बनाने का काम किया है। ईमानदार लोग पिसते रहे हैं और बेईमानों ने जमीनें हथिया ली है। अब न कोर्ट का आदेश चलने वाला और न ही सरकार का डंडा। अगर चला हो तो पिछले तीस सालों में क्या कार्रवाई हुई कोई बता दे। इतनी सरकारें आई और चली गई। इतने जज आए और रिटायर हो गए। कुछ भी नहीं हुआ। ना ही कुछ होने वाला है। इसलिए सरकार अतिक्रमण हटाने का हवा हवाई आदेश निकालकर जनता को बेवकूफ बनाना छोड़े।

कुछ अतिक्रमण तो सरकार हटा देंगी, बड़ी बड़ी होटलों को कौन हटाएगा 

अब भाजपा की भजनलाल सरकार ने अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए हैं। बड़े बड़े अखबार भजनलाल सरकार के कशीदे कढ़ रहे हैं- भजन सरकार एक्शन में…। खाक एक्शन में है सरकार। सरकारी भूमि पर बड़ी बड़ी होटलें बन गई है। सब अतिक्रमण कर बनी हुई है। बड़े-बड़े रिसोर्ट बन गए हैं। वन भूमि पर रसूख वाले लोगों ने कब्जे कर रखे हैं। खानों पर कब्जा है। तालाबों पर आलिशान भवन बन गए हैं। उद्योगपतियों और व्यापारियों ने सरकार के साथ मिलकर ही जमीनें हथिया ली है। यहां तक कि श्मशान भूमि तक को नहीं छोड़ा। आम रास्ते बंद कर दिए गए हैं। सरकारी वन विभाग की चारदीवारी तोड़कर कब्जे कर दिए गए हैं। चारों तरफ अतिक्रमण का जाल बिछा हुआ है। कोई कुछ नहीं कर पा रहा है। अगर गूगल मैप से तस्वीर खींची जाए और तीस साल पहले की गांवों की स्थिति देखी जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ जाएगा। इतिहास कभी झूठ नहीं बोलता। आज से तीस साल पहले कहां क्या था ये पुराने लोग बता देंगे। अब वहां क्या बन गया है यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। इन तीस सालों में अतिक्रमण की सारी हदें पार हो गई है। अब तो सरकार के विधायक तक कहने लगे हैं कि वन विभाग की जमीन पर जिन लोगों ने पक्के घर बना दिए हैं उनका नियमन कर दिया जाए और वन विभाग को अन्यत्र भूमि दे दी जाए। यह स्टेटमेंट सूरसागर विधायक देवेंद्र जोशी के हैं। हो भी क्यों न क्योंकि राजनीतिक इच्छा शक्ति न तो भाजपा में है न कांग्रेस में। अतिक्रमण करने वाले दोनों पार्टियों के लोग है। इसलिए इस दौर में किसी पार्टी से राजा हरिश्चंद्र की तरह कार्रवाई होने की उम्मीद ना करें। मोदी खुद नहीं खाएगा मगर सरकार के आदमी नहीं खाएंगे तो सरकार कैसे चलेगी?…सब राग ऐसे ही चलेगा। ये तो गांवों की हमने रिपोर्ट पेश की है। जल्द ही शहर के रसूखदार लोगों के कब्जों की रिपोर्ट आपके सामने रखेंगे। देखते हैं नगर निगम कार्रवाई करता है या जेडीए करता है। कलेक्टर करता है या जज करते हैं। वन विभाग करता है या पीएचईडी करता है। सारे कुआं में भांग मिली हुई है। सब एक ही थैली की चटे बटे हो गए हैं। राजनीति में डाकू गुंडे चोर इकट्‌ठे हो गए हैं।

 

 

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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