पाक कला विशेषज्ञ उमा सिंघल ने रसोई के परंपरागत स्वाद को जीवंत किया
राखी पुरोहित. जोधपुर
हमारे घरों में आज फास्ट फूड का जमाना है। नई पीढ़ी पुराने खान-पान और पाक कलाओं को भूलती जा रही है। हमारी रसोई का अधिकतर भाग बाजार से मैनेज होता है। महिलाएं आधुनिकता की आड़ में पुरानी परंपराओं को बिसरा रही है। दादी-नानी का स्वाद अब बीते जमाने की बात हो गया है। ऐसे ही आधुनिकता के माहौल में प्राचीन पाक कलाओं का दिग्दर्शन करवाने के लिए हमारी विरासत कार्यक्रम के तहत विशेष पाक कला कार्यशाला बुधवार को न्यू पॉवर हाउस रोड स्थित रोशन विला में आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में पाक विशेषज्ञ श्रीमती उमा सिंघल थी। उन्होंने अपने हाथों के हुनर से प्राचीन व्यंजन बनाए। इसमें प्रमुख रूप से मक्की के ढोकले, कांजीबड़े और मीठे भात शामिल थे।
उमा सिंघल ने बताया कि मक्की के ढोकले आज गृहिणियां लगभग भूल चुकी हैं। जबकि यह खाने में स्वादिष्ट और स्वास्थ्य की दृष्टि से फायदेमंद होते हैं। इसका उपयोग करने से हम कई प्रकार की बीमारियों से बच सकते हैं। शुगर में यह विशेष रूप से फायदेमंद होती है। यह काेलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित करती है और हाजमा भी दुरुस्त रखती है। इसी तरह कांजीबड़ा बनाने की विधि बताई गई और उसका जीवंत प्रदर्शन किया गया। इसके बाद कांजीबड़ा सभी सदस्यों को सर्व किया गया। कार्यक्रम की कड़ी में मीठा भात भी बनाया गया। मीठा भात आजकल रसोई में नहीं बनाया जाता। जबकि मीठा भात के बगैर प्राचीन समय में त्योहार की रंगत ही फीकी मानी जाती थी।
आशा पाराशर और ऋचा शरद अग्रवाल ने कार्यक्रम का संचालन किया
यह कार्यक्रम आशा पाराशर और ऋचा शरद अग्रवाल के संचालन में आयोजित हुआ। हमारी विरासत में मौजूद सदस्याओं ने जीवंत पाक कला को देखकर हुनर की तारीफ की। तथा आशा पाराशर ने बताया कि आगे भी ऐसे कार्यक्रम होते रहेंगे। जबकि ऋचा शरद अग्रवाल ने कहा कि यह तो शुरुआत है, ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। ऋचा शरद अग्रवाल ने व्यंजन विशेषज्ञ श्रीमती उमा सिंघल का सम्मान किया एवं आशा पाराशर ने धन्यवाद ज्ञापित किया । इस कार्यशाला में भाग लेने वाली महिला प्रतिभागियों ने इसे उपयोगी और आनंददायक अनुभव बताया । कार्यशाला में राखी पुरोहित, अनुपमा राठी, श्रुति गर्ग, सुषमा अग्रवाल, पूर्णिमा अग्रवाल, गरिमा बंसल, पूर्णिमा गर्ग, सीमा सिंघल, दीपिका अग्रवाल, डाॅ. वर्षा चौहान, प्रियंका बाहेती उपस्थित रहीं।
