राखी पुरोहित. जोधपुर
गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व उस समय यादगार बन गया जब काव्य कलश संस्थान के सचिव श्याम गुप्ता शांत के निवास पर कवियों की महफिल जमी। चुनिंदा युवा और वरिष्ठ कवि-कवयित्रयों ने अपनी देशभक्ति, राष्ट्रीय भावनाओं और संविधान के सम्मान से ओतप्रोत रचनाएं सुनाई तो सभी ने कहा कि हमारे हर शब्द ही नहीं हर सांस देश के लिए है। देशभक्ति का जुनून हर किसी के शब्दों में सुनने को मिला। असरार भाई ने संविधान के सम्मान में गजलें सुनाई। उन्होंने संविधान को देश की आत्मा बताते हुए कहा कि संविधान लागू हुआ ताे आजादी जी पाए, संविधान लागू हुआ जीवन गतिशील हुआ। उन्होंने संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए अपनी गजलें सुनाई।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्थान के अध्यक्ष मनोहरसिंह राठौड़ ने कहा कि देश है तो सबकुछ है। देश के लिए सुनाई रचनाएं कवियों के मन से निकले भाव है। उन्होंने क्या कहा सुनिए इस वीडियो में—-
काव्य गोष्ठी का सफल संचालन वरिष्ठ एडवोकेट एनडी निंबावत ने किया। उन्होंने अपने चुटीले अंदाज में और शाइरियों और गजलों की पंक्तियों से समां बांधते हुए बारी-बारी से कवियों और कवयित्रियों को आमंत्रित किया। उन्होंने अपने अंदाज में रंग जमा दिया। उन्होंने अपने गीत से राष्ट्रीय भावनाओं को कुछ इस तरह व्यक्त किया—
अशफाक अहमद फौजदार ने हमेशा की तरह शांत भाव से मगर संजिदगी से काव्य पाठ किया। उन्होंने अपनी कविता में चाहत के रूप बताते हुए कुछ शेर सुनाए। उनकी प्रस्तुति एक नजर में—-
नीलम व्यास ने अपनी कविताओं में उदात्त भावनाओं को व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रीय पर्व की गरिमा के अनुरूप कविता सुनाकर शांत सरोवर में जैसे कंकर फेंक कर हलचल बचा दी। उनकी कविताओं और गीत ने खूब मन मोहा।
इन कवियों ने समां बांधा
60 से अधिक गीतों के रचयिता और युवाओं को आगे लाने वाले मशहूर गीतकार दिलीप केसानी ने अपनी पसंदीदा रचना पढ़ी। गौरतलब है कि केसानी के कई गीत विभिन्न प्लेटफॉर्म पर धूम मचा रहे हैं जिनकी विदेशों में शूटिंग हुई है। एक गीत फिल्म के लिए भी सलेक्ट हुआ है। इसी तरह हंसराज हंस बारासा ने गणतंत्र दिवस का मान बढ़ाने वाली कविता सुनाकर दाद हासिल की।
श्याम गुप्ता शांत की गजलों ने धूम मचाई
मेजबान श्याम गुप्ता शांत ने दो गजलें सुनाई। एक गजल में राजनेताओं और देश की व्यवस्था पर व्यंग्य और सवाल उठाए गए तो दूसरी गजल में जीवन के गंभीर मुद्दों को शब्द दिए गए। दिलीप कुमार पुरोहित ने ओ नकाबों में जीने वाले भगवान खुदा सब तेरे हैं, इस भरी महफिल में कहने को ये चंद गम ये चंद नगमे मेरे हैं…गीत सुनाया। एक अन्य गीत भी खूब पसंद किया गया।
प्रदीप शर्मा ने दशभक्ति के रंग में रंग दिया
प्रदीप शर्मा ने देशभक्ति कविताओं ने जोश भर दिया। आरंभ में उन्होंने भारत माता की जय से शुरआत की और कहा कि मेरा आप लोगों से पिछले जन्म का कोई रिश्ता है। उन्होंने पर्यावरण को संरक्षण करने की कविता सुनाकर फरमाइश पूरी की।
तृप्ति गोस्वामी काव्यांशी ने गणतंत्र का गौरव बढ़ाया
तृप्ति गोस्वामी काव्यांशी ने गणतंत्र पर्व का गौरव बढ़ाते हुए शब्दों की माला पिरोई। उन्होंने शब्दों को धारदार बनाते हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उनके शब्दों में देशप्रेम का ज्वार था तो शहीदों के प्रति उदात्त भाव थे। दीपिका गहलोत ने प्रेम पर आधारित कविताएं सुनाई।
खुर्शीद भाई की गजल बुलडोजर यहां चलाओ…ने बुराइयों को खत्म करने का जज्बा दिखाया
इस मौके पर खुर्शीद भाई की गजलें खूब पसंद की गई। उनकी एक गजल बुलडोजर यहां चलाओ खूब चर्चित रही। उन्होंने नारी शक्ति की असमत पर हमला करने वालों पर बुलडोजर चलाने की बात कही। उनहोंने नफरत के खिलाफ बुलडोजर चलाने की बात कही। उन्होंने अन्याय असत्य के खिलाफ बुलडोजर चलाने की बात कही।
