अरुण कुमार माथुर. जोधपुर
कायलाना तखतसागर झील की पहाड़ियों के मध्य स्थित प्राचीन बिजोलाई बालाजी आश्रम में शनिवार को माघ पूर्णिमा के दिन बड़े धूम धाम के साथ संत रविदास महाराज की जयंती मनाई गई। जिसमें दूर दूर से आये भक्तों ने भाग लिया। इस अवसर पर आश्रम के महामंडलेश्वर सोमेश्वरगिरी महाराज को भक्तों ने संत रविदास महाराज की तस्वीर भी भेंट की।
महामंडलेश्वर सोमेश्वरगिरी महाराज ने इस मौके पर संत रविदास महाराज के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संत रविदास महाराज ने सनातन धर्म को बचाने के लिए जो त्याग और तपस्या की उसे भुलाया नहीं जा सकता। उन्होनें कहा कि संत रविदास ने हमेशा ऊंच नीच के भेद को मिटा कर आगे बढ़ने का मार्ग दिखाया। युवाओं को संत रविदास के बताए मार्ग पर चलना चाहिए और सनातन धर्म की रक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए।
उन्होनें कहा कि संत गुरू रविदास देश में उन महान संतो में से एक माने जाते थे जिन्होनें समाज में फैली बुराईयों और कुरूतियों को दूर करने के लिए लोगों को सच्चे मार्ग पर चलने की राह दिखाई साथ ही उन्होनें अपनी भक्ति भावना से पूरे समाज को एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया।
इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में आए भक्तों ललित पंवार, देवेन्द्र चैहान, अरूण माथुर, अनिल सोलंकी, मुकेश शर्मा, शेरसिंह, पुखराज, रमेश बाबा, राहुल सिसोदिया, तेजसिंह आदि ने संत रविदास महाराज की तस्वीर पर पुष्पहार चढ़ा कर उनके प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किये।