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Tuesday, March 18, 2025, 1:38 pm

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नई शिक्षा नीति में प्राकृतिक खेती के पाठ्यक्रम बनाकर लागू करने होंगे : हरिभाऊ बागड़े

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कृषि विवि का छठा दीक्षांत समारोह : 264 उपाधियां प्रदान, 10 गोल्डन मेडल दिए

शिव वर्मा. जोधपुर

राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कृषि शिक्षा के अंतर्गत प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए कहा है कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्राकृतिक खेती के पाठ्यक्रम बनाकर उन्हें लागू किए जाने चाहिए। इसके साथ ही प्रसार शिक्षा के अंर्तगत भी प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए खेत-खेत में प्रचार किया जाना चाहिए।

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने यह उद्गार शनिवार को जोधपुर में कृषि विश्वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में कुल 264 उपाधियां प्रदान की। इनमें 211 कृषि स्नातक, 25 डेयरी प्रौद्योगिकी स्नातक, 23 स्नातकोत्तर व 5 विद्यावाचस्पति की उपाधि प्रदान की। इस दौरान 7 विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक व 3 दानदाता स्वर्ण पदक भी दिए गए।

10 प्रतिभाओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए

उन्होंने वर्ष 2024 की परीक्षाओं के लिए कुल 10 स्वर्ण (7 स्वर्ण पदक विश्वविद्यालय द्वारा तथा 3 दानादाताओं द्वारा ) पदक प्रदान किए। इनमें स्नेहा पी.जी. को बीएससी (स्नातक कृषि ) में विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक एवं आर.पी. जांगिड़ स्वर्ण पदक, मंटी कुमारी को डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय जोधपुर को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक एवं स्वर्गीय रूकमणी देवी कलवानियां स्वर्ण पदक, किरण चौधरी को स्नातकोत्तर शस्य विज्ञान में विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक एवं डॉ आर.पी. जांगिड़ स्वर्ण पदक, ट्विंकल हाड़ा को स्नातकोत्तर सब्जी विज्ञान में विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, पुरुषोत्तम सुथार को स्नातकोत्तर, आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन में विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक, मनिला पूनिया को स्नातकोत्तर, कीट विज्ञान में विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक और मयंक राजपूत को स्नातकोत्तर रोग विज्ञान में विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक प्रदान किया।

पूर्व कुलपति डॉ. जे.एस. संधु को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि

राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने डॉ जे.एस. संधु, पूर्व कुलपति श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की।

प्रकाशनों का विमोचन

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के विभिन्न प्रकाशनों का विमोचन किया। इनमें पोस्ट ग्रेजुएट एंड पीएचडी स्टडी रेगुलेशन, सेलेबस पोस्ट ग्रेजुएट एंड पीएचडी प्रोग्राम तथा कोर्स करिकुलम, बी.टैक. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग शामिल हैं।

वर्तमान चुनौतियों के मद्देनज़र सार्थक प्रयास जरूरी

दीक्षान्त समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री बागड़े ने कहा कि प्राकृतिक विषमताओं और जलवायु परिवर्तन के दौर में विभिन्न संकटों पर नियंत्रण के लिए देश भर में इस समय ‘प्राकृतिक खेती’ के लिए अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। प्राकृतिक खेती और वृक्षारोपण जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से बचने का प्रभावी उपाय है। इसके लिए कृषि में सहनशील किस्मों और नई प्रौद्योगिकियों का विकास किया जाए। इन किस्मों के गुणवत्तायुक्त बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, इससे न केवल क्षेत्र के किसान लाभान्वित होंगे अपितु राज्य में कृषि के विकास को भी नवीन गति मिलेगी।

पानी की बचत वाली फसलों पर जोर

उन्होंने कहा कि कम पानी में अच्छी फसल हमारी प्राथमिकता होना चाहिए। खेती को पानी की बहुत जरूरत रहती है। बारिश का पानी खेत में ही रहे, इसके लिए भी कृषि शिक्षा के अंतर्गत आप लोग प्रयास करें। पानी की बचत ही पानी का निर्माण करना है।

किसानों के लिए प्रत्यक्ष लाभकारी उपाय सुनिश्चित करें

राज्यपाल ने कृषि शिक्षा के अंतर्गत शिक्षण, अनुसंधान और प्रसार की दिशा में मौलिक दृष्टि रखते हुए कार्य करने पर जोर देते हुए कहा कि कृषि शिक्षा इस तरह की हो जिससे किसानों को सीधा खेत पर उसका लाभ मिल सके। इसी तरह स्थान विशेष की भौगोलिक स्थिति, जलवायु और जल उपलब्धता से जुड़े संदर्भों में कृषि विकास अनुसंधान के लिए कार्य हो। प्रसार शिक्षा का मूल आधार भी यह होना चाहिए कि जो कुछ कृषि विश्वविद्यालय शोध और शिक्षा के लिए नया करें, उसका लाभ सीधे खेतों तक पहुंचे।

श्री अन्न का प्रचार-प्रसार करें

राज्यपाल ने मोटे अनाज के महत्व को देखते हुए श्री अन्न के अधिकाधिक उपयोग एवं इसके महत्व के प्रचार-प्रसार की जरूरत बताई। उन्होंने युवा पीढ़ी को कृषि से जुड़े स्टार्टअप्स की ओर प्रेरित करने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इससे कृषि के क्षेत्र में नवाचार, संसाधन प्रबंधन और उत्पादन को बढ़ावा देने में उनकी सहभागिता में अभिवृद्धि होगी।

विश्वविद्यालय की सराहना

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और निर्यात के नए अवसर प्रदान करने के लिए ‘एक के.वी.के., एक उत्पाद’ की पहल की सराहना की और कहा कि इस तरह की योजनाएं किसानों की आय बढ़ाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी।

खुशहाली विस्तार में भागीदारी निभाएं

समारोह को संबोधित करते हुए दीक्षांत अतिथि श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के पूर्व कुलपति, डॉ जे.एस. संधू ने सभी प्रतिभाओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कृषि क्षेत्र में समर्पित सेवाओं से समाज के उत्थान तथा देश में खुशहाली विस्तार के लिए आगे आने का आह्वान किया। समारोह में कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने राज्यपाल तथा दीक्षांत अतिथि डॉ जे.एस. संधु को स्मृति चिन्ह भेंट किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव ने किया।

इनका लोकार्पण

दीक्षान्त समारोह से पूर्व राज्यपाल श्री बागडे ने कृषि विश्वविद्यालय पहुंचकर सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस ऑन मिलेट्स डॉ बीआरसी एआरएस मण्डोर, कॉलेज ऑफ डेयरी एंड टेक्नोलॉजी संवत कुआं,बावड़ी जोधपुर, कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग संवत कुआं बावड़ी जोधपुर, बिल्डिंग एंड किसान होटल केवीके रायपुर (पाली), बिल्डिंग एंड किसान होटल, केवीके बामनवाड़ा जालौर, बॉयज हॉस्टल कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर नागौर, गर्ल्स हॉस्टल कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर नागौर, टिश्यू कल्चर लेब, एयू जोधपुर सहित विश्वविद्यालय की 8 विभिन्न ईकाइयों के भवनों का लोकार्पण किया। समारोह में शैक्षणिक शोभायात्रा के मंच पर आगमन के उपरान्त राज्यपाल ने दीप प्रज्वलन तथा शुभारंभ की घोषणा कर दीक्षान्त समारोह की शुरूआत की। आरंभ में समारोह में विश्वविद्यालय कुलगीत गायन के बाद कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने स्वागत उद्बोधन दिया और विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। विश्वविद्यालय की प्रगति के सोपान पर केन्द्रित वीडियो प्रस्तुत किया गया। दीक्षांत समारोह में विधायक बिलाड़ा श्री अर्जुनलाल गर्ग भी उपस्थित थे।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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