रिटायर्ड सीनियर आईपीएस ने होम मिनिस्टर अमित शाह को भेजी गोपनीय रिपोर्ट, नाम न छापने की शर्त पर बताया- होम डिलीवरी कंपनियां देश के लिए बन रही खतरा, मादक पदार्थों ही नहीं हथियार और विस्फोटक सामग्री की भी हो सकती है सप्लाई
डीके पुरोहित की विशेष रिपोर्ट. नई दिल्ली
होम डिलीवरी कंपनियाें के माध्यम से तस्कर अब आसानी से मादक पदार्थों की सप्लाई कर रहे हैं। देश भर में इसका जाल बिछ गया है। बांग्लादेशी और नेपाली युवक तस्करी नेटवर्क में विशेष रूप से शामिल हो चुके हैं। वहीं अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी इसमें शामिल हैं। यही नहीं सीमावर्ती इलाकों के भूमिगत और पूर्व तस्कर फिर से सक्रिय हो गए हैं और मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल हो रहे हैं। बॉर्डर इलाकों में एक बार फिर विस्फोट स्थिति बन रही है। भूमिगत और पूर्व तस्कर फिर से इस राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में सक्रिय हो गए हैं। डिलीवरी मैन चाहे दिल्ली के पॉश इलॉके हो या पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र…। राजस्थान भर में मादक पदार्थों की सप्लाई हो रही है। अब नई आशंका यह भी उत्पन्न हो गई है कि हथियार और विस्फोटक सामग्री तक होम डिलीवरी के रूप में सप्लाई की जा सकती है। होम डिलीवरी मैन देर रात तक घूमते रहते हैं और 500-700 रुपए का बिल थमाकर ऑनलाइन पेमेंट उस राशि का ले लेते हैं और मादक पदार्थों की शेष राशि कैश ले लेते हैं। होम डिलीवरी देर रात तक चलती रहती है और डिलीवरी मैन के रूप में एमडी ड्रग्स, हेरोइन और गांजा-अफीम आदि आसानी से घर-घर सप्लाई हो रहा है। इस कार्य में अधिकतर बांग्लादेशी नौजवान और नेपाली युवक शामिल हैं। यही नहीं जैसलमेर और बाड़मेर जैसे सीमावर्ती इलाकों में पूर्व तस्कर और भूमिगत तस्कर भी सिर उठा रहे हैं।
पिछले दिनों एक सीनियर रिटायर्ड आईपीएस ने गृह मंत्री अमित शाह को इस संबंध में गोपनीय रिपोर्ट भेजी है। इस सीनियर रिटायर्ड आईपीएस ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बॉर्डर इलाकों में पूर्व तस्कर अब होम डिलीवरी मैन बनकर नशीले पदार्थों की खेप मन चाहे स्थानों पर सप्लाई कर रहे हैं। होम डिलीवरी कंपनियों के माध्यम से देश के किसी भी हिस्से में मादक पदार्थों की सप्लाई करना अब आसान हो गया है। इस कार्य में किसी को शक भी नहीं होता है। इस सीनियर रिटायर्ड आईपीएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न भागों में बांग्लादेशी और नेपाली युवक बड़ी तादाद में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग विशेष रूप से होम डिलीवरी सप्लायर बन मादक पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं। इस रिटायर्ड आईपीएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गृह मंत्रालय ने जल्द एक्शन नहीं लिया तो हथियारों और विस्फोटक सामग्री तक की भी होम डिलीवरी कंपनियों के माध्यम से मनचाहे स्थानों पर सप्लाई की जा सकती है।
गंभीर और चिंताजनक मुद्दा : एमडी ड्रग्स, हेरोइन, गांजा, अफीम की सप्लाई आसानी से
यह एक गंभीर और चिंताजनक मुद्दा है, जिसमें मादक पदार्थों का तस्करी और सप्लाई घरों तक पहुंचाकर होम डिलीवरी सेवाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। कुछ लोग इन सेवाओं का उपयोग अवैध गतिविधियों के लिए कर रहे हैं, जैसे ड्रग्स और अन्य मादक पदार्थों की तस्करी। खासकर एमडी ड्रग्स, हेरोइन और गांजा के साथ अफीम जैसे मादक पदार्थ अब आसानी से सप्लाई हो रहे हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को इस प्रकार की गतिविधियों पर नजर रखने और इसे रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। होम डिलीवरी कंपनियों को अपनी सेवाओं का उपयोग करते हुए ऐसे मामलों की जांच और निगरानी करनी चाहिए, ताकि इस प्रकार की अवैध गतिविधियों को रोका जा सके। यह एक बहुत ही गंभीर और संवेदनशील विषय है। अब होम डिलीवरी के माध्यम से हर छोटी-मोटी सामग्री घर-घर और ऑफिस कहीं भी सप्लाई की जा सकती है। ऐसे में मादक पदार्थ आसानी से कहीं भी पहुंचाए जा सकते हैं।
कोविड के बाद होम डिलीवरी सेवा ने पकड़ी रफ्तार : 35 से 45 प्रतिशत इसी से सप्लाई
दरअसल कोविड के बाद होम डिलीवरी कॉन्सेप्ट ने रफ्तार पकड़ा। अब होम डिलीवरी घर-घर में अनिवार्य हो गया है। एक अनुमान के अनुसार 35 से 45 प्रतिशत सामग्री होम डिलीवरी के माध्यम से होती है। जिस तेजी से होम डिलीवरी का कॉन्सेप्ट रफ्तार पकड़ता गया, उसी तेजी से राष्ट्र विरोधी तत्वों ने रास्ता निकाल लिया और अब तस्कर आसानी से मादक पदार्थों की तस्करी होम डिलीवरी के माध्यम से करने लगे हैं।
होम डिलीवरी सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ने से समाज पर प्रभाव : खतरा पग-पग पर
होम डिलीवरी सेवाओं का इस्तेमाल बढ़ने के कारण समाज पर विपरीत प्रभाव भी पड़ रहा है। इससे एक तरह लोग सुविधा भोगी हो रहे हैं, वहीं इसके माध्यम से मादक पदार्थों जैसी तस्करी को जन्म दे दिया है। होम डिलीवरी के जरिए मादक पदार्थों की तस्करी और आपूर्ति के मामले का विश्लेषण करना होगा। अब यह सरकार के लिए भी अनिवार्य हो गया है। डिजिटल परिवर्तन खासकर ई-कॉमर्स और ऑनलाइन प्लेटफार्म के विस्तार के साथ ही होम डिलीवरी को बढ़ावा मिलता जा रहा है और इसी के माध्यम से अपराधों को बढ़ावा मिल रहा है।
इन बातों पर अब मंथन की जरूरत : पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका बढ़ी
कानूनी दृष्टिकोण खासकर तस्करी की रोकथाम के लिए सरकार की नीतियां और कानून पर मंथन की जरूरत है। मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सरकार और पुलिस की कार्रवाई में परिवर्तन की जरूरत है। राजनीतिक प्रयास में देखा जाए तो सरकार की मादक पदार्थों से लड़ने की योजनाएं और नीतियों में बदलाव की जरूरत है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की भूमिका भी बढ़ जाती है। पुलिस की तात्कालिक और दीर्घकालिक कार्रवाइयों में बदलाव की जरूरत है। आपराधिक नेटवर्क का विश्लेषण करना होगा। कैसे माफिया और अपराधी नेटवर्क काम करते हैं। इस पर भी सुरक्षा एजेंसियों को गौर करने की जरूरत है। होम डिलीवरी कंपनियों की जिम्मेदारी तय करना जरूरी है। देखना होगा कि प्रमुख कंपनियां कैसे इस प्रकार की घटनाओं से निपट रही हैं। यह भी देखना होगा कि सुरक्षा प्रोटोकॉल खासकर होम डिलीवरी सेवाओं को अपनी सेवाओं में सुधार लाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए। ट्रैकिंग और निगरानी प्रणाली पर भी गौर करना होगा। कंपनी को संदिग्ध गतिविधियों को पहचानने और रोकने के लिए क्या तकनीकी उपाय अपनाने चाहिए, इस पर भी ध्यान देना होगा। कानूनी बदलाव करके मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए कानूनों को और अधिक सख्त करना होगा। सुरक्षा तकनीकी उपाय भी करने होंगे। होम डिलीवरी कंपनियों द्वारा अपनाई जाने वाली निगरानी और सुरक्षा तकनीकी में विशेष ध्यान रखना होगा। पुलिस, होम डिलीवरी कंपनियों और समाज को मिलकर इस समस्या से निपटने के उपाय करने होंगे।
होम डिलीवरी; समस्या गंभीर : हथियार व विस्फोटक भी हो सकते हैं सप्लाई
अभी देश में होम डिलीवरी के खतरों से निपटने की तैयारी नहीं है। होम डिलीवरी सेवाओं के संदर्भ में कानून मुख्य रूप से दो प्रमुख पहलुओं पर केंद्रित होता है। उपभोक्ता सुरक्षा और अवैध गतिविधियों का नियंत्रण (जैसे मादक पदार्थों की तस्करी) आदि। होम डिलीवरी कंपनियां उपभोक्ताओं को उनकी इच्छानुसार सामान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होती हैं, और इसके लिए उन्हें कई कानूनों और नियमों का पालन करना होता है। लेकिन इसी आड़़ में तस्करी हो रही है। होम डिलीवरी सेवाओं का उपयोग मादक पदार्थों तक ही सीमित न होकर हथियारों या अन्य अवैध सामग्री की तस्करी के लिए भी किया जा सकता है।
क्या कहता है कानून : आईपीसी के तहत धाराएं होती हैं लागू
भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत मादक पदार्थों की तस्करी और वितरण पर यह धारा लागू होती है। यदि किसी व्यक्ति को होम डिलीवरी के माध्यम से मादक पदार्थों की तस्करी करते पकड़ा जाता है, तो उसे भारी सजा का सामना करना पड़ता है। अगर कोई व्यक्ति किसी होम डिलीवरी कंपनी का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी करता है, तो उसे दंडित किया जा सकता है। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांसेज एक्ट अधिनियम मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध व्यापार को रोकने के लिए लागू होता है। यदि होम डिलीवरी के द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी की जाती है, तो यह कानून सीधे तौर पर लागू होता है और इसमें आरोपी को कठोर सजा हो सकती है, जिसमें कारावास और जुर्माना शामिल हो सकते हैं।
डिलीवरी कंपनियों की जिम्मेदारी
1-सुरक्षा जांच
कंपनियों को अपने प्लेटफ़ॉर्म पर सभी आपूर्तिकर्ताओं और विक्रेताओं की जांच करनी होती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अवैध उत्पादों की आपूर्ति नहीं कर रहे हैं।
2-ट्रैकिंग और निगरानी
कंपनी को प्रत्येक पैकेज की ट्रैकिंग सुनिश्चित करनी होती है, ताकि संदिग्ध गतिविधियों का पता चल सके। अगर किसी पैकेज में मादक पदार्थ या अन्य अवैध वस्तुएं पाई जाती हैं, तो कंपनी को तुरंत इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए।
3- पदवी और लाइसेंसिंग
होम डिलीवरी कंपनियां या खाद्य एवं अन्य सेवाओं के वितरक को काम करने के लिए उचित लाइसेंस की आवश्यकता होती है, जो यह सुनिश्चित करता है कि वे अपनी सेवाओं को कानूनी और सही तरीके से चला रहे हैं।
4- इंटरनेट और साइबर क्राइम
आईटी अधिनियम (IT Act, 2000): अगर होम डिलीवरी से संबंधित किसी सेवा या प्लेटफार्म पर धोखाधड़ी या साइबर अपराध होते हैं, तो यह कानून लागू हो सकता है।
5-कृषि-आधारित और अन्य सामान की तस्करी
अगर किसी कंपनी के जरिए मादक पदार्थ या अवैध सामान की डिलीवरी होती है, तो यह साइबर क्राइम के तहत आ सकता है और कंपनी पर कार्रवाई की जा सकती है।
