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Wednesday, October 8, 2025, 12:15 am

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आंखों ने आंखों की बात की : दृष्टि देकर जो सृष्टि की सुंदरता दिखा गए; आज उनके परिजन सम्मानित होकर गौरवान्वित हुए

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आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान जोधपुर चैप्टर की ओर से सूरसागर स्थित बड़ा रामद्वारा में नेत्रदान करने वालों के परिजनों का हुआ सम्मान

कार्यक्रम में नेत्रदान करने के लिए प्रोत्साहित करने वाले अनेक सामाजिक कार्यकर्ताओं का भी सम्मान किया गया

ये थे अतिथि : अध्यक्षता : महंत डॉ. रामप्रसाद महाराज, अतिथि : रिटायर आईएएस रतन लाहोटी, वरिष्ठ समाजसेवी सुरेश राठी, उत्कर्ष ग्रुप के फाउंडर शिक्षाविद डॉ. निर्मल गहलोत, समाजसेवी व उद्योगपति राहुल सिंघवी, समाजसेवी वेदप्रकाश पित्ति, डॉ. संजीव देसाई।

दिलीप कुमार पुरोहित. शिव वर्मा. जोधपुर

9783414079 diliprakhai@gmail.com

तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है…तेरी आंखों के दो तारे प्यारे-प्यारे…कजरारे-कजरारे तेरे कारे-कारे नैना…इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं….ये आंखें देखकर हम सारी दुनिया भूल जाते हैं…ऐसे अनेक गीत आंखों पर लिखे गए हैं जो आंखों के महत्व को रेखांकित करते हैं। दरअसल आंखें हैं और रोशनी है तो दुनिया मुट्‌ठी में कर सकते हैं। दुनिया के रंग दृष्टि से ही है। बिना दृष्टि सृष्टि की सुंदरता का अनुभव करना मुश्किल है। लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने दुनिया से विदा होकर भी अपनी आंखें दान कर अनेक अंधेरे जीवन को रोशन किया। आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान जोधपुर चैप्टर द्वारा ऐसे ही दृष्टिदाताओं का सम्मान रविवार को सूरसागर स्थित बड़ा रामद्वारा में किया। दृष्टिदाताओं के परिजनों को सम्मानित किया गया। कुल 131 नेत्रदान करने वाले लोगों के परिजनों को सम्मानित किया गया।

इन 131 दिव्य आत्माओं की आंखें दान हुई, उनके परिजन सम्मानित हुए :  

राजू मूलचंदानी का राजेश भैरवानी और कमला देवी का दीपक धारीवाल ने सम्मान लिया :

कार्यक्रम में कुल 131 नेत्रत्रदान करने वालों के परिजनों को सम्मानित किया गया। राजू मूलचंदानी ने नेत्रदान किया था। उनका सम्मान राजेश भैरवानी ने ग्रहण किया और कमला देवी धारीवाल ने आंखें दान की थी उनका सम्मान दीपक धारीवाल विजया एजेंसी ने ग्रहण किया।

रतन लाहोटी : नेत्रदान के बाद देहदान, अंगदान की मुहिम में शामिल हों 

रिटायर्ड आईएएस रतन लाहोटी ने सभी आगंतुकों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नेत्रदान एक ऐसा पुनीत कार्य है जो दो दृष्टिहीनों को दृष्टि दे जाता है। आपकी आंखों से आपके जाने के बाद दूसरे लोग जिनकी दुनिया अंधेरी है रोशन हो जाती है। उन्होंने कहा कि अब हमें नेत्रदान के साथ ही देहदान और अंगदान की मुहिम से भी जुड़ना चाहिए।

डॉ. निर्मल गहलोत : स्व. आत्मा ने नेत्रदान किया, आज आपको गर्व की अनुभूति हो रही होगी

शिक्षाविद और उत्कृर्ष ग्रुप के फाउंडर डॉ. निर्मल गहलोत ने कहा कि आज आपको स्व. आत्मा की याद आ रही होगी। स्व. आत्मा ने नेत्रदान किया और आपको आज उन पर गर्व की अनुभूति हो रही होगी। डॉ. गहलोत ने कहा कि नेत्रदान की आज देश को अधिक से अधिक जरूरत है। जो व्यक्ति दुनिया से विदा हो जाता है उसकी आंखों से दृष्टिहीन की दुनिया रोशन होती है। वह आपको और नेत्रदान करने वालों को अनेक दुआएं देते हैं। अब समाज को देहदान और अंगदान पर भी जोर देना होगा। उन्होंने सम्मानित होने वालों को बधाई दी और कहा कि ऐसे ही लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित करें। साथ ही आज अपने परिजनों को श्रद्धांजलि दें जिनकी दान की हुई आंखों से अनेक लोग इस सुंदर दुनिया को देख रहे हैं।

डाॅ. रामप्रसाद महाराज : नेत्रदान से बढ़कर दुनिया में पुनीत कार्य क्या होगा? आपकी आंखों से दृष्टिहीन दुनिया देखते हैं 

बड़ा रामद्वारा के गादीपति महंत डॉ. रामप्रसाद महाराज ने कहा कि नेत्रदान से बढ़कर पुनीत कार्य क्या होगा? आपकी आंखों से दृष्टिहीन दुनिया देखते हैं। उन्होंने कहा कि नया हॉल बनने के बाद यह पहला कार्यक्रम है। आगे भी यह हॉल सामाजिक और धार्मिक कार्यों के लिए दिया जाएगा। आप आइए आपका स्वागत है। उन्होंने सभी आगंतुकों का स्वागत किया और अपने आशीर्वचन दिए।

राहुल सिंघवी : नेत्रहीन करने का निर्णय लेना आसान नहीं, परिजन बधाई के पात्र

समाजसेवी और उद्यमी राहुल सिंघवी ने कहा कि नेत्रहीन करने का निर्णय लेना आसान नहीं होता। परिजन बड़ी गंभीरता दिखाते हैं और पुनीत कार्य के लिए ऐसी संकट की घड़ी में नेत्रदान करवाने का निर्णय लेते हैं। वाकई इसके लिए परिजन बधाई के पात्र हैं। आज परिजनों ने सम्मान पाकर दरअसल नेत्रदान करने वालों का मान बढ़ाया है।

वेदप्रकाश पित्ति : नेत्रदान की मुहिम गांव-शहर में चलनी चाहिए

समाजसेवी वेदप्रकाश पित्ति ने कहा कि नेत्रदान की मुहिम गांव-शहर में चलनी चाहिए। नेत्रदान करने का संकल्प लोगों को लेने के लिए आगे आना चाहिए। नेत्रदान करने का निर्णय करके हम उन दृष्टिहीन लोगों के जीवन में उजाला लाते हैं जो इसका इंतजार कर रहे हैं।

डॉ. संजीव देसाई : 25 लाख लोगों को जरूरत, हर साल डेढ़ लाख नेत्रदान होते हैं 

वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. संजीव देसाई ने कहा कि हमारे देश में हर साल 25 लाख लोगों को नेत्र की जरूरत होती है जबकि डेढ़ लाख नेत्रदान ही होते हैं। भारत जैसे देश में जहां नेत्र रोग और दृष्टिहीनता की अधिकता है, ऐसे में अधिक से अधिक लोगों को नेत्रदान के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेत्रदान के साथ-साथ अगर देहदान भी की जाए तो 80 लोगों को इसका फायदा हो सकता है। उन्होंने अंगदान की मुहिम को भी आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

उनके अनुभव जिन्हें कॉर्निया लगाया गया : 

अशोक : अब मैं ड्राइविंग आसानी से कर लेता हूं : 

मंच पर आकर अशोक ने कॉर्निया लगने के बाद अपने अनुभव बताए। डॉ. संजीव देसाई ने उनसे बात की। डॉ. संजीव देसाई ने पूछा- कैसा लग रहा है? अशोक बोले- जी, बहुत अच्छा लग रहा है। सब कुछ साफ-साफ देख सकता हूं। डॉ. साहब ने पूछा- आंख में प्रॉब्लम कैसे हुई? अशोक ने कहा कि इन्फेक्शन हो गया था। क्या काम करते हो? मैं ड्राइवर हूं अशोक ने उत्तर दिया। क्या अब आसानी से ड्राइव कर लेते हो? डॉ. देसाई के सवाल के जवाब में अशोक ने कहा जी, अब मैं गाड़ी कहीं भी पार्क कर लेता हूं, हाइवे पर भी चला लेता हूं। कहीं कोई दिक्कत नहीं होती। फिर डॉ. संजीव देसाई ने बारी-बारी से अन्य उन लोगों के अनुभव जाने जिन्हें कॉर्निया लगाया गया था। सभी ने आई बैंक सोसायटी का आभार जताया।

निरूपा पटवा : आज यहां से संकल्प लेकर जाइए कि नेत्रदान की मुहिम को आगे बढ़ाएंगे 

समाजसेवी निरूपा पटवा ने आभार जताते हुए मंच से सभी आगंतुकों का आह्वान किया कि आज यहां से संकल्प लेकर जाइए कि नेत्रदान की मुहिम को आगे बढ़ाएंगे। हमें कोशिश करनी होगी कि जब भी ऐसी घड़ी आए जब नेत्रदान की परिस्थिति बने, संयम से काम लें और तुरंत निर्णय लेकर नेत्रदान करवाएं। क्योंकि नेत्रदान करके हम दो दृष्टिहीनों की जिंदगी में उजाला करते हैं। कार्यक्रम में निरूपा पटवा का सहयोग रहा। उन्हें सम्मानित भी किया गया।

संचालन आई बैंक सोसायटी जोधपुर के अध्यक्ष राजेंद्र जैन ने किया, सचिव पुखराज अग्रवाल, कैलाश जैन सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया

संचालन आई बैंक सोसायटी जोधपुर के अध्यक्ष राजेंद्र जैन ने किया। सचिव पुखराज अग्रवाल, तेयुप के कैलाश जैन, राजेश सिंघवी, आनंद प्रकाश गुप्ता, ओमप्रकाश खंडेलवाल, पुण्यवानचंद आदि कार्यकर्ताओं सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया। इस मौके पर मथुरादास माथुर अस्पताल के डॉक्टरों को भी सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में शहर के अनेक प्रतिष्ठित लोग, समाजसेवी, बिजनेसमैन, शिक्षाविद, चिकित्सक और वरिष्ठ नागरिक मौजूद थे। कार्यक्रम में उन्हें भी सम्मानित किया गया जो नेत्रदान की मुहिम को आगे बढृा रहे हैं।

“नेत्रदान महादान – दृष्टि बचाओ, अंधकार मिटाओ”

नेत्रदान के माध्यम से मृत्तक की आंखें किसी जरूरतमंद को नई रोशनी दे सकती हैं। आयोजक मंडल ने नागरिकों से नेत्रदान की भावना को अपनाने की अपील की है। इस कार्यक्रम को शहर में नेत्रदान जागरूकता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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Author: Rising Bhaskar


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