विश्व हिंदी दिवस : डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में कई कार्यक्रम हुए
पारस शर्मा. जोधपुर
डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के केंद्रीय पुस्तकालय के अंतर्गत “विश्व हिंदी दिवस” पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। प्रिंसिपल डॉ. बीएस जोधा ने विद्यार्थियों को हिंदी भाषा के महत्व को समझाते हुए कहा, “अपनी मातृभाषा में व्यक्त विचार अधिक प्रभावी और सरल होते हैं।” उन्होंने सभी छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा, “अपनी भाषा को सम्मान दें और किसी भी स्थिति में हिंदी बोलते समय हिचकिचाहट महसूस न करें। समय का सदुपयोग करें और अपने लक्ष्य को हमेशा निर्धारित रखें।”
मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज डॉ. किशोर खत्री ने अपने संबोधन में छात्र-छात्राओं को यह दिशा निर्देश दिया कि “अन्य भाषाओं का ज्ञान आवश्यक है, लेकिन हमारी अपनी भाषा को बोलना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।” डॉ. खत्री ने बताया कि अब मेडिकल की पढ़ाई के लिए हिंदी में भी किताबें उपलब्ध कराई जा रही हैं और सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, “हिंदी को आत्मविश्वास के साथ बोलें और इसे अपनी ताकत समझें, न कि कमजोरी। अपनी भाषा को सम्मान दें।”
पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी मित्र होती हैं : बिंदू टाक
पुस्तकालय अध्यक्ष बिंदू टाक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए छात्रों को पुस्तकों से जुड़ने और उनका अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा, “हिंदी हमारी जड़ों से जुड़ने का माध्यम है और हमें इसे आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “पुस्तकें हमारी सबसे अच्छी मित्र होती हैं। हमें केवल पाठ्यक्रम की किताबों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि प्रेरणादायक कहानियाँ, आत्मकथाएँ और महान व्यक्तित्वों की जीवनी पढ़ने से न केवल ज्ञान बढ़ता है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है और तनाव कम होता है।” उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “किताबें करती हैं बातें, आज की, कल की और बीते हुए हर पल की।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि पुस्तकालय का उद्देश्य है बच्चों को किताबों से जोड़ना ताकि वे न केवल अपने विषयों में बल्कि जीवन के हर पहलू में ज्ञान अर्जित कर सकें। इस अवसर पर एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कविता पाठ, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, और पुस्तक प्रदर्शनी जैसी गतिविधियों ने आयोजन को और भी आकर्षक बनाया। छात्रों ने हिंदी भाषा के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करते हुए “क से ज्ञ तक” लिखकर और बोलकर प्रस्तुत किया। उन्होंने साहित्य और पुस्तकों के महत्व पर अपने विचार साझा किए और नई जानकारियाँ प्राप्त कीं।
भावनात्मक कविताओं का किया पाठ
सर्वेश ने “घर याद आता है” शीर्षक से एक भावनात्मक कविता प्रस्तुत की, जिसमें उन्होंने घर से दूर रहने के अनुभव को मार्मिक अंदाज में व्यक्त किया। वहीं, नेहा प्रजापत ने “सरहद पर जवान” शीर्षक से एक देशभक्ति कविता प्रस्तुत की, जिसमें जवानों के बलिदान और समर्पण की भावना को उजागर किया गया। उनकी कविताओं ने उपस्थित सभी को भावुक कर दिया। कार्यक्रम के अंत में सभी छात्र-छात्राओं ने “सारे जहां से अच्छा” गीत प्रस्तुत किया। इस दौरान छात्रों में देशभक्ति की भावना चरम पर थी। गीत ने पूरे आयोजन को एक नया जोश और ऊर्जा प्रदान की। इस आयोजन को सफल बनाने में पुस्तकालय के स्टाफ सदस्यों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरिता विश्नोई, ख़ुशबू ख़ुमियादा, शिवमोहन और समस्त पुस्तकालय स्टाफ ने आयोजन में अपना पूर्ण सहयोग प्रदान किया। डॉ. एस.एन. मेडिकल कॉलेज के सभी कर्मचारियों का भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान रहा।