Explore

Search

Saturday, January 11, 2025, 12:40 pm

Saturday, January 11, 2025, 12:40 pm

LATEST NEWS
Lifestyle

नए भारत के निर्माण का दायित्व शिक्षकों पर, उठो, रुको मत जब तक मंजिल न मिले : डॉ. बैरवा

Share This Post

भारतीय राष्ट्रीय शैक्षणिक महासंघ राजस्थान के 63वां वार्षिक अधिवेशन का उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने किया शुभारंभ

दो दिवसीय अधिवेशन में व्याख्यान सत्र एवं शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन एवं शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे

“शिक्षा केवल रोजगार का माध्यम नहीं, आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण का आधार है” उप मुख्यमंत्री 

“शिक्षा और कृषि हमारी संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ : भागीरथ चौधरी

पारस शर्मा. जोधपुर 

उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विकसित भारत 2047” के विजन और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार “विकसित राजस्थान” के संकल्प को साकार करने की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। डॉ. बैरवा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की सराहना करते हुए इसे इक्कीसवीं सदी के नए भारत की नींव बताया। उन्होंने गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर और डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के उद्धरणों के माध्यम से शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भूमिका छात्रों को अच्छे नागरिक और पेशेवर बनाने में महत्वपूर्ण है।

उप मुख्यमंत्री डॉ. बैरवा ने शुक्रवार को मारवाड़ इन्टरनेशनल सेन्टर ऑडिटोरियम में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय शैक्षणिक महासंघ राजस्थान के 63वें वार्षिक अधिवेशन में शिरकत की। उपमुख्यमंत्री ने शिक्षकों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी रूप से लागू करने का आह्वान किया। उन्होंने उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए, सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने के लिए 28,000 करोड़ रुपये के एमओयू की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के विश्वविद्यालयों को वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।

इंजीनियरिंग कॉलेज आरआईटी में अपग्रेड होंगे

तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेजों को राजस्थान प्रौद्योगिकी संस्थान (R.I.T.) में अपग्रेड करने की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए डॉ. बैरवा ने बताया कि पहले चरण में अजमेर, भरतपुर और बीकानेर के इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए 300 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने ने शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बताया कि विभिन्न रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि कॉलेज शिक्षा विभाग में 1936 सहायक आचार्यों की भर्ती की जा रही है, साथ ही 575 पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पुस्तकालयाध्यक्षों और शारीरिक शिक्षकों के 247 पदों पर भर्ती भी जल्द ही पूरी की जाएगी।

बाहरी ताकतों ने हमारी संस्कृति को नष्ट करने की कोशिश की : चौधरी

कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भारत सरकार भागीरथ चौधरी ने अपने संबोधन में कहा की शिक्षा की ओर हमें विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है। पिछले कालखंड में बाहरी ताकतों ने हमारी संस्कृति को नष्ट करने की भरपूर कोशिश की, उसके बावजूद हमारे पूर्वजों ने हमारी शिक्षा एवं संस्कृति को संजोके रखा । उन्होंने कहा कि अभी भी हमें शिक्षा के क्षेत्र में बहुत सारे आवश्यक परिवर्तन करने की आवश्यकता है क्योकि इस आधुनिकीकरण के युग में हमारी संस्कृति एवं शिक्षा पर बहुत ज़्यादा नकारात्मत्क असर पड़ रहा है। इसी वजह से इस महासंघ का दायित्व इस चुनौती की ओर बहुत ही बढ़ जाता है और महासंघ शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की ओर बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहा है। चौधरी ने भारत में कृषि के क्षेत्र में चिंतन मनन करते हुए कहा कि किसान इस देश की रीढ़ की हड्डी है और कृषि उसकी आत्मा है, किसान और उसके परिवार के कार्य करने की कोई समय सीमा नहीं होती है वह और उसका परिवार पूरी मेहनत करके पूरे 140 करोड़ देशवासियों का पेट भरता है। मगर किसान को फ़ायदा तभी होगा जब उसकी लागत कम होगी और उसको उसकी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा । कृषि मंत्री ने कहा कि आज के आधुनिकीकरण के युग में हमको कम से कम रासायनिक खाद का उपयोग करना चाहिये और ज़्यादा से ज़्यादा आर्गेनिक एवं प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कृषि के क्षेत्र में भी बहुत ही सराहनीय कार्य कर रहा है। इस दौरान मंच पर प्रॉ. सुशील कुमार बिस्सु, प्रॉ. नारायण लाल गुप्ता, प्रॉ. रिछपाल सिंह, प्रॉ. दीपक कुमार शर्मा उपस्थित रहे।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


Share This Post

Leave a Comment