काव्य कलश की गोष्ठी में कनाडा से आई मनीषा पांडे और सुश्री राजवी पांडे ने भरे आत्मियता के रंग
राखी पुरोहित. जोधपुर
साहित्य मात्र एक लेखनी नहीं वरन् मन का दर्पण भी होता है। एक साहित्यकार अपनी रचना के साथ-साथ समय की भी रचना करता, है ऐसा कथन था पत्रकार मिश्रीलाल पंवार का। वे बुधवार को जोधपुर की साहित्यिक संस्था ‘काव्य कलश’ के तत्त्वावधान में आयोजित मासिक काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कनाडा से आई हुई श्रीमती मनीषा पांडे थी और अध्यक्ष मनोहरसिंह राठौड़ मंच पर उपस्थित थे।
होली की पूर्व संध्या पर आयोजित उक्त गोष्ठी में नगर के लगभग बीस कवियों व कलमकारों ने अपनी श्रेष्ठ रचनाएं प्रस्तुत कीं।
कार्यक्रम का प्रारंभ डाॅ. तृप्ति गोस्वामी ‘काव्यांशी’ ने सरस्वती वंदना से किया। तदुपरांत राजेंद्र खींवसरा और मनशाह नायक का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में हंसराज हंसा, मन शाह नायक, एनडी निम्बावत, नवीन पंछी, पर्यावरणविद प्रदीप शर्मा, अशफाक अहमद फौजदार, डॉ. वीडी दवे, श्रीमती दीपिका रूहानी, रजनी प्रजापति, डॉ. तृप्ति गोस्वामी काव्यांशी, उमेश दाधीच, दीपा राव एवं प्रसिद्ध रंगकर्मी प्रमोद वैष्णव ने एक से बढ़कर एक रचनाएं प्रस्तुत कर माहौल को काव्यरस में डुबो दिया। कनाडा से आई बालिका सुश्री राजवी पांडे ने भी अपनी एक सुंदर रचना प्रस्तुत की।
अंत में संस्था के सचिव श्याम गुप्ता ‘शान्त’ ने सभी आगंतुक काव्य-प्रेमियों का आभार व्यक्त किया। राजेंद्र खींवसरा ने अपने चुटीले अंदाज में संचालन कर कार्यक्रम को रोचक बना दिया। कार्यक्रम तीन घंटे तक चला।
