चंद लाइक्स पाने और वायरल हो जाने की चाहत में हिन्दू धर्म और संस्कृति के प्रतीक महापर्व कुंभ को बदनाम करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं । विपक्षी पार्टी के नेता भी अपनी ओछी राजनीति ओछी बयानबाजी से कुंभ को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
आलेख : डॉ. राकेश वशिष्ठ, वरिष्ठ पत्रकार
महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है जो हर 12 साल पर लगता है। इस बार महाकुंभ प्रयागराज में लगा है, जिसकी शुरुआत 13 जनवरी 2025 से हो चुकी है, जिसका समापन 26 फरवरी 2025 को होगा। इस मेले का आयोजन खासतौर पर चार पवित्र स्थानों पर होता है – हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक। इन स्थानों को पवित्र माना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि जब देवता और असुरों ने समुद्र मंथन किया था तब यहां पर अमृत की कुछ बूंदें गिरी थीं। कुंभ मेला साधु-संतों, गुरुओं और भक्तों के मिलन का एक बड़ा केंद्र है, जहां लोग भक्ति, ज्ञान और सेवा का आदान-प्रदान करते हैं। यह मेला आस्था और ध्यान के लिए भी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है।
महाकुंभ साधु-संन्यासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। शास्त्रों के अनुसार, महाकुंभ में स्नान करने से 1000 अश्वमेध यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। साधु-संत इस समय प्रभु का ध्यान करते हैं और अपने मोक्ष के लिए महाकुंभ में स्नान करने जाते हैं।
इस बार के कुंभ मेले में कुछ तथाकथित यू ट्यूब चैनल चलाने वाले चंद लाइक्स पाने और वायरल हो जाने की चाहत में हिन्दू धर्म और संस्कृति के प्रतीक महापर्व कुंभ को बदनाम करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं । विपक्षी पार्टी के नेता भी अपनी ओछी राजनीति ओछी बयानबाजी से कुंभ को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कभी माला बेचने वाली लड़की की आंखों के नाम पर कभी आईटी बाबा की पुरानी जिंदगी को कुरेदने कभी साधु संन्यासियों अघोरियों की कैथोड तपस्या उनके हठयोग को ढोंग ढकोसला साबित करने के चक्कर में कभी बम ब्लास्ट हो सकता है कि अफवाह चला कर कभी आग लगने की घटना को मिर्च मसाला लगा परोसने के साथ कभी उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा मेला स्थल पर मुफ्त कॉन्डम बांटने की झूठी खबर वायरल करने के साथ आदि अनेक उदाहरण सामने आ रहे हैं। सस्ती प्रसिद्धि पाने और वायरल होने की चाहत में वामपंथी विचारधारा के लोग हिन्दू संस्कृति को बदनाम करने की कोशिश मै जी जान से जुटे हुए हैं।
प्रयागराज कुंभ मेले में 19 जनवरी को आग लगने की दुर्घटना का एक वीडियो इस गलत दावे से वायरल है कि मेले में बम ब्लास्ट हुआ था। जबकि जांच में पाया गया कि यह वायरल दावा गलत है। बल्कि मेला क्षेत्र में गीता प्रेस के पंडाल में गैस सिलेंडर लीक होने से आग लगने की यह घटना घटी थी। प्रयागराज महाकुंभ मेले में पांच लाख कंडोम बांटने के दावे से एक फेक न्यूजपेपर कटिंग सोशल मीडिया पर वायरल है। इस खबर में बताया गया कि यूपी सरकार कुंभ मेले में पांच लाख कंडोम बांटेगी। जबकि जांच करने पर पाया कि यह खबर फर्जी है। यूपी सरकार या प्रयागराज मेला प्रशासन ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। महाकुंभ मेला क्षेत्र के एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि सरकार द्वारा मेले में कंडोम बांटने का दावा गलत है।
कुछ आतंकी संगठनों ने प्रयागराज महाकुंभ-2025 को टारगेट करने की साजिश बनाई है। इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) ने UP के होम डिपार्टमेंट को एक गोपनीय रिपोर्ट भेजी है। स्टेट LIU की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आतंकी साधु, पुजारी, अघोरी और गेरुआ वस्त्र धारण कर मेले में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे ही कुछ इनपुट IB की रिपोर्ट में भी दिए गए हैं।
उत्तरप्रदेश पुलिस और प्रशासन साथ ही स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बात सतर्कता बरतते हुए संपूर्ण व्यवस्था पर नजर बनाए हुए हैं उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं व्यवस्थाओं को लेकर किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी साथ ही व्यवस्था बिगाड़ने वाली मेले और हिंदू धर्म को बदनाम करने की साजिश करने वालों को कठोर दंड दिया जाएगा। इसी बीच श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने दावा किया कि कुछ असामाजिक तत्व अलग-अलग माध्यमों से सनातन धर्म और उसकी संस्कृति को अपमानित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने हाल के दिनों में सामने आए वीडियो और घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग जानबूझकर धार्मिक स्थलों पर अनुचित कृत्यों के माध्यम से समाज में विभाजन और असहमति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मेले की आड़ में नशे के तस्कर भी नशे की खेप को मेले में खपाने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। जाली नोटों का धंधा करने वाले नकली नोटों की खेप को मेले में खपाने के लिए सक्रिय हो चुके हैं। कुछ वामपंथी विचारधारा के लोग और धर्मपरिवर्तन गिरोह भी मेला स्थल मै छद्मनाम और छद्म वेशभूषा के साथ हिन्दू धर्म और संस्कृति को लगातार टारगेट कर बदनाम करने में लगे हुए हैं। जरूरत है ऐसे लोगों को पहचान सभ्य और शांत वातावरण वाले समाज के लिए नासूर बने लोगों को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है।
कुंभ करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक पर्व है, जिसकी ख्याति सम्पूर्ण विश्व में फैली हुई है और संपूर्ण विश्व से लोग हिन्दू धर्म संस्कृति वैदिक शिक्षा अध्यात्म आदि से आकर्षित होकर इसके अनुयाई बनने इसे और भी जानने के उद्देश्य से इसमें शामिल होने के लिए अपने देश से सक्रिय रूप से आते हैं । किंतु यहां की लोकल मीडिया यूट्यूबर आदि बजाय कुंभ की खूबसूरती दिखाने बजाय हिन्दू धर्म संस्कृति वैदिक आचार विचार योग साधना और आध्यात्मिक कला संस्कृति को दिखाने के माला बेचने वाली लड़की की आंखों को दिखाने में लगे हैं। एक सुनियोजित साजिश के तहत हिन्दू धर्म को बदनाम करने में लगे हुए हैं जो कि निंदनीय है और कतई बर्दाश्त करने योग्य नहीं जरूरत है। ऐसे लोगों को पहचान सभ्य और शांत वातावरण वाले समाज के लिए नासूर बने लोगों को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है।
एक सुनिश्चित सुनियोजित साजिश के तहत टूलकिट के माध्यम से कुंभ मेला और सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करना एक बहुत बड़ी सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक साजिश, पाप और अपराध है और जो लोग ऐसा कर रहे हैं मेरी उनसे प्रार्थना है कि जो आपको राजनीति करनी हो कीजिए लेकिन सौ करोड़ से ज्यादा हिन्दुओं का अपमान मत कीजिए। यह एक बहुत बड़ी घिनौनी हरकत आप कर रहे हैं और यह देश आपको कभी माफ नहीं करेगा। मैं सारे देश के लोगों से आह्वान करता हूँ कि ऐसी सनातन विरोधी और भारत विरोधी ताकतों का मिलकर के बहिष्कार और विरोध करें।
