शिव वर्मा. जोधपुर
राजपूत शिक्षा कोष की स्थापना की पहल राजपूत समाज द्वारा की गई थी। अब इसके अच्छे परिणाम सामने आने लगे हैं। पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित डॉ. नारायण सिंह माणकलाव के प्रयास रंग लाने लगे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभाशाली युवाओं को निशुल्क कोचिंग मिल रही है। कोष के माध्यम से राजपूत समाज के छात्र छात्राओं के जीवन को संवारने का कार्य किया जा रहा है। अच्छा कॅरियर बनाने में राजपूत शिक्षा कोष मील का पत्थर साबित हो रहा है। वर्तमान में 68 आरएएस प्री में चयनित युवाओं को कोचिंग करवाई जा रही है। मुख्य परीक्षा की तैयारी निशुल्क रूप से उनकी पसंद के अनुसार कराई जा रही है। कोचिंग
पर लगभग 25 लाख रुपए खर्च करके युवाओं को प्रशासनिक अधिकारी बनाने पर फोकस किया जा रहा है। छात्रवृत्ति से राजपूत शिक्षा कोष की हुई शुरुआत अब रंग ला रही है। अब समाज की युवाओं को डॉक्टर और इंजीनियर बनाने की ओर भी की गई मेहनत रंग ला रही है। नारायण सिंह माणकलाव ने कहा कि समाज के सक्षम लोग अपनी ओर से आगे आकर सहयोग कर रहे हैं। सबके सहयोग से ही यह कार्य संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली मगर विभिन्न आर्थिक विषमताओं से गुजर रहे युवाओं के साथ अन्य भी प्रयास किए जा रहे हैँ। जिनके माता पिता यह दुनिया छोड़ चुके, उनके लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन बच्चों के लिए भी पढ़ने और नौकरी लगाने तक के प्रयास किए जा रहे हैं। एक किसान की मृत्यु होने के पश्चात उनके 6 बच्चों को गोद लेकर कार्य किया गया। राजपूत छात्र प्रोत्साहन निधि का गठन करने के साथ समाज के लोगों से सहयोग लेते हुए कार्य किया जा रहा है।
इन बच्चों को पढ़ाने लिखाने का काम अपने हाथ में लेकर सक्षम प्रति व्यक्ति द्वारा पांच हजार रुपए का सहयोग किया जा रहा है। अब बहुत जल्दी यह कोष लगभग 1 करोड़ की राशि वाला हो जाएगा। जब जब भी ऐसे जरूरतमंदों को जरूरत पड़ेगी तब तब उनको मिल सकेगी मदद।
