राखी पुरोहित. जोधपुर
क्रिया भवन से सामूहिक लाभार्थियों परिवारों द्वारा कल्पसूत्र का वरघोड़ा गाजे-गाजे के साथ निकला गया। वरघोड़ा विभिन्न मार्गों से होते हुए पुन: श्रीसंघ के साथ क्रिया भवन पहुंचा।
संघ प्रवक्ता धनराज विनायकिया व दीपक कुमार सिंघवी ने बताया कि मुनि जगतपुज्यविजय आदि साधु साध्वी वृंद श्रावक श्राविकाओं के सानिध्य में कल्पसूत्र सामूहिक लाभार्थी परिवारों द्वारा श्रीसंघ के साथ जैनों का महान सूत्र कल्पसूत्र शंखनाद व थालीवांदन बाजे-गाजे के साथ पुनः क्रिया भवन लाया गया। कलाकारों द्वारा कल्पसूत्र की प्रभु भक्ति की गई। मुनि जगतपुज्यविजय ने दैनिक 6 कर्तव्यों व पोषध महिमा पर विस्तार से प्रकाश डालते कहा कि पौषध आत्मा की औषध है, उन्होंने कहा कि जीवन में कर्तव्यों का अवश्य पालन करना चाहिए। कर्तव्यों से देश राज्य समाज की सुरक्षा होती है । वैसे ही नियम कर्तव्यों से आत्म कल्याण की सुरक्षा होती है।
उन्होंने कहा कि कल्पसूत्र यह जिनवाणी है जिसमें सभी सूत्रों का सार समाया हुआ है। इसकी भक्ति श्रद्धा विधिपूर्वक श्रवण करने से भव भव सुधर जाते हैं। ललित पोरवाल ने बताया कि प्रवचन पश्चात श्रावक अशोक कुमार भंवरलाल मेहता परिवार द्वारा एकासना का लाभ लिया जा रहा है संघ सचिव उम्मेदराज रांका विनायकिया ने बताया कि चतुर्थ दिवस 3 सितंबर को सामूहिक लाभार्थी परिवारों द्वारा विधि विधान से कल्पसूत्र अर्पण करते हुए भक्तों को श्रवण कराया जाएगा व भगवान महावीर का पालना चढ़ावा भक्ति करने का आदेश भी दिया जाएगा। युवा मंडल द्वारा परमात्मा की भव्य आंगी रचना भव्य रोशनी से परमात्मा दर्शन से भक्तों द्वारा सराहना की जा रही है।