भगत की कोठी रेलवे स्टेशन के पास ही पुलिस थाना है, मगर पुलिस भी बेखबर है
डीके पुरोहित की विशेष रिपोर्ट. जोधपुर
यह रिपोर्ट तीन महीने की स्टडी के बाद प्रकाशित की जा रही है। भगत की कोठी रेलवे स्टेशन के आसपास नशीले पदार्थ बेचे जा रहे हैं। अगर आप अफीम के शौकिन है और अफीम का नशा करते हैं तो आपको भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर अफीम की लस्सी 500 रुपए में मिल सकती है। यहां दुकानदार केवल जान-पहचान वालों को ही यह अफीम की लस्सी देते हैं या फिर आप किसी का हवाला देते हैं तो यह लस्सी मिलती है। इसी तरह अफीम की चाय भी आप यहां पी सकते हैं। एक कप अफीम की चाय यहां 300 रुपए में मिलती है। लस्सी और चाय के अलग-अलग रेट हैं, आप 2000 रुपए तक में भी इसे प्राप्त कर सकते हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि यहां पर एमडी ड्रग्स तक बेचा जा रहा है।
राइजिंग भास्कर की स्टडी में सामने आया कि भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर एमडी ड्रग्स माचिस की डिबिया में बेचा जा रहा है। एक माचिस की डिबिया 5000 से 8000 रुपए में मिलती है। इसके अलावा आप अन्य कई तरह के नशीले पदार्थ भी प्राप्त कर सकते हैं। आसपास मेडिकल की दुकानों में अफीम के कैप्शूल भी मिल रहे हैं।
राइजिंग भास्कर की स्टडी में ऐसे हुआ खुलासा
राइजिंग भास्कर ने पिछले तीन महीने तक भगत की कोठी स्टेशन के आसपास के इलाकों पर नजर रखी। यहां कुछ दुकानों पर विशेष प्रकार के युवकों की भीड़ देखी जा सकती है। ये युवक सिगरेट के कश लगाते देखे जा सकते हैं। यही नहीं यहां पर ये युवक 500 से 700 और 2000 तक की राशि केवल सिंगल चाय के लिए भुगतान कर रहे हैं। यही नहीं ये राशि ऑनलाइन भुगतान की जा रही है। राइजिंग भास्कर ने जब युवकों से पूछा कि चाय और लस्सी के इतने रुपए तो नहीं होते आपने इतना अधिक भुगतान क्यों किया तो एक युवक ने आंख मारी और हंस कर अपनी बाइक उठाकर चला गया। ऐसे ही कई युवक यहां देखे जा सकते हैं जो अपना शौक पूरा करने आते हैं। यही नहीं यहां पर माचिस की डिबिया में एमडी ड्रग्स तक बिक रहा है। एक माचिस की डिबिया की कीमत 5000 से 8000 रुपए तक होती है। ये राशि भी ऑनलाइन भुगतान की जाती है। माचिस की डिबिया की इतनी बड़ी कीमत भी दी जा रही है। राइजिंग भास्कर की स्टडी में सामने आया कि अफीम के कैप्शल की मेडिकल की दुकानों पर बेचे जा रहे हैं। एक कैप्शल की कीमत 175 से 250 रुपए तक होती है।
डबल टेन : यानी आप 3000 से 5000 रुपए में हेराइन भी खरीद सकते हैं
आप अगर कोड वर्ड में कहते हैं- डबल टेन। तो आपको 3000 रुपए से 5000 रुपए में हेराइन भी मिल सकती है। एक युवक ने डबल टेन कहकर एक दुकानदार से 10 रुपए के दो नोट लिए। दोनों नोट के बीच में हेराइन थी और वो एक कोने में जाकर नशा करने लगे। यही नहीं अक्सर भगत की कोठी सड़क से लेकर आगे पुलिया तक कई बार रोड लाइटें बंद होती है। इस अंधेरे का फायदा उठाकर कई युवक पुडिया लेकर भी नशा सप्लाई करते हैं। नशा बेचने वाले पुलिस से भी नहीं डरते हैं। भगत की कोठी पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर ही भगत की कोठी पुलिस थाना है, मगर पुलिस को पता ही नहीं चल पाता।
फौजी और स्टूडेंट्स भी नशा करने आते हैं
राइजिंग भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि भगत की कोठी रेलवे स्टेशन पर फौजी भी नशा करने आते हैं। कई दुकानों के आसपास फौजियों, स्टूडेंट्स, जयनारायण व्यास विवि के हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स यहां पर अक्सर देखे जा सकते हैं। यही नहीं कई युवतियां भी नशे की आदी हो चुकी है और युवकों के साथ उन्हें भी देखा जा सकता है। पिछले दिनों नशा करने के बाद एक फौजी ने जब गाली-गलौच करना और उपद्रव मचाना शुरू किया तो एक ग्रामीण ने कहा- नशो घणो चढ़ गियो, अब फौजी हाथ सूं गियो…। ऐसे ही नजारे यहां आए दिन देखे जा सकते हैं। यही नहीं स्टूडेंट्स भी कई बार आपा खो देते हैं। भगत की कोठी से होता हुआ नशा जयनारायण व्यास कैंपस तक जा पहुंचा है। कई दलाल विवि कैंपस तक में नशीले पदार्थों की सप्लाई कर रहे हैं। ऐसी जानकारी मिली है कि इसमें कई स्टूडेंट्स की भी मिली भगत है। कई स्टूडेंट्स भी सप्लायर बन रहे हैं।
