बड़े अखबार : दीये तले अंधेरा, मालिक और संपादक चलाते हैं एजेंडा, बाकी रिपोर्टर-डेस्क अदालतों के बाहर बैठने वाले टाइपिस्त से कम नहीं
राइजिंग भास्कर डॉट कॉम. नई दिल्ली मान लीजिए आज किसी अखबार में सीनियर सब एडिटर हैं या रिपोर्टर हैं तो भूल जाइए कि आप पत्रकारिता कर रहे हैं। यह आप सटॉम्प पर लिख कर लें ले कि आप कोर्ट के बाहर बैठे टाइपिस्ट से अधिक कुछ नहीं हैं। आप अपनी मर्जी से कुछ भी नहीं … Read more