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दशानन के जीवन से सीखें दस काम की बातें

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-डी.के. पुरोहित. जोधपुर
रावण का नाम सामने आते ही लोग राक्षस की कल्पना करते हैं और मौजूदा दौर में दशानन के रूप में भ्रष्टाचार, अत्याचार, व्यभिचार आदि का वर्णन करते हुए कहते हैं रावण आज भी जिंदा है। मगर, रावण यानी दशानन के जीवन से काम की बातों की ओर लोगों का ध्यान कम ही जाता है। यहां हम उस दशानन की चर्चा कर रहे हैं, जिससे बहुत कुछ सीखा जा सकता है। काम की वो दस बातें जो दशानन से सीखी जा सकती है, यहां प्रस्तुत है-

1. टेक्नोलॉजी : रावण के शासन में टेक्नोलॉजी गजब की थी। जिन लड़ाकू विमानों को आज हम देख रहे हैं, पुष्पक विमान के रूप में उनके कार्यकाल में मौजूद थे।
2. समृद्धि : रावण की लंका सोने की थी। समृद्धि के रूप में उनका साम्राज्य काफी समृद्ध था। वहां की स्थापत्य व वास्तुकला अद्वितीय थी।
3. भक्ति-अध्यात्म : रावण शिवजी का अटूट भक्त था। वह आध्यात्मिक प्रवृत्ति का था। उसने अपनी भक्ति से देवताओं से कई वरदान प्राप्त कर रखे थे।
4. ताकत : रावण में गजब की ताकत थी। हजार हाथियों के बराबर उनमें बल था। उसकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह कैलाश पर्वत को उठा लेता था।
5. बुद्धिमान : रावण काे बुद्धिमान बताया गया है। वह गजब का विद्वान था। उसने अपनी बुद्धि से देवताओं को भी वश में कर रखा था।
6. राजनीति : मौजूदा दौर के राजनीतिज्ञों को रावण से मैनेजमेंट के गुर सीखने चाहिए। रावण ने अपनी राजनीतिक दृढ़ता से कुशल शासन स्थापित किया।
7. सामरिक शक्ति : रावण के राज्य में सामरिक शक्ति गजब की थी। उसके भाई, पुत्र, मंत्री और सैनिक गजब की ताकत रखते थे। सामरिक शक्ति में रावण का कोई जवाब नहीं था।
8. पारिवारिक निष्ठा : रावण का अपने परिवार के प्रति विशेष लगाव था। उसकी पारिवारिक निष्ठा को सभी मानते हैं। परिवार के सदस्यों के लिए वह कुछ भी करने का तैयार था।
9. भरोसा : रावण का भाई कुंभकरण, बेटा मेघनाद और कई वीर वीरगति को प्राप्त हुए। अंत में रावण अकेला बच गया, लेकिन उसमें बिलकुल भी भय नहीं था। उसे अपनी ताकत पर पूरा भरोसा था।
10. राष्ट्रहित : रावण राष्ट्र हित के बारे में हमेशा सोचता था। उसकी लंका सोने की थी और उसने उसके विस्तार के लिए पूरे प्रयास किए। उसने हमेशा अपने राष्ट्र का हित सोचा।
Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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