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Sunday, January 5, 2025, 4:01 am

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पूर्व नरेश गजसिंह ने मनाया शाही परंपरा से अपना जन्मदिन

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उल्लेखनीय कार्यों के लिए 7 प्रतिभाओं का सिरोपाव से हुआ सम्मान

शिव वर्मा. जोधपुर

मारवाड़ में सांस्कृतिक परम्पराओं, छत्तीस कौम से जुड़ाव व अपणायत रखने वाले पूर्व नरेश गजसिंह का 77 वां जन्मदिन तिथि अनुसार बुधवार को उम्मेद भवन पैलेस के राठौड़ दरबार हॉल में पूर्ण राजसी परम्परा, गरिमा के साथ अनेक गणमान्य लोगों की उपस्थिति में मनाया गया। समारोह में विशिष्ट कार्य करने वाली 7 प्रतिभाओं को सिरोपाव प्रदान कर सम्मानित किया।

निजी सचिव जगतसिंह राठौड़ ने बताया कि गजसिंह के जन्मदिन का मुख्य समारोह उम्मेद भवन पैलेस के राठौड़ दरबार हॉल में हुआ। गजसिंह परम्परागत राजसी पहनावे व हाथ में प्राचीन शाही तलवार व चेहरे पर अपणायत की मुस्कान के साथ राठौड़ दरबार हॉल में पहुंचे। राजपुरोहितों व राजपण्डितों द्वारा परम्परानुसार मंत्रोच्चारण के साथ तिलक आरती की व पुष्पेन्द्रसिंह भाटी द्वारा मेवा-मिष्ठान थाल प्रस्तुत किया। समारोह में भानु प्रताप सिंह पूरे समय गज सिह के पास व्यवस्था में रहे। सबसे पहले युवराज शिवराज सिंह ने नजर निछरावल की व शुभकामनाएं दी। समारोह में सबसे पहले युवराज शिवराजसिंह ने गजसिंह को नजर निछरावल कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। इसके बाद राज भंवर सिराजदेव ने दादोसा की नजर निछरावल की एवं जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।

इन्होंने भी की नजर निछरावल व शुभकामनाएं दी

राठौर दरबार हाल में परंपरा के अनुसार पूर्व महाराज, पूर्व रावराजा, पूर्व सिरायत व पूर्व राजा, पूर्व ताजमी जागीरदार, मुस्सदी व विशिष्ट नागरिक, महाराजा के अतिथि, पूर्व जागीरदार, सरदार, नागरिक, मारवाड़ के राजपूत सरदार व पैलेस के पूर्व व वर्तमान अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा नजर निछरावल कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दी l

उम्मेद भवन पैलेस में हुई आरती

पूर्व नरेश गजसिंह के मेहरानगढ़ से उम्मेद भवन पहुंचने पर मुख्य द्वार पर बाईजीलाल शिव रंजनी राज्ये , भंवर बाईजीलाल वारा राज्ये ने अगवानी कर कलश समेळा व आरती की। इस अवसर पर भंवर सिराजदेव भी दादोसा की अगवानी के लिए उपस्थित थे। उम्मेद पैलेस के पोर्च में पहुंचने पर मेहरानगढ़ बैंड द्वारा धूंसा वादन किया ।

जनाना दरबार हॉल में नजर निछरावल

जनाना दरबार हॉल में गज सिंह को सबसे पहले बाईजीलाल शिवरंजनी राज्ये , भंवर बाईजी लाल वारा राज्ये , महारानी हेमलता राज्ये ,युवरानी गायत्री राज्ये सहित अन्य पूर्व महाराज , पूर्व रावराजा ,पूर्व जागीरदार परिवार कि महिलाओं द्वारा नजर निछरावल कर जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।

इनका हुआ सम्मान

गजसिंह ने राठौड़ दरबार हॉल के मुख्य समारोह में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 7 प्रतिभाओं को परम्परागत सिरोपाव प्रदान कर सम्मानित किया। इनमें इंग्लैंड के एंड्रयू स्कॉट को हाथी सिरोपाव , रॉयल रूम के जैत सिंह को घोड़ा सिरोपाव , उम्मेद भवन पैलेस म्यूजियम के जबर सिंह को घोड़ा सिरोपाव , कन्हैयालाल को घोड़ा सिरोपाव , सरदार समंद फॉर्म के बद्री सिंह को घोड़ा सिरोपाव , कल्याण सिंह राठौड़ को ट्रस्टों के विभिन्न मंदिरों के बेहतर संचालन के लिए पालकी सिरोपाव, मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट के पुजारी पंडित लक्ष्मी दत्त बोहरा को पालकी सिरोपाव प्रदान कर सम्मानित किय।

समारोह में इनकी रही गरिमामय उपस्थिति

समारोह में विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल , राज्यसभा सांसद राजेंद्र गहलोत, महाराज सूर्यवीर सिंह ,महाराज रणविजय सिंह , मेजर जनरल शेरसिंह, ब्रिगेडियर शक्तिसिंह, सैनाचार्य अचलानन्द गिरी , सिद्धार्थ सिंह रोहिट , करणवीर सिंह भाद्राजून , रावल किशन सिंह जसोल, कर्नल शंभूसिंह देवड़ा, प्रदीप सिंह सियाणा , महाराज सिंह जोजावर , हर्षवर्धन सिंह भांवरी ,मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष हनुमानसिंह खांगटा, पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच , पूर्व विधायक जालम सिंह रावलोत , कर्नल गिरेन्द्रसिंह, पदम मेहता, करणवीर सिंह भाद्राजून, रावराजा महेन्द्रसिंह, धनन्जयसिंह, कल्याणसिंह राठौड़, दिलीपसिंह , महेश करण सिंह पाल , फारूख अहमद खान, करण सिंह , भानूप्रताप सिंह, महेंद्र सिंह तंवर , किशनवीर सिंह ,उम्मेद सिंह , हेमन्त राजसिंह, के वी सिंह चांदरख, श्याम सुन्दर सिंह , हमीरसिंह सोढ़ा, गजेन्द्रसिंह रसीदपुरा, कर्नल हिम्मतसिंह , जसवंत सिंह नाथावत, किशोर सिंह चौरड़िया , इंद्रजीत सिंह नाथावत , राजेंद्र सिंह लीलिया ,कर्नल हिम्मतसिंह , गोपाल सिंह भलासरिया , प्रदीप सोनी, ज्योति स्वरूप शर्मा , सुरेन्द्रसिंह केतू, रामजी व्यास, विष्णु प्रजापत, प्रताप सिंह खाराबेरा सहित अनेक गणमान्य नागरिक व उम्मेद भवन पैलेस हाऊसहोल्ड के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे। नेमीचंद ने कार्यक्रम का संचालन किया। गजसिंह ने प्रातः 9.00 बजे मेहरानगढ़ दुर्ग में स्थित माँ चामुण्डा, कुलदेवी माँ नागणेच्या, जरनेश्वरी व चिड़ियानाथ जी की पूजा-अर्चना की व जसवन्तथड़ा पर पूर्वजों के स्मारकों पर श्रृद्धा-सुमन अर्पित किए।

Rising Bhaskar
Author: Rising Bhaskar


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