बजट घोषणाओं पर टाइमलाइन के साथ काम करने के निर्देश, जांच, दवा एवं उपचार की पुख्ता व्यवस्था पर जोर
शिव वर्मा. जोधपुर
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण, योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन तथा प्रभावी मॉनिटरिंग के उद्देश्य से गुरूवार को एसएन मेडिकल कॉलेज मे जोधपुर संभाग स्तरीय बैठक ली।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि गांव-ढाणी तक चिकित्सा के ढांचे को मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। चिकित्सा विभाग प्रयास कर रहा है कि स्वास्थ्य सुविधाओं के उन्नयन को लेकर हर स्तर पर आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान हो। बजट एवं अन्य घोषणाएं समय पर पूरी हों। स्वास्थ्य कार्यक्रमों का पूरा लाभ लोगों को मिले। किसी भी स्तर पर कोई गेप नहीं रहे। इसी सोच के साथ संभाग स्तरीय बैठकें प्रारंभ की गई हैं। जिला स्तर पर भी ऐसी बैठकों का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है।
जांच एवं दवा आपूर्ति तंत्र सुचारू रहे
खींवसर ने ने बैठक के दौरान मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बार मानसून में बारिश की अधिकता से कई स्थानों पर जलभराव की समस्या उत्पन्न हुई है। इससे मच्छरों की डेन्सिटी बढ़ने की आशंका है। फिलहाल प्रदेशभर में मौसमी बीमारियों की स्थिति नियंत्रण में है। आागामी समय में भी मौसमी बीमारियों का प्रसार नहीं हो। इसे लेकर पुख्ता प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। जांच, दवा एवं उपचार की व्यवस्थाओं में कोई लापरवाही नहीं हो। रोगियों को चिकित्सा संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण उपचार मिले। मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्रों तक दवाओं का आपूर्ति तंत्र सुचारू रहे। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मानव संसाधन की कमी को भी पूरा करने के लिए निरंतर प्रयास जारी हैं। भर्ती प्रक्रिया को मिशन मोड में पूरा किया जा रहा है।
निर्माण में गुणवत्ता का रखें पूरा ध्यान
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि बजट घोषणाओं को समय पर पूरा करने के लिए टाइमलाइन के साथ एक्शन प्लान बनाएं। प्रयास करें कि सभी घोषणाएं समयबद्ध रूप से पूरी हों। उन्होंने चिकित्सा संस्थानों के नए भवनों के लिए भू आवंटन की कार्यवाही शीघ्र किए जाने और जहां भूमि उपलब्ध हो चुकी है, वहां निर्माण कार्य जल्द शुरू करने के निर्देश दिए। निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थानों के क्रमोन्नयन के कार्य को गति दी जाए। जिन घोषणाओं के लिए राज्य स्तर या वित्त विभाग से स्वीकृति प्राप्त करनी है, उनके प्रस्ताव अतिशीघ्र तैयार कर भिजवाए जाएं। साथ ही, घोषणाओं की प्रगति की नियमित समीक्षा की जाए।
हर व्यक्ति की बनाएं आभा आईडी
खींवसर ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में संचालित स्वास्थ्य बीमा योजना को व्यापक रूप देते हुए मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के रूप में प्रारम्भ किया गया है। जल्द ही इस योजना में पीडियाटिक पैकेज एवं पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी प्रारम्भ हो जाएगी। आमजन में इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर लाभ पहुंचाएं। उन्होंने योजना के संबंध में स्वास्थ्यकार्मिकों को प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को तकनीकी रूप से भी मजबूत बनाया जा रहा है। हर व्यक्ति की आभा आईडी बनाई जा रही है। संभाग में शत-प्रतिशत लोगों की आभा आईडी बनाया जाना सुनिश्चित करें।
सुरक्षा व्यवस्था में नहीं रहे कोई कमी
चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए चिकित्सा मंत्री ने निर्देश दिए कि अस्पताल परिसर में संवेदनशील स्थानों पर उच्च क्षमता के सीसीटीवी कैमरे आवश्यक रूप से लगाएं। अस्पताल में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा गार्ड नियोजित किए जाएं। सभी अस्पतालों में हॉस्पिटल स्क्रीनिंग एवं वायलेंस प्रिवेंशन कमेटी का गठन सुनिश्चित किया जाए। सुरक्षा व्यवस्थाओं में किसी भी तरह की खामी नहीं रहे। उन्होंने कहा कि अति आवश्यक प्रकृति के कार्यों के लिए आरएमआरएस मद में उपलब्ध राशि का युक्ति संगत उपयोग किया जाए। साथ ही, आरएमआरएस की बैठकें नियमित रूप से आयोजित हों।
बजट घोषणाओं से संबंधित प्रस्ताव शीघ्र भिजवाएं
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि बजट घोषणाओं के काम टाइमलाइन में हो। हर घोषणा की एक टाइमलाइन निर्धारित कर काम को गति दें। नवीन चिकित्सा संस्थान खोलने, क्रमोन्नत करने, शैय्या वृद्धि, नवीन भवन निर्माण, विद्यमान भवनों का विस्तार, मरम्मत आदि से संबंधित प्रस्ताव शीघ्र प्रेषित किए जाएं। राज्य स्तर पर इन घोषणाओं की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां अविलम्ब जारी करनेे के प्रयास किए जा रहे हैं।
मां योजना के बेहतर संचालन के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
शुभ्रा सिंह ने कहा कि सभी अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के लिए दवा एवं जांच किट्स की पर्याप्त उपलब्धता रखी जाए। संयुक्त निदेशक एवं सीएमएचओ सहित अन्य अधिकारी मौसमी बीमारियों की नियमित मॉनिटरिंग करें। जल भराव वाले क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाए ताकि बीमारियों का प्रसार नहीं हो। उन्होंने जिला अस्पतालों में संचालित रामाश्रय वार्डों का सुचारू संचालन करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि आयुष्मान आरोग्य योजना के सुचारू संचालन हेतु जल्द ही प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
सीसीटीवी फुटेज की नियमित मॉनिटरिंग के निर्देश
सिंह ने कहा कि चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत चिकित्सालय में इमरजेंसी एवं भीड़भाड़ वाले स्थानों पर 24 घंटे सुरक्षा गार्ड मौजूद रहें। संदिग्ध व्यक्तियों पर विशेष नजर रखी जाए। नागरिकों मे एकल हैल्पलाइन नम्बर 112 का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार किया जाए। आउटसोर्स से लिये गये कार्मिकों का पुलिस वेरिफिकेशन आवश्यक रूप से किया जाए। चिकित्सा संस्थानों में नियंत्रण अधिकारियों द्वारा सुरक्षा व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया जाए। सीसीटीवी फुटेज एवं सीसीटीवी स्क्रीन की नियमित मॉनिटरिंग हो। अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए राजस्थान चिकित्सा परिचर्या सेवा कर्मी और चिकित्सा परिचर्या सेवा संस्था (हिंसा एवं सम्पत्ति का नुकसान) अधिनियम, 2008 के प्रावधानों की सभी स्वास्थ्य कर्मियों को उचित जानकारी एवं प्रशिक्षण दिया जाए।
96 प्रतिशत जिला अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि प्रदेश में मौसमी बीमारियों की स्थिति नियंत्रण में है। पिछले वर्ष की तुलना में केस करीब 50 प्रतिशत हैं। जोधपुर संभाग में भी मौसमी बीमारियों की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। प्रदेश में करीब 75 प्रतिशत चिकित्सा संस्थानों की जीओ टेगिंग की जा चुकी है। चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। अब तक 96 प्रतिशत जिला अस्पतालों में, 100 प्रतिशत उप जिला अस्पतालों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जा चुके हैं। पीएचसी स्तर तक सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने का कार्य प्रक्रियाधीन है। उन्होंने चिकित्सा संस्थानों में बायोमैटिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जोधपुर संभाग मे चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत 2300 करोड़ के कार्य प्रगतिरत
चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त निदेशक डॉ. रश्मि गुप्ता ने बताया कि जोधपुर संभाग में चिकित्सा शिक्षा विभाग के तहत 2300 करोड़ रूपए की लागत के 38 कार्य प्रगतिरत हैं। उन्होंने बताया कि जैसलमेर मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2025—26 में शैक्षणिक सत्र प्रारंभ किया जाना प्रस्तावित है। बाड़मेर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य दिसम्बर माह तक पूर्ण होगा। पाली मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य जून, 2025 तक पूरा होना प्रस्तावित है। इसी प्रकार मारवाड़ मेडिकल यूनिवर्सिटी, रीजनल कैंसर सेंटर का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है। जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज में 700 बैड की वृद्धि प्रक्रियाधीन है।बैठक में एसएन मेडिकल कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. भारती शाश्वत, अतिरिक्त प्रधानाचार्य डॉ. योगीराज, राजस्थान मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. राजेश शर्मा, जोधपुर संभाग के संयुक्त निदेशक, उप निदेशक, संभाग के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्य, अधीक्षक, प्रमुख चिकित्साधिकारी सहित राज्य स्तरीय अधिकारी एवं संभाग व जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।