भरत जोशी. जोधपुर
जीतने का जुनून हो तो जिस तरह से भारत के गुकेश ने मात्र 18 वर्ष की आयु में शतरंज में वर्ल्ड चैंपियनशिप और ग्रैंडमास्टर का खिताब जीता। ठीक उसी तरह जोधपुर में जन्मे निकेश शंकर आचार्य ने मात्र 6 वर्ष की आयु में लंदन में आयोजित आयु वर्ग 7 वर्ष और 8 वर्ष की जूनियर शतरंज प्रतियोगिता में दोहरा खिताब जीत कर जोधपुर, बीकानेर, राजस्थान और भारत का नाम रोशन किया है। लंदन में 29 व 30 दिसंबर को आयोजित लंदन जूनियर शतरंज प्रतियोगिता के 100 वें संस्करण में निकेश शंकर आचार्य ने अंडर सात एवं अंडर आठ आयु वर्ग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। सात राउंड के बाद पॉइंट और ट्राई ब्रेकर के बाद निकेश को विजेता घोषित किया गया। प्रथम स्थान आने पर निकेश को शील्ड, प्रशस्ति पत्र और भारतीय रूपये में नकद राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की गई। निकेश आचार्य 6 माह पूर्व ही परिवार के साथ लंदन गया था, जहां उसके पिता एक निजी कंपनी में एसोसिएट मैनेजर के पद पर कार्यरत है। उससे पहले बैंगलुरु में रहते हुए निकेश ने अपने आयु वर्ग में ऑन लाइन अनेक शतरंज प्रतियोगिताएं जीती है ।
यूनाइटेड किंग्डम में आयोजित क्वालीफाइंग प्रतियोगिता में निकेश ने नवंबर 24 में प्रथम प्रयास में ही क्लाइफाई कर लिया था। इसमें पूरे यूके से कुल 100 प्रतिभागियों ने क्वालीफाई किया। इनके बीच सात मैच खेले गये। निकेश के पिता नरेन शंकर मूल रूप से बीकानेर के निवासी हैं तथा माताजी स्नेहा पुरोहित जोधपुर निवासी है जो लगातार निकेश को खेल और मेंटली एक्टिविटीज में भाग लेने के लिए प्रोत्साहन देती है। निकेश के नाना शिवदत्त पुरोहित अपने जमाने के बेस्ट फुटबॉलर रहे हैं तथा आयकर विभाग, खांडेकर टूर्नामेंट में खेलते रहे हैं और नानी अरुणा अंजू पुरोहित ने भी निकेश के खेल को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार प्रेरित किया है। निकेश ने अपना छठा जन्मदिन 6 दिसंबर को ही मनाया है।