युवा पीढ़ी को आधुनिकता के साथ अपनी सभ्यता को भी संभाल कर रखने का दिया संदेश
पंकज बिंदास. जोधपुर
संत महापुरुषों के कथनानुसार माता-पिता और गौमाता की सेवा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन खुशियों से भर जाता है। इन्हीं कथनों से प्रेरित होकर जन-जन माता-पिता और गौमाता की सेवा का महत्व समझें। इसी प्रेरणाश्रोत नववर्ष 2025 के आगमन के उपलक्ष्य में गांव सबलपुर में “एक शाम माता-पिता व गौमाता के नाम” भक्ति स्वर गंगा का आयोजन हुआ।
आयोजक हनुमान प्रसाद, आशाराम व दीपक जांगिड़ ने बताया कि भक्ति स्वर गंगा में जोधपुर के गायक पंकज जांगिड़ व विजय लौहार ने गज्जू बिणजारी (ओर्गन), हारुन कालना (ओक्टोपेड), गिरधारी मनाणा (रिद्धम) व सीताराम सबलपुर (साउंड) के संगीतमय निर्देशन में माता-पिता व गौमाता की सेवा से ओतप्रोत भजनों की स्वर-गंगा प्रवाहित की, जिन पर उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो गए। भजन गायकों ने भजनों के माध्यम से कहा कि गौसेवा माता-पिता की सेवा के समान हैं।
गौसेवा मानव का पहला और सच्चा धर्म है। भारतीय समाज ऋषि मुनियों की धरोहर है और यहां की संस्कृति व सभ्यता पूरी दुनिया में श्रेष्ठ है। युवा पीढ़ी को संदेश देते हुए कहा कि आधुनिकता के साथ अपनी सभ्यता को भी संभाल कर रखे। भक्ति स्वर गंगा के दौरान गौसेवा निमित्त प्राप्त श्रद्धाभाव राशि गांव की गौशाला में भेंट की गई। इस आयोजन की व्यवस्था में भंवरलाल, ओमप्रकाश, गणपतलाल, श्रवणलाल, शिवराज, रामकरण, चांदमल, रतनलाल, शंकरलाल, दिनेश, संजय, रवि, सुरेश, अभिषेक आदि ने अमूल्य सेवाएं प्रदान की।