राइजिंग भास्कर डॉट कॉम. जैसलमेर
जैसलमेर के धोलिया गांव के एक युवक ने सूर्य की तरंगों से चलने वाला मोबाइल बनाने का दावा किया है, जुगाड़ से बनाए इस मोबाइल से दूसरे ग्रहों के लोगों से बात हो सकेगी। इस आशय की राइजिंग भास्कर ने गत साल 9 जून को खबर प्रकाशित की थी। यह युवक धोलिया गांव से गायब हो चुका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार खबर प्रकाशित होने के चार दिनों बाद ही इस युवक को गांव में नहीं देखा गया। हालांकि इस युवक ने दावा किया था बिना टॉवर के चलने वाला मोबाइल होगा। दुनिया में ऐसी टेक्नोलॉजी कहीं नहीं हैं।
युवक की पहचान गोपनीय रखी जा रही थी। युवक ने अपना गोपनीय प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा था। देश भर के वैज्ञानिक इस प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रहे थे। गौरतलब है कि जैसलमेर का धोलिया गांव परमाणु परीक्षण के स्थल के करीब है। इस गांव के एक युवक ने अपने जुगाड़ से एक ऐसा मोबाइल बनाने का दावा किया था जो सूर्य की तरंगों से चलेगा। हजारों प्रकाश वर्ष दूर तक ही इसकी रेंज होगी। सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले ग्रहों की गतिविधियों का इस मोबाइल के जरिए मॉनिटरिंग हो पाएगी। यह मोबाइल दूसरे ग्रहों के लागों से भी संपर्क स्थापित कर सकेगा। दुनिया में इस टेक्नोलॉजी के आधार पर अभी तक कोई मोबाइल नहीं बना है। इस युवक की पहचान गोपनीय रखी जा रही थी। इस युवक ने अपना प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दिया था और देश के चोटी के वैज्ञानिक इस पर आगे रिसर्च कर रहे थे। इस व्यक्ति ने अपनी जान खतरे में बताई थी और सुरक्षा की मांग की थी, मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस युवक को सुरक्षा उपलब्ध करवाते इससे पहले ही यह युवक गायब हो गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस युवक की पिछले जून से देश के वैज्ञानिक और सुरक्षा एजेंसियां तलाश कर रही है, मगर युवक कहीं दिखाई नहीं दिया। राइजिंग भास्कर ने इस युवक से मुलाकात की थी। यह युवक बेहद ही उत्साहित था और अपने प्रोजेक्ट के प्रति आशान्वित था। इस युवक ने मोबाइल का नमूना भी बताया था और उसकी कार्य प्रणाली भी बताई थी। एक आशंका यह भी जताई जा रही है कि इस युवक का संपर्क किसी अन्य ग्रह के प्राणी से हो गया हो और वह उस ग्रह पर चला गया हो। जब तक युवक का पता नहीं चल जाता कुछ भी नहीं कहा जा सकता। इधर भारत के वैज्ञानिक अभी तक इस प्रोजेक्ट के निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं, मगर युवक की बताई टेक्नोलॉजी में कई संभावनाएं भी नजर आ रही है। क्योंकि सूर्य से मोबाइल चलने का प्रोजेक्ट अपने आप में अनूठा है और सूर्य की तरंगों से अगर मोबाइल काम करता है तो उसका संपर्क कई प्रकाश वर्ष दूर तक हो सकता है।
