शिव वर्मा. जोधपुर
श्री साधु मार्गी जैन परम्परा के राष्ट्रीय सन्त आचार्य रामेश के सान्निध्य में जोधपुर के कमला नेहरू नगर प्रथम विस्तार, आचार्य नानेश मार्ग स्थित समता भवन में एवं पावटा बी रोड स्थित चौरडिया भवन में चातुर्मास गतिमान है। इन दोनों स्थानों पर 1 सितंबर से पर्युषण महापर्व मनाया जाएगा। समता भवन में साध्वी चन्द्रकला, शासन दीपिका काव्ययशा, जयामिश्री, श्रुतिप्रज्ञा के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व मनाया जाएगा। चौरडिया भवन में आचार्य रामेश की आज्ञानुवर्तीनी सुशिष्या साध्वी प्रभातश्री, शासन दीपिका साध्वी वरणश्री, साध्वी खुशालश्री, साध्वी शुभदाश्री के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व मनाया जाएगा। प्रवचन का समय दोनों ही स्थलों पर प्रात: 8.45 बजे का रखा गया है। दोनों ही स्थलों पर पुरुषों एवं महिलाओं के लिए प्रतिकमण की व्यवस्था भी रखी गई है।
पर्युषण पर्व के दौरान श्रावक, श्राविकाओं द्वारा सामायिक, प्रतिक्रमण, एकासन, आयम्बिल, उपवास, बेला, तेला, अठाई, दया भाव, दया व्रत, धार्मिक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम, उत्तराध्यायन सूत्र आदि का श्रवण एवं अनेकों तप, त्याग एवं धर्म आराधना के कार्य किए जाएंगे। समता भवन में साध्वी जयामिश्री ने अपने प्रवचन में फरमाया कि हमारा आहार शुद्ध एवं सात्विक होना चाहिए। हमारी पाचन शक्ति अगर कमजोर है तो गरिष्ठ भोजन भी हमें शक्ति देने की बजाय हमें कमजोरी देगा। हम अपना आहार धैर्यता के साथ करें तभी वह गुण करेगा। पावटा स्थित चौरडिया भवन में पर्यायज्येष्ठा प्रभातश्री ने अपने प्रवचन में फरमाया कि हमारा धर्म आडम्बर रहित होना चाहिए, सही मायने में धर्म करना है तो हम अपने आचरण और व्यवहार में धर्म को लाएं। हमारी धार्मिक क्रियाएं भटकाव वाली न होकर दृढ़ता वाली होनी चाहिए। बड़ी तपस्या में समता भवन में सुजाता मिन्नी ने 31 उपवास, अशोक पारख ने 15 उपवास, सुबोध मिन्नी ने 9 उपवास, मिताली भण्डारी ने 8 उपवास, शान्ता बाई सिसोदिया ने 8 उपवास और चौरडिया भवन में शगुन मुनोत ने 33 उपवास, अंजलि दुगड ने 9 उपवास की आराधना की। संचालन अनिल सांखला द्वारा किया गया।