मेरे गुरु हनुमान
हर पल मेरा साथ दे, मेरे गुरु हनुमान।
बल बुद्धि विद्या दे मुझे मेरे गुरु हनुमान।
उनके ही आशीष से मिले मुझे सम्मान,
मुझको प्रभु पर गर्व है मेरे गुरु हनुमान।
रोग दोष संकटों को हर लेते हनुमान,
प्राणों की रक्षा करे मेरे गुरु हनुमान।
अष्ट सिद्धि नौ निधि सहित ज्ञान और विज्ञान,
इनके ज्ञाता हैं स्वयं मेरे गुरु हनुमान।
अपने प्यारे भक्त को देते हैं वरदान,
कलयुग के हैं देवता मेरे गुरु हनुमान।
सुख समृद्धि प्रदान कर करे दूर अज्ञान,
अजर अमर हैं देव ये मेरे गुरु हनुमान।
जिनको अपनी शक्ति पर है बेहद अभिमान,
करते चूर घमंड को मेरे गुरु हनुमान।
मिलते इनकी भक्ति से श्री राम भगवान,
जिनके परम भक्त हैं मेरे गुरु हनुमान।
श्रद्धा भक्ति से करे जो भी इनका ध्यान,
दर्शन देते हैं उसे मेरे गुरु हनुमान।
गीतकार अनिल भारद्वाज, एडवोकेट, हाईकोर्ट ग्वालियर मध्यप्रदेश