भरत जोशी. जोधपुर
परमहंस स्वामी ईश्वरानंद गिरि महाराज द्वारा दईजर लाछा बासनी में स्थापित संवित धाम आश्रम में 2 मई शुक्रवार को प्रातः 8.30 बजे से आद्यगुरु शंकराचार्य जयंती वैदिक विधि विधान के साथ मनाई जाएगी। इसके तहत आश्रम के गुरु प्रांगण में विराजित शंकराचार्य, उनके गुरुदेव गोविंदपाद और परमगुरु गौडपाद के विग्रह का अभिषेक, पूजन, अर्चन किया जाएगा। वरिष्ठ संवित साधक महेश हर्ष, महेश जोशी, तरुण व्यास, विनोद त्रिवेदी के साथ सभी साधक सामूहिक रूप से पूजन करेंगे।
जोधपुर संवित साधनायन सोसायटी के उपाध्यक्ष दिनेशचन्द्र सिंहल और डॉ. सीएस कल्ला ने बताया कि सनातन धर्म की पुन:स्थापना, भारतीय दर्शन, धर्म को प्रतिष्ठित करने के साथ साथ चार मठ और बारह ज्योतिर्लिंग की स्थापना करने वाले आद्यगुरु शंकराचार्य की जयंती 2 मई को मनाई जाएगी। सामूहिक पूजन कार्यक्रम के तहत सर्वप्रथम प्रस्थान त्रय का पाठ होगा। उसके बाद प्रथम पांच शान्ति मंत्र का पाठ, श्री दक्षिणामूर्ति स्तोत्र के प्रथम पांच मंत्रों का पाठ, ब्रह्मसूत्र का पाठ, ईशावास्य उपनिषद् के मंत्रों का पाठ, श्री मदभगवत् गीता का पाठ, श्रीदक्षिणामूर्ति स्तोत्र के अंतिम पांच मंत्रों और उसके बाद अंतिम पांच शांति मंत्रों का पाठ, विग्रह का अभिषेक और 1008 बिल्व पत्रों और पुष्प से अर्चना भी की जाएगी।
संस्थान के ब्रजेश हर्ष और रामराज पुरोहित ने बताया कि संवित धाम आश्रम में वर्ष 2010 में गुरु परंपरा के तहत तीन विग्रह स्थापित किए गए थे, जिसमें पहला मुख्य विग्रह शंकराचार्य भगवान और उनके चार शिष्यों पद्मपाद, सुरेश्वर्याचार्य, हस्तामलक और तोटकाचार्य का है जबकि अन्य दो विग्रह शंकराचार्य के गुरुदेव अद्वैत वेदांत दर्शन के आचार्य गोविंद भगवत्पाद और उनके गुरुदेव तथा शंकराचार्य के परम गुरुदेव आचार्य गौड़पाद के विग्रह हैं। आश्रम परिसर में महिला साधक लक्ष्मी सोनी, दुर्गा व्यास, शशिबाला कल्ला, ऋतंभरा वशिष्ठ, त्रिपुरा वशिष्ठ, हेमांगी वशिष्ठ, डॉ. विमला पुरोहित, सुशीला नागर एवं संवित साधक संतोष व्यास, आलोक सोलंकी, अनुज अवस्थी, नेमाराम गहलोत, विनोद कल्ला, अशोक बोहरा, सतीश बोहरा सहित अनेक साधक कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग कर रहे हैं।
