नवधा भक्ति महोत्सव में संत ने किया साधकों का मार्गदर्शन
शिव वर्मा. जोधपुर
नवधा भक्ति महोत्सव के अंतर्गत चौथे दिन मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि मनुष्य जीवन कोई बंधन के लिए नहीं है। यह मानव जीवन तो मुक्त होने के लिए है। अगर किसी व्यक्ति के जीवन में भक्ति प्रकट होती है तो भगवान को वहां आना पड़ता है । फिर वहां से जाने का मन भी नहीं करता है। राम नाम से ही जीवन में साधन भक्ति उत्पन्न होती है। पादसेवन भक्ति के आचार्य श्री लक्ष्मी जी हैं। इस संसार में कोई अपना मानता है वह अपना नहीं है । वह केवल भगवान का ही है। गुरु के चरण ही ठाकुर के चरण है। जीव पर जब भगवान की विशेष कृपा होती है, जब ऐसा सत्संग सुनने का मौका मिलता है। संसार में जो जीव गुरु की सेवा करता है, वही साक्षात सेवा भगवान की सेवा हो जाती है। रात्रिकालीन सत्संग में राधा गोपाल प्रभु को कुंज में विराजमान करके सुंदर झांकी के द्वारा भक्तों को दर्शन कराए गए।
