कैवल्य उपनिषद् के मंत्रों से होगी गुरु हवन की पूर्णाहुति
भरत जोशी. जोधपुर
परमहंस परिव्राजकाचार्य स्वामी ईश्वरानंद गिरि महाराज द्वारा दईजर लाछा बासनी में स्थापित संवित धाम आश्रम में लगातार 6 रविवार को पंचदेव हवन और गुरु हवन के आयोजन का संकल्प लिया गया था। जिसके तहत गणपति हवन, देवी हवन, रुद्र हवन, सूर्य हवन, विष्णु हवन सम्पन्न हो चुके हैं । इस संकल्प का छठा व अंतिम गुरु हवन 12 जनवरी को होगा। गुरु हवन रविवार 12 जनवरी को प्रातः 9.30 बजे से प्रारंभ होगा जिसमें स्थापित देवता पूजन, स्थापित पीठ पूजन, षोडश मातृका पूजन के साथ सर्व प्रथम गणपति,देवी , शिव, विष्णु और और सूर्य के निमित्त आहुतियां दी जाएगी।
पंडित अंकित छंगाणी के आचार्यत्व में गणेश अथर्वशीर्ष , देवी कवच, श्रीसूक्त, रुद्र सूक्त, पुरुष सूक्त के वैदिक मंत्रों के साथ आहुतियां दी जाएगी। उसके पश्चात श्रीदक्षिणामूर्ति शत नामावली, श्रीगुरू शतनामावली , श्रीगुरू बीज मंत्र ओर कैवल्य उपनिषद् के मंत्रों के साथ अपराह्न 12 बजे पूर्णाहुति दी जायेगी। गुरु पूजन के तहत स्वामी ईश्वरानंद गिरि महाराज के श्री विग्रह का तथा उनकी पादुकाओं का अभिषेक, विशेष पूजन भी होगा।
संवित साधनायन संस्थान के अनिल राघवाणी और अनुज अवस्थी ने बताया कि सनातन वैदिक धर्म की रक्षार्थ, पर्यावरण की शुद्धि और नई पीढ़ी में भारतीय संस्कार देने के लिए धार्मिक,आध्यात्मिक अनुष्ठान, वैदिक पूजा, हवन नियमित रूप से संवित धाम में आयोजित किए गए। इसी कड़ी में लगातार 6 रविवार को पंचदेव हवन व गुरु हवन का आयोजन किया गया। हवन अनुष्ठान में अशोक बोहरा, सतीश बोहरा, नरेंद्र बोहरा, किशन गोपाल पुरोहित, डॉ अमरीश छंगाणी, भेरू सिंह राजपुरोहित, सुनील दाधीच सहित अनेक साधकों ने सहयोग किया।